Adani Group 2000 करोड़ घूसकांड: हाल ही में न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे और अन्य छह व्यक्तियों पर 2000 करोड़ रुपये की घूसखोरी और धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया। यह मामला विशेष रूप से अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से जुड़ा हुआ है, जिसके कारण पूरे अदानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।
Adani ग्रीन की ऐतिहासिक डील और विवाद
Adani ग्रीन एनर्जी ने कुछ समय पहले 45,000 करोड़ रुपये की एक मेगा डील जीती थी, जो दुनिया का सबसे बड़ा Renewable Energy Project था। इस प्रोजेक्ट के तहत कंपनी को Solar Energy Corporation of India (SECI) को सोलर पावर सप्लाई करनी थी। लेकिन इस डील से जुड़े वित्तीय लेन-देन और कथित भ्रष्टाचार ने परियोजना को विवादों में डाल दिया।
घूसखोरी के आरोप और विदेशी कनेक्शन
अमेरिकी कोर्ट के अनुसार, अदानी ग्रुप ने आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर की सरकारी बिजली कंपनियों से महंगी बिजली खरीदवाने के लिए घूस दी। इस घूस की कुल राशि करीब 2000 करोड़ रुपये थी, जिसे Shell Companies के माध्यम से दिया गया और इसे Consulting Fees के रूप में दिखाया गया।
विदेशी फंडिंग और फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट
अमेरिकी कानून Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) 1977 के तहत यह मामला गंभीर हो जाता है। आरोप है कि Adani Group ने अमेरिकी निवेशकों से लिए गए फंड्स का इस्तेमाल इस घूसखोरी के लिए किया। खास बात यह है कि यह फंड Institutional Investors और Bonds के माध्यम से आया था।
Adani Group के शेयरों में गिरावट
इस विवाद के बाद Adani Group की 11 कंपनियों के शेयर 15% से 20% तक गिर गए।
- Adani Enterprises: 18%-19% डाउन
- Adani Ports: 12% डाउन
- Adani Green: 16% से अधिक गिरावट
लगभग ₹2.25 लाख करोड़ निवेशकों का पैसा इस घोटाले की वजह से स्वाहा हो चुका है।
क्या निवेशकों को अब सतर्क रहना चाहिए?
यह घोटाला न केवल Adani Group की साख पर बुरा प्रभाव डालता है, बल्कि उन निवेशकों के लिए भी चिंता का कारण है जो पहले ही भारी नुकसान झेल चुके हैं। निवेशकों को अब यह तय करना होगा कि वे अदानी ग्रुप के शेयरों को होल्ड करें या घाटे में बेच दें। वहीं, कुछ नए निवेशक इस गिरावट को एंट्री पॉइंट मान रहे हैं।
अमेरिका में केस क्यों चल रहा है?
हालांकि यह मामला भारत का है, लेकिन अमेरिकी कानून के तहत विदेशी सरकारी अधिकारियों को घूस देने पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा, अमेरिकी Securities and Exchange Commission (SEC) ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
Adani Group के बचाव के चांस
इस मामले में Adani Group के बचने की संभावनाएं अभी बनी हुई हैं। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने FCPA को हटाने का वादा किया था। अगर यह कानून हटता है, तो अदानी ग्रुप पर कार्रवाई टल सकती है।
अदानी की CSR कमेटी पर सवाल
2019 में Adani ग्रीन ने Corporate Social Responsibility Committee का गठन किया और दावा किया कि वे कभी भी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होंगे। लेकिन वर्तमान मामले ने उनकी साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भविष्य का क्या है?
Adani Group के शेयरों की कीमतों और कोर्ट के फैसलों पर नजर रखना जरूरी है। इस केस से जुड़े नए अपडेट्स निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।
निष्कर्ष:
इस घोटाले ने Adani Group और उनके निवेशकों को बड़ा झटका दिया है। ऐसे में, निवेशकों को सतर्क रहकर ही अगले कदम उठाने चाहिए। वित्तीय दुनिया में हर कदम सोच-समझकर रखना जरूरी है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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