म्यूचुअल फंड के नामांकन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: सेबी ने जारी किए नए दिशा-निर्देश 2025

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शुक्रवार, 10 जनवरी को म्यूचुअल फंड फोलियो और डिमैट खातों के लिए नामांकन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के दिशा-निर्देश जारी किए। ये बदलाव पारदर्शिता बढ़ाने और प्रतिभूति बाजार में अनक्लेम्ड एसेट्स को कम करने के उद्देश्य से किए गए हैं।

मार्च 1 से लागू होंगे नए नियम

सेबी के ये नए दिशा-निर्देश 1 मार्च 2025 से प्रभावी होंगे। इनमें निवेशकों और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) सहित अन्य बाजार सहभागियों के लिए व्यापक उपाय शामिल हैं। सेबी ने बताया कि यह सुधार फरवरी 2024 में जारी परामर्श पत्र और व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर किए गए हैं।

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नामांकन प्रक्रिया में क्या-क्या बदलाव?

1. सर्वाइवरशिप नियम का संशोधन

  • संयुक्त खातों में, खाता धारकों में से किसी एक की मृत्यु होने पर एसेट्स सीधे जीवित धारकों को ट्रांसफर किए जाएंगे।
  • इस प्रक्रिया से पहले के नामांकन या ऑपरेशनल मोड्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

2. अधिकतम 10 नामांकनों की अनुमति

  • निवेशक अब एक खाते या फोलियो में अधिकतम 10 लोगों को नामांकित कर सकते हैं।
  • निवेशकों को हर नामांकित व्यक्ति के लिए परिसंपत्तियों का प्रतिशत आवंटन तय करने का विकल्प मिलेगा।
  • आवंटन न करने की स्थिति में एसेट्स सभी नामांकित व्यक्तियों में समान रूप से वितरित किए जाएंगे।

3. दस्तावेजी प्रक्रिया को सरल बनाया गया

  • नामांकित व्यक्तियों से एसेट ट्रांसमिशन के दौरान कोई शपथ पत्र (Affidavit) या इंदेम्निटी नहीं मांगी जाएगी।
  • सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट और अपडेटेड केवाईसी दस्तावेज ही जरूरी होंगे।

4. डिजिटल और फिजिकल चैनल का समावेश

  • नामांकन या नामांकन अपडेट के लिए निवेशक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन प्रक्रिया: आधार आधारित ई-साइन, डिजिटल सिग्नेचर, या टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन।
  • ऑफलाइन प्रक्रिया: हस्ताक्षर सत्यापन या दो व्यक्तियों द्वारा प्रमाणित अंगूठे का निशान।

5. रिकॉर्ड्स का डिजिटल भंडारण

  • एएमसी और अन्य संस्थाओं को नामांकन से संबंधित दस्तावेजों को एसेट ट्रांसमिशन के 8 साल तक डिजिटल या फिजिकल फॉर्मेट में सुरक्षित रखना होगा।

नए और मौजूदा खाताधारकों के लिए विकल्प

  • मौजूदा खाताधारकों को नामांकन में संशोधन या नामांकन से बाहर होने का विकल्प भी मिलेगा।
  • यह प्रक्रिया सुरक्षित ऑनलाइन माध्यम से होगी, जिसमें OTP सत्यापन और वैकल्पिक वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल है।

एएमसी और डिपॉजिटरी के लिए दिशानिर्देश

  • एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) और डिपॉजिटरीज को 20 फरवरी 2025 तक नए नामांकन नियम लागू करने होंगे।
  • नामांकन और ऑप्ट-आउट फॉर्मेट को डिजिटल और फिजिकल मोड में 15 मार्च तक अंतिम रूप देना होगा।
  • 1 मई तक सभी संस्थाओं को इन दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन की स्थिति सेबी को रिपोर्ट करनी होगी।

सेबी के कदम का महत्व

यह पहल निवेशकों के अनुभव को बेहतर बनाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। नए नियम न केवल नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाएंगे बल्कि अनक्लेम्ड एसेट्स की समस्या को भी प्रभावी ढंग से कम करेंगे।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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