रिटायरमेंट के बाद नियमित आय सुनिश्चित करना हर नौकरीपेशा व्यक्ति के वित्तीय लक्ष्यों में शामिल होना चाहिए। सैलरी बंद होने के बाद भी खर्चे और जीवनशैली जारी रहती है। ऐसे में, म्यूचुअल फंड के सिस्टमेटिक विदड्रॉअल प्लान (SWP) और डिविडेंड प्लान दो ऐसे विकल्प हैं, जो रिटायरमेंट के दौरान आपको स्थिर आय प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, इन दोनों योजनाओं की अपनी-अपनी विशेषताएं और लाभ हैं, जिनका चुनाव आपकी जरूरतों और टैक्स बचत की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
SWP: एक ऑटोमेटिक और नियमित आय का जरिया
सिस्टमेटिक विदड्रॉअल प्लान (SWP) म्यूचुअल फंड का एक ऐसा विकल्प है, जिसके तहत आप अपने निवेश से नियमित अंतराल पर एक तयशुदा राशि निकाल सकते हैं। यह योजना खासतौर पर रिटायरमेंट के दौरान उपयोगी होती है, जब आपको अपनी बचत को धीरे-धीरे खर्च करने की जरूरत होती है।
SWP कैसे काम करता है?
- निवेशक अपनी निकासी का शेड्यूल तय करते हैं।
- यह मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर हो सकता है।
- AMC (Asset Management Company) तय तारीख को यूनिट्स बेचकर राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर करती है।
- निवेशक चाहें तो केवल गेन की राशि निकाल सकते हैं, जिससे मूल निवेश राशि सुरक्षित रहती है।
SWP के फायदे
- टैक्स में बचत: SWP से निकाली गई राशि पर केवल गेन के हिस्से पर ही Capital Gains Tax लगता है।
- लचीलापन: आप निकासी की राशि और समय को अपनी जरूरतों के अनुसार बदल सकते हैं।
- लंबे समय तक कॉर्पस का प्रबंधन: SWP से आपका निवेश लंबे समय तक जारी रह सकता है, क्योंकि आप केवल आंशिक निकासी करते हैं।
- बाजार की बढ़त का फायदा: आपका शेष निवेश बाजार की संभावित वृद्धि से लाभ उठाता है।
उदाहरण:
यदि आपने ₹10 लाख निवेश किए और हर महीने ₹10,000 SWP के तहत निकासी करते हैं, तो केवल इस निकासी में शामिल गेन के हिस्से पर टैक्स लगेगा। यदि आपके ₹10,000 में से ₹2,000 गेन है, तो टैक्स केवल इस ₹2,000 पर लगेगा।
डिविडेंड प्लान: नियमित लेकिन अस्थिर इनकम का विकल्प
डिविडेंड प्लान के तहत फंड हाउस म्यूचुअल फंड के मुनाफे का एक हिस्सा निवेशकों के बीच बांटता है। यह एक आकर्षक विकल्प है, खासतौर पर उन निवेशकों के लिए जो नियमित आय चाहते हैं लेकिन बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर रह सकते हैं।
डिविडेंड प्लान कैसे काम करता है?
- डिविडेंड का भुगतान: फंड के मुनाफे के आधार पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) निवेशकों को समय-समय पर डिविडेंड देती है।
- डिविडेंड की राशि: यह राशि यूनिट्स की संख्या और फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
डिविडेंड प्लान के फायदे और सीमाएं
- फायदे:
- आसान और सीधा विकल्प।
- निवेशकों को नियमित अंतराल पर इनकम मिलती है।
- सीमाएं:
- अस्थिरता: डिविडेंड की राशि और भुगतान का समय निश्चित नहीं होता।
- टैक्सेशन: डिविडेंड राशि पूरी तरह से टैक्सेबल होती है और यह आपके टैक्स स्लैब में जुड़ जाती है।
- मूल पूंजी पर प्रभाव: डिविडेंड में निवेश की गई मूल राशि का हिस्सा भी शामिल हो सकता है।
उदाहरण:
यदि फंड ने ₹100 का डिविडेंड दिया और आप 30% टैक्स स्लैब में हैं, तो आपको ₹30 टैक्स के रूप में चुकाने होंगे।
SWP बनाम डिविडेंड प्लान: कौन है बेहतर?
विशेषज्ञों के अनुसार, जब नियमित निकासी की बात आती है, तो SWP टैक्स एफिशिएंट और अधिक स्थिर विकल्प है।
- टैक्स लाभ:
- डिविडेंड पर पूरी राशि टैक्सेबल है।
- SWP में केवल गेन के हिस्से पर टैक्स लगता है।
- अस्थिरता:
- डिविडेंड की राशि और समय फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
- SWP के तहत राशि तयशुदा होती है।
- लंबी अवधि का प्रबंधन:
- SWP से आप अपनी बचत को लंबे समय तक चलने योग्य बना सकते हैं।
- डिविडेंड प्लान में मूल निवेश जल्दी समाप्त हो सकता है।
टॉप-5 रिटायरमेंट फंड्स का प्रदर्शन
पिछले तीन वर्षों में टॉप-5 रिटायरमेंट फंड्स ने निवेशकों को औसतन 11-16% का रिटर्न दिया है।
फंड का नाम | 3 साल का रिटर्न (%) | कुल वैल्यू (₹) |
---|---|---|
ICICI Prudential Retirement Fund – Pure Equity Plan | 16.32 | 1,57,385 |
HDFC Retirement Savings Fund – Equity Plan | 16.03 | 1,56,211 |
ICICI Prudential Retirement Fund – Hybrid Aggressive Plan | 13.82 | 1,47,454 |
Nippon India Retirement Fund – Wealth Creation Scheme | 13.27 | 1,45,326 |
HDFC Retirement Savings Fund – Hybrid Equity Plan | 11.97 | 1,40,380 |
निष्कर्ष: रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए क्या है सही विकल्प?
यदि आप रिटायरमेंट के बाद स्थिर और टैक्स-एफिशिएंट इनकम चाहते हैं, तो SWP आपके लिए बेहतर विकल्प है। यह आपको अपनी जरूरतों के अनुसार नियमित आय प्राप्त करने की सुविधा देता है और आपके निवेश को लंबे समय तक प्रासंगिक बनाए रखता है।
हालांकि, अगर आप बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर रह सकते हैं और कम टैक्स स्लैब में आते हैं, तो डिविडेंड प्लान एक सरल विकल्प हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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