ग्रीन स्टील (Green Steel) से तात्पर्य ऐसे स्टील के उत्पादन से है, जिसमें कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। पारंपरिक स्टील उत्पादन में जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है, जबकि Green Steel के उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे हाइड्रोजन, पवन और सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
इस्पात मंत्रालय का प्रस्ताव और वित्त मंत्रालय की प्रतिक्रिया
इस्पात मंत्रालय ने Green Steel की थोक खरीद के लिए एक केंद्रीय संगठन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था, जो एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) की तर्ज पर काम करता। ईईएसएल, ऊर्जा दक्षता बढ़ाने वाले उत्पादों की थोक खरीद करता है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकारी परियोजनाओं के लिए स्टील की खरीद ठेकेदारों के माध्यम से होती है, न कि सरकार के द्वारा। इसलिए, एक केंद्रीय संगठन की स्थापना “अनावश्यक” है।
Green Steel पर प्रीमियम और संभावित बजट प्रभाव
इस्पात मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, Green Steel पर 10% और 15% प्रीमियम का विचार किया जा रहा है।
- 10% प्रीमियम: वर्ष 2026 में इसका बजट प्रभाव ₹1,223 करोड़ हो सकता है, जो 2030-31 तक ₹5,820 करोड़ तक पहुंच सकता है।
- 15% प्रीमियम: वर्ष 2026 में बजट प्रभाव ₹1,834 करोड़ और वित्त वर्ष 31 में ₹8,730 करोड़ तक हो सकता है।
Green Steel की मांग और सरकार का दृष्टिकोण
इस्पात मंत्रालय ने कहा कि ग्रीन स्टील की मांग को बढ़ावा देने के लिए जीपीपी (Green Public Procurement) नीति का ढांचा तैयार किया जा रहा है। मंत्रालय ने आधारभूत ढांचे से जुड़े मंत्रालयों जैसे सड़क, रेलवे और बिजली मंत्रालय को न्यूनतम ग्रीन स्टील खरीद की सीमा तय करने का प्रस्ताव भेजा है।
Green Steel उत्पादन का भविष्य
भारत के सार्वजनिक क्षेत्र में स्टील की कुल खपत 2022-23 के 2.5 करोड़ टन से बढ़कर वित्त वर्ष 31 में 6.7-7.3 करोड़ टन होने का अनुमान है। हालांकि, उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रीन स्टील की खरीद का निर्णय स्टील उद्योग से अलग किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे इसकी आपूर्ति श्रृंखला और प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है।
निष्कर्ष
Green Steel का उत्पादन भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकता है। हालांकि, वित्त मंत्रालय द्वारा थोक खरीद संगठन के प्रस्ताव को खारिज करना दर्शाता है कि ग्रीन स्टील को अपनाने के लिए अलग रणनीति की आवश्यकता होगी। भारत में ग्रीन स्टील की मांग को प्रोत्साहित करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों का योगदान जरूरी होगा।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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