निफ्टी 50 (Nifty 50) को लेकर CLSA के ग्लोबल चार्टिस्ट Laurence Balanco ने एक महत्वपूर्ण अनुमान लगाया है। उनके मुताबिक, भारतीय बाजार दीर्घकालिक (long-term) दृष्टिकोण से 37,000–42,000 के स्तर तक जा सकता है।
भारतीय बाजार में तेजी बनी रहेगी
Balanco के अनुसार, भारत उभरते बाजारों (emerging markets) में एक मजबूत लीडर बना रहेगा और ग्लोबल बेंचमार्क की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को अब “buy on dips” (गिरावट पर खरीदारी) की रणनीति अपनानी चाहिए, क्योंकि बाजार में हर बड़ी गिरावट के बाद मजबूती से वापसी हो रही है।
उन्होंने CNBC-TV18 से बातचीत में कहा,
“50-day moving average के ऊपर ब्रेकआउट होना एक मजबूत संकेत है। यह इंगित करता है कि अब बाजार की प्रवृत्ति ‘sell on rally’ से ‘buy on dips’ की ओर शिफ्ट हो रही है।”
प्राइवेट बैंक और NBFCs लीड करेंगे रैली
Balanco ने बताया कि Kotak Mahindra Bank, ICICI Bank और Bajaj Finance जैसी कंपनियां इस तेजी में मुख्य भूमिका निभा सकती हैं।
- Kotak Mahindra Bank – पिछले ढाई साल के रेंज-बाउंड मूवमेंट के बाद ब्रेकआउट दिखा रहा है।
- HDFC Bank – ब्रेकआउट के बाद मजबूत पकड़ बना चुका है।
- ICICI Bank – ऑल-टाइम हाई स्तरों पर पहुंच चुका है।
- Bajaj Finance – मल्टी-ईयर ट्रेडिंग रेंज ब्रेकआउट दर्शा रहा है, जो आगे मजबूत उछाल का संकेत देता है।
कच्चे तेल (Brent Crude) में भारी गिरावट संभव
Balanco ने कच्चे तेल की कीमतों को लेकर भी एक बड़ा अनुमान लगाया है। उनके अनुसार, Brent Crude की कीमत $50 प्रति बैरल तक गिर सकती है, जो मौजूदा $74 के स्तर से 33% की गिरावट को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि $70-$71 प्रति बैरल का स्तर पिछले 18 महीनों से मजबूत सपोर्ट बना हुआ है, लेकिन हर बार इस रेंज से ऊपर जाते ही बिकवाली का दबाव बढ़ जाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतें और नीचे आ सकती हैं।
अमेरिकी डॉलर का 14 साल पुराना अपट्रेंड खत्म?
Balanco ने कहा कि US Dollar Index अब टॉप आउट (top out) करने के संकेत दे रहा है।
- 2011 से अमेरिकी डॉलर लगातार अपट्रेंड में था, लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि यह गिरावट की ओर बढ़ सकता है।
- सितंबर 2022 के हाई के मुकाबले, दिसंबर में डॉलर एक लोअर हाई बना चुका है, जो एक कमजोर संकेत हो सकता है।
निष्कर्ष
CLSA के अनुसार, निफ्टी 50 लंबी अवधि में 42,000 तक जा सकता है, खासकर प्राइवेट बैंकों और NBFCs के मजबूत प्रदर्शन की वजह से। कच्चे तेल में 33% गिरावट और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक हो सकती है। निवेशकों को इस तेजी का लाभ उठाने के लिए गिरावट में खरीदारी (buy on dips) की रणनीति अपनाने की सलाह दी गई है।
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FAQs
1. निफ्टी 50 कब तक 42,000 तक पहुंच सकता है?
Laurence Balanco के अनुसार, यह एक लॉन्ग-टर्म (long-term) लक्ष्य है, जो अगले कुछ वर्षों में हासिल हो सकता है।
2. कौन-कौन से सेक्टर तेजी दिखा सकते हैं?
प्राइवेट बैंक (Kotak Mahindra Bank, ICICI Bank, HDFC Bank) और NBFCs (Bajaj Finance) इस रैली को लीड कर सकते हैं।
3. Brent Crude की कीमतों में गिरावट का भारतीय बाजार पर क्या असर होगा?
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट महंगाई (inflation) को कम कर सकती है और भारतीय इकॉनमी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
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