🔴 अमेरिका द्वारा चीनी सामान पर भारी टैरिफ लगाने के बाद, भारत में सस्ते चीनी उत्पादों की बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है! जानिए सरकार कैसे कर रही है इससे निपटने की तैयारी।
अमेरिका का नया टैरिफ और भारत पर असर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को “Reciprocal Tariff” लागू करने के आदेश पर साइन किए हैं। इसके तहत अमेरिका ने कई देशों से आने वाले सामानों पर 10% से 50% तक अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है, जो 6 अप्रैल से लागू होगा।
देश | नया टैरिफ (%) | पहले का टैरिफ (%) | कुल टैरिफ (%) |
---|---|---|---|
भारत | 26% | 0% | 26% |
चीन | 34% | 20% | 54% |
अन्य देश | 10-50% | – | – |
🔹 भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया है।
🔹 चीन पर 34% का नया अतिरिक्त टैरिफ (पहले से मौजूद 20% ड्यूटी के अलावा), जिससे कुल टैरिफ 54% हो गया है।
🔹 सितंबर 2023 में जो बाइडेन प्रशासन ने पहले ही कई चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाया था, जिससे अब चीनी माल अमेरिका में महंगा हो जाएगा।
भारत में बढ़ सकता है चीनी सामान का आयात-डंपिंग का बड़ा खतरा!
अमेरिकी टैरिफ बढ़ने के कारण चीन अब अपने उत्पादों को अन्य बाजारों में धकेलने की कोशिश करेगा, और भारत उन देशों में से एक है जहां चीनी सामान की मांग बनी रहती है।
✅ भारत पहले से ही चीन से भारी मात्रा में आयात करता है:
- वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) में भारत ने चीन से 103.7 अरब डॉलर का सामान आयात किया, जो पिछले साल की तुलना में 10.4% अधिक है।
- भारत से चीन को होने वाला निर्यात 15.7% घटकर 12.7 अरब डॉलर रह गया है।
✅ सबसे ज्यादा आयात होने वाले चीनी उत्पाद:
उत्पाद श्रेणी | मुख्य उत्पाद |
---|---|
इलेक्ट्रॉनिक्स | मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविजन, टेलीकॉम उपकरण |
कंप्यूटर हार्डवेयर | सेमीकंडक्टर्स, चिप्स, प्रोसेसर |
प्लास्टिक और केमिकल | प्लास्टिक कच्चा माल, औद्योगिक केमिकल्स |
भारी उपकरण | क्रेन, एलिवेटर गाइड रेल, ग्लास फाइबर |
🔴 डंपिंग (Dumping) क्या है?
जब किसी देश का कोई उत्पाद उसकी घरेलू कीमत से कम कीमत पर दूसरे देशों में बेचा जाता है, तो इसे डंपिंग कहा जाता है। इससे लोकल इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो सकता है और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बुरा असर पड़ सकता है।
भारत सरकार की रणनीति: डंपिंग रोकने के लिए हाई-लेवल प्लान
✅ भारत सरकार पहले से ही चीनी उत्पादों पर नजर बनाए हुए है और कई कड़े कदम उठा रही है:
- डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) के जरिए चीनी उत्पादों पर सख्ती बढ़ाई जा रही है।
- केमिकल, ग्लास फाइबर, एलिवेटर गाइड रेल, लो ऐश मेट कोक और क्रेन जैसे उत्पादों पर एंटी-डंपिंग टैक्स (Anti-Dumping Duty) लगाने की प्रक्रिया चल रही है।
- वाणिज्य मंत्रालय चीन से आयातित हर उत्पाद की गहन समीक्षा कर रहा है।
- हाई-लेवल मीटिंग्स में चीन से बढ़ते आयात को नियंत्रित करने की रणनीति पर काम चल रहा है।
- सरकार इम्पोर्ट रेगुलेशंस को सख्त करने और “मेक इन इंडिया” अभियान को बढ़ावा देने की तैयारी में है।
निष्कर्ष: भारत को उठाने होंगे कड़े कदम!
✅ चीन से आयातित सस्ते सामान की बाढ़ से भारतीय उद्योगों को बड़ा झटका लग सकता है।
✅ सरकार को डंपिंग रोधी कर (Anti-Dumping Tax) और सख्त इम्पोर्ट पॉलिसी लागू करनी होगी।
✅ “मेक इन इंडिया” और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को और बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि चीन पर निर्भरता कम हो सके।
क्या भारत को चीनी उत्पादों पर और सख्त प्रतिबंध लगाने चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!
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FAQs
🔵 1. अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से भारत पर क्या असर होगा?
✅ अमेरिका में टैरिफ बढ़ने से चीन अब अपने उत्पादों को दूसरे देशों में डंप करने की कोशिश करेगा। ऐसे में भारत में सस्ते चीनी सामान की बाढ़ आ सकती है, जिससे घरेलू उद्योगों को भारी नुकसान हो सकता है।
🔵 2. भारत सरकार चीनी डंपिंग को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है?
✅ भारत सरकार ने DGTR के जरिए एंटी-डंपिंग टैक्स लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। साथ ही, चीनी आयात पर सख्त निगरानी रखी जा रही है और कई उत्पादों पर नई जांच चल रही है।
🔵 3. भारत किन चीनी उत्पादों का सबसे ज्यादा आयात करता है?
✅ भारत मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर हार्डवेयर, टेलीकॉम उपकरण, केमिकल, प्लास्टिक रॉ मटेरियल और क्रेन का भारी मात्रा में आयात चीन से करता है।
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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