Bank Stock: ये 5 बैंकिंग शेयर बुक वैल्यू के नीचे, क्या निवेश का सही मौका है?

बुक वैल्यू किसी कंपनी की असली संपत्ति का मूल्य है, जो उसकी कुल संपत्ति में से सभी देनदारियां घटाने के बाद बचती है। इसे आमतौर पर प्रति शेयर आंका जाता है।

बुक वैल्यू = (इक्विटी कैपिटल + रिजर्व्स एंड सरप्लस) / शेयरों की संख्या
यह किसी कंपनी की वित्तीय सेहत और उसकी असली संपत्ति की वैल्यू को दर्शाता है। अगर कोई कंपनी अपना कारोबार बंद कर देती है, तो शेयरधारकों को बुक वैल्यू के आधार पर रकम मिलती है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

बुक वैल्यू से नीचे ट्रेड कर रहे टॉप 5 बैंकिंग शेयर

  1. Bank of India: 0.65x
  2. RBL Bank: 0.65x
  3. Union Bank: 0.85x
  4. J&K Bank: 0.86x
  5. Canara Bank: 0.94x

बुक वैल्यू से नीचे शेयर खरीदने के फायदे

  1. सस्ते में खरीदारी का मौका
    बुक वैल्यू से नीचे ट्रेड करने वाले शेयर अक्सर अंडरवैल्यूड होते हैं। यह संकेत देता है कि भविष्य में इनके दाम बढ़ सकते हैं।
  2. रिस्क में कमी
    अगर कंपनी की संपत्ति मजबूत है और शेयर बुक वैल्यू से नीचे है, तो इसका मतलब है कि वास्तविक संपत्ति उसकी कीमत से ज्यादा है। इससे नुकसान की संभावना कम हो जाती है।
  3. लॉन्ग टर्म निवेश के लिए फायदेमंद
    मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां अक्सर आर्थिक मंदी में बुक वैल्यू से नीचे मिलती हैं। लंबे समय में इनसे अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
  4. डिविडेंड का फायदा
    अगर कंपनी नियमित रूप से डिविडेंड देती है, तो इससे निवेशकों को अतिरिक्त रिटर्न मिलता है।

बुक वैल्यू से नीचे शेयर खरीदने के नुकसान

  1. कमजोर फंडामेंटल्स
    अगर कंपनी का फाइनेंशियल मैनेजमेंट खराब है या उद्योग में गिरावट है, तो शेयर की कीमत में वृद्धि की संभावना कम हो जाती है।
  2. ‘वैल्यू ट्रैप’ का खतरा
    हर अंडरवैल्यूड शेयर अच्छा निवेश नहीं होता। कभी-कभी खराब फंडामेंटल्स के कारण ये शेयर आकर्षक लगते हैं लेकिन ग्रोथ की संभावना नहीं होती।
  3. आय पर प्रभाव
    अगर कंपनी के प्रोडक्ट्स की डिमांड घट रही है या उसका कर्ज बढ़ रहा है, तो निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।

बुक वैल्यू से नीचे शेयर खरीदने से पहले ध्यान रखें

  1. फंडामेंटल एनालिसिस करें
    • आय और मुनाफा: कंपनी के पिछले वर्षों के आंकड़े चेक करें।
    • कर्ज: अधिक कर्ज वाली कंपनियां जोखिमपूर्ण होती हैं।
    • कैश फ्लो: कंपनी के पास नकदी की स्थिति कैसी है, यह जांचें।
  2. इंडस्ट्री का प्रदर्शन
    अगर इंडस्ट्री में गिरावट हो रही है, तो बुक वैल्यू से नीचे शेयर लेना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
  3. P/B Ratio चेक करें
    P/B Ratio = शेयर का बाजार मूल्य / बुक वैल्यू प्रति शेयर
    अगर P/B अनुपात 1 से कम है, तो शेयर बुक वैल्यू से नीचे है।

उदाहरण:

अगर किसी कंपनी की:

  • बुक वैल्यू प्रति शेयर (BVPS): ₹100
  • शेयर का बाजार मूल्य: ₹80
  • P/B Ratio: 0.8

अगर कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत हैं, तो यह निवेश के लिए अच्छा अवसर हो सकता है।

निष्कर्ष

बुक वैल्यू से नीचे शेयर खरीदने का फैसला तभी करें जब कंपनी की फंडामेंटल स्थिति मजबूत हो। निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च करें और वित्तीय सलाहकार से राय लेना न भूलें।

Read Also: Retirement Planning: रेगुलर इनकम के लिए म्यूचुअल फंड की कौन सी रणनीति बेहतर, SWP या डिविडेंड प्लान?

Read Also: बजट से पहले 47% तक छूट पर मिल रहे Railway Stocks: जानें कौन से शेयर हैं निवेश के लिए बेहतर

Read Also: HDFC AMC के Q3 FY25 के नतीजे: जानें क्यों है यह स्टॉक निवेशकों के लिए आकर्षक

FAQs

1. बुक वैल्यू से नीचे शेयर का मतलब क्या होता है?
बुक वैल्यू से नीचे शेयर का मतलब है कि शेयर का बाजार मूल्य कंपनी की वास्तविक संपत्ति (बुक वैल्यू) से कम है। यह संकेत देता है कि शेयर अंडरवैल्यूड हो सकता है, लेकिन इसके पीछे कंपनी के कमजोर फंडामेंटल्स या बाजार में मंदी जैसे कारण भी हो सकते हैं।

2. क्या बुक वैल्यू से नीचे शेयर खरीदना हमेशा फायदेमंद होता है?
नहीं, यह हमेशा फायदेमंद नहीं होता। बुक वैल्यू से नीचे ट्रेड करने वाले शेयर में निवेश तभी करें जब कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत हों, उसका मैनेजमेंट कुशल हो और इंडस्ट्री में ग्रोथ पोटेंशियल हो। अन्यथा, यह “वैल्यू ट्रैप” साबित हो सकता है।

3. P/B Ratio कैसे मदद करता है निवेश का निर्णय लेने में?
P/B Ratio यह बताता है कि कोई शेयर बुक वैल्यू के मुकाबले सस्ता है या महंगा। अगर P/B Ratio 1 से कम है, तो शेयर बुक वैल्यू से नीचे ट्रेड कर रहा है। हालांकि, इसका उपयोग करने के साथ-साथ कंपनी के फंडामेंटल्स, इंडस्ट्री ट्रेंड और कर्ज जैसे पहलुओं का विश्लेषण करना भी जरूरी है।

Leave a Comment