Mishtann Foods: एक बार फिर शेयर बाजार में एक चौंकाने वाला स्कैम सामने आया है। इस बार मामला मिष्टान फूड्स (Mishtann Foods) का है, जिसे सेबी (SEBI) ने “Accounting Fraud” के लिए एक्सपोज किया है। इस घोटाले ने न सिर्फ 4 लाख से अधिक रिटेल इन्वेस्टर्स को भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि बाजार में निवेशकों के भरोसे पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, जानते हैं इस घोटाले की पूरी कहानी और कैसे आप ऐसे धोखों से बच सकते हैं।
Mishtann Foods: एक परिचय
1981 में HICA Cements Private Limited के रूप में शुरू हुई यह कंपनी बाद में Mishtann Foods में परिवर्तित हो गई। वर्तमान में कंपनी मुख्यतः चार सेगमेंट्स में काम करती है:
- बासमती राइस: कुल रेवेन्यू का 92% यहीं से आता है।
- सॉल्ट: 500 ग्राम से 1 किलोग्राम की पैकेजिंग में उपलब्ध।
- दाल और वीट: विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग में।
- प्रोसेसिंग यूनिट्स: क्लीनिंग, ग्राइंडिंग और पैकेजिंग का काम करती हैं।
हालांकि, कंपनी का असली कारोबार इसके फर्जी आंकड़ों की वजह से सवालों के घेरे में है।
कैसे हुआ घोटाला?
सेबी को 16 सितंबर 2022 को SCORES प्लेटफॉर्म के जरिए Mishtann Foods के खिलाफ शिकायत मिली। जांच में कई गंभीर वित्तीय गड़बड़ियां सामने आईं:
- Fake Entities:
- कंपनी ने फर्जी बायर्स और सप्लायर्स बनाए।
- ये बायर्स और सप्लायर्स असल में प्रमोटर्स के ही रिश्तेदारों की फर्जी कंपनियां थीं।
- GST Fraud:
- 78 करोड़ रुपये का GST फ्रॉड।
- मैनेजिंग डायरेक्टर हितेश कुमार गौरीशंकर पटेल की गिरफ्तारी।
- Revenue Manipulation:
- 2014 में 5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दिखाने वाली कंपनी 2022 में 1200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
- लेकिन, Cash Flow लगातार नेगेटिव रहा।
- Dummy Transactions:
- जैसे ही टॉप बायर्स और सप्लायर्स की जांच हुई, पता चला कि ये कंपनियां असल में अस्तित्व में ही नहीं थीं।
- Arihant Corporation जैसी कंपनियों का नाम सामने आया, जो असल में मिष्टान फूड्स से ही जुड़ी हुई थीं।
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सेबी की जांच और कंपनी की चालाकियां
सेबी ने जब कंपनी से डॉक्यूमेंट्स मांगे तो Mishtann Foods ने दावा किया कि 2022 में आग लगने से सारे डॉक्यूमेंट्स जल गए। इसके बावजूद सेबी ने स्वतंत्र जांच की।
- Arihant Corporation: 175 करोड़ रुपये की सेल के बावजूद, यह कंपनी असल में Mishtann Foods के पूर्व डायरेक्टर के तहत ही काम कर रही थी।
- Cropberry: यह फर्जी कंपनी थी, जिसने Mishtann Foods की 50% से अधिक परचेज की थी।
सेबी ने ऑडिटर्स से भी सवाल किए, लेकिन ऑडिटर जसवंत मणिलाल पटेल ने खुद को डेटा की सत्यता से अनभिज्ञ बताया।
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आम निवेशकों के लिए बड़ा सबक
इस घोटाले ने दिखा दिया कि सिर्फ रेवेन्यू और प्रॉफिट ग्रोथ देखकर निवेश करना खतरनाक हो सकता है। यहां कुछ संकेत हैं, जिन पर निवेशकों को ध्यान देना चाहिए:
- Trade Receivables:
- मिष्टान फूड्स के ट्रेड रिसीवेबल्स तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन कैश फ्लो नेगेटिव था।
- Depreciation:
- कंपनी ने अपने एसेट्स का डिप्रिसिएशन नहीं दिखाया।
- CFO (Cash Flow from Operations):
- प्रॉफिट तो दिखाया गया, लेकिन कैश इनफ्लो लगातार नेगेटिव था।
निवेशकों के लिए टिप्स
- Fundamental Analysis:
- हमेशा कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स की गहराई से जांच करें।
- Management Analysis:
- कंपनी के प्रमोटर्स और मैनेजमेंट की पृष्ठभूमि की जांच करें।
- Forensic Analysis:
- रेवेन्यू और प्रॉफिट के आंकड़ों की वैरिफिकेशन करें।
निष्कर्ष
Mishtann Foods का घोटाला एक चेतावनी है कि शेयर बाजार में आंख मूंदकर निवेश करना भारी नुकसान दे सकता है। इसलिए निवेश से पहले डिटेल एनालिसिस करें और केवल भरोसेमंद कंपनियों में ही अपना पैसा लगाएं। निवेशक हमेशा याद रखें: पैसा आपका है, जिम्मेदारी भी आपकी है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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