क्या Nifty 26,000 तक पहुंचेगा? जानिए किन सेक्टर्स में दिख रही है जबरदस्त तेजी!

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म UBS ने भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है और अगले 12 महीनों में Nifty 50 के लिए 26,000 का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो वर्तमान स्तर से लगभग 6% की संभावित वृद्धि को दर्शाता है।

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UBS के अनुसार तेजी के चार प्रमुख कारण:

  1. उपभोग-आधारित रिकवरी: UBS को उम्मीद है कि FY26 और FY27 में उपभोग में सुधार होगा, जो FY25 में कमजोर उपभोग और पूंजीगत व्यय के बाद आएगा।
  2. कम तेल कीमतें: गिरती कच्चे तेल की कीमतें GDP वृद्धि का समर्थन करेंगी और मुद्रास्फीति के दबाव को कम करेंगी।
  3. वैश्विक मंदी के खिलाफ भारत की स्थिति: UBS का मानना है कि भारत अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक आर्थिक मंदी के प्रभावों का सामना करने में बेहतर स्थिति में है।
  4. आकर्षक मूल्यांकन: Nifty का एक-वर्षीय फॉरवर्ड PE अनुपात पिछले 7–8 वर्षों के औसत के अनुरूप है, जो बाजार के उचित मूल्यांकन को दर्शाता है।

संभावित जोखिम: वैश्विक मंदी का प्रभाव

UBS ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक आर्थिक वृद्धि कमजोर होती है, तो Nifty 50 में 6% तक की गिरावट हो सकती है, क्योंकि FY26 के लिए 13% की आम सहमति आय वृद्धि अनुमानित 8% तक गिर सकती है।

UBS के पसंदीदा सेक्टर्स:

  • वित्तीय सेवाएं: बैंकिंग क्रेडिट वृद्धि, बेहतर प्रणालीगत तरलता, अनुकूल ब्याज दर वातावरण और नियामक समर्थन से प्रेरित होकर।
  • उपभोग: खुदरा, FMCG, दोपहिया वाहन और यात्रा क्षेत्र, सरकारी प्रोत्साहन और मजबूत ग्रामीण मांग से लाभान्वित होंगे।
  • ऑटोमोबाइल: उपभोक्ता भावना में सुधार के साथ, दोपहिया और यात्री वाहन खंडों में मजबूत वृद्धि की संभावना है।
  • रियल एस्टेट: मांग में सुधार और कम ब्याज दरों जैसे सहायक मैक्रो परिस्थितियों से लाभान्वित होगा।

तकनीकी विश्लेषण: समर्थन और प्रतिरोध स्तर

  • वर्तमान स्तर: Nifty 50 वर्तमान में लगभग 24,414.4 पर कारोबार कर रहा है।
  • समर्थन स्तर: 24,200 से 24,230 के बीच, और व्यापक समर्थन क्षेत्र 24,000 से 23,900 के बीच है।
  • 200-दिवसीय SMA: वर्तमान में लगभग 23,649 पर, जो किसी भी संभावित गिरावट को रोकने में मदद कर सकता है।
  • प्रतिरोध स्तर: 24,600 के पास, जो एक महत्वपूर्ण ब्रेकआउट बिंदु के रूप में कार्य करता है।

निष्कर्ष

UBS का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार, विशेष रूप से Nifty 50, अगले 12 महीनों में 26,000 के स्तर तक पहुंच सकता है, बशर्ते वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां अनुकूल रहें। हालांकि, वैश्विक मंदी की स्थिति में सतर्कता बरतना आवश्यक है।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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