SEBI Circular 2025: शेयर बाजार में बड़ा बदलाव! रिटेल निवेशकों के लिए नया नियम लागू

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी खबर आई है। SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने एक नया सर्कुलर जारी किया है, जो Algorithmic Trading यानी Algo Trading से जुड़े नए नियमों को स्पष्ट करता है। आइए जानते हैं कि यह नया सर्कुलर क्या कहता है और इसका बाजार पर क्या असर होगा।

SEBI का नया सर्कुलर: अब Algo Trading होगी रेगुलेटेड!

Algo Trading को Automated Trading या Quantitative Trading भी कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करके तेज़ और सटीक लेन-देन किया जाता है, जिसमें किसी इंसान का हस्तक्षेप नहीं होता।

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अब SEBI ने इसे लेकर नए नियम जारी किए हैं, जिसके अनुसार:

  • रिटेल निवेशक केवल ब्रोकर के जरिए ही Algo Trading कर सकेंगे।
  • कोई थर्ड-पार्टी Algo Provider नहीं होगा, बल्कि ब्रोकर ही एल्गो सुविधा देगा।
  • हर Algo Strategy के लिए एक्सचेंज की मंज़ूरी अनिवार्य होगी।
  • Algo Provider ब्रोकर के एजेंट की तरह काम करेंगे।

SEBI का यह सख्त कदम रिटेल निवेशकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है, जिससे बाजार में पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ेगा।

Algo Trading कैसे काम करती है?

Algo Trading में पूर्व-निर्धारित गणितीय फॉर्मूले और लॉजिक के आधार पर शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है। यह ट्रेडिंग तेज़ गति, उच्च सटीकता और कम लागत के कारण फायदेमंद होती है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

  1. Algo Strategy का निर्माण: निवेशक या फर्म एक एल्गोरिदम बनाते हैं, जो बाजार की स्थिति के आधार पर Buy/Sell Signals उत्पन्न करता है।
  2. ऑर्डर निष्पादन: जैसे ही पूर्व-निर्धारित शर्तें पूरी होती हैं, ट्रेडिंग सिस्टम स्वतः ही ऑर्डर प्लेस कर देता है।
  3. रियल-टाइम मॉनिटरिंग: यह एल्गोरिदम लाइव मार्केट डेटा को मॉनिटर करता है और ट्रेडिंग रणनीति को अपडेट करता है।

Algo Trading के प्रकार

Algo Trading कई प्रकार की होती है, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:

  1. Market Making – इसमें Bid & Ask Price के बीच छोटे मार्जिन में लगातार ट्रेडिंग की जाती है।
  2. Arbitrage Trading – किसी स्टॉक की कीमत दो एक्सचेंजों पर अलग होने पर, कम दाम पर खरीदकर अधिक दाम पर बेचना।
  3. Trend-Following AlgorithmsMoving Averages और अन्य संकेतकों के आधार पर ट्रेडिंग करना।
  4. Volume Weighted Average Price (VWAP) – पूरे दिन के औसत वॉल्यूम के आधार पर ट्रेडिंग करना।
  5. High-Frequency Trading (HFT) – बहुत तेज़ गति से छोटे-छोटे मुनाफे कमाने के लिए ट्रेडिंग करना।

Algo Trading के फायदे

  1. High Speed & Accuracy – एक सेकंड में लाखों ऑर्डर प्रोसेस किए जा सकते हैं।
  2. Efficient Execution – इंसानों की तुलना में तेज़ और सटीक ऑर्डर निष्पादन।
  3. Low Transaction Cost – लागत में बचत होती है, क्योंकि यह पूरी तरह से ऑटोमेटेड है।
  4. Real-Time Monitoring – बाजार की गतिविधियों के आधार पर रणनीति बदली जा सकती है।

हालांकि, इसमें तकनीकी समझ और रिस्क मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है, क्योंकि गलत एल्गोरिदम भारी नुकसान का कारण बन सकता है।

SEBI के इस नए सर्कुलर से Algo Trading में बड़ा बदलाव आया है। यदि आप Algo Trading में रुचि रखते हैं, तो आपको नए नियमों को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनानी चाहिए।

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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

SEBI के नए नियमों से Algo Trading पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
✔ SEBI के नए नियमों से थर्ड-पार्टी Algo Providers पर रोक लग जाएगी और केवल ब्रोकर द्वारा प्रमाणित एल्गो का उपयोग किया जा सकेगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

क्या कोई भी निवेशक Algo Trading कर सकता है?
✔ हां, लेकिन अब इसे सिर्फ ब्रोकर के माध्यम से किया जा सकेगा और एक्सचेंज से मंज़ूरी लेना अनिवार्य होगा।

Algo Trading में क्या जोखिम होते हैं?
✔ गलत एल्गोरिदम, अत्यधिक वोलैटिलिटी और टेक्निकल फेलियर के कारण निवेशकों को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए उचित रणनीति और रिस्क मैनेजमेंट जरूरी है।

डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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