Sovereign Gold Bond (SGB) 2024: क्या सरकार जारी करेगी नया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड? जानिए क्या है सच्चाई!

Sovereign Gold Bond (SGB): सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond-SGB) की नई खेप कब जारी होगी, इसे लेकर स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बाजार की मांग और परिस्थितियों का आकलन करते हुए ही अगली SGB सीरीज़ जारी करने का निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार वर्तमान में सोने की ऊंची कीमतों और बॉन्ड जारी करने की लागत को देखते हुए SGB जारी करने के पक्ष में नहीं है।

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बजट 2025 का लक्ष्य और सरकारी उधारी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 18,500 करोड़ रुपये के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, सरकार ने अब तक सितंबर महीने में बॉन्ड जारी करने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। आरबीआई के उधारी कैलेंडर की चर्चा के आधार पर पहले संकेत दिए गए थे कि बॉन्ड जारी करने का निर्णय इसी समय लिया जा सकता है, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

सरकार ने हाल ही में बाजार से 6.61 लाख करोड़ रुपये की उधारी की योजना की घोषणा की, जिसमें 21 साप्ताहिक नीलामियों के जरिए इसे पूरा किया जाएगा। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 की कुल सकल बाजार उधारी (14.01 लाख करोड़ रुपये) का लगभग 47% है। हालांकि, इस उधारी कैलेंडर में SGB के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है, क्योंकि इसे आम तौर पर सरकारी उधारी कैलेंडर से बाहर जारी किया जाता है।

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क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “सरकार का SGB जारी नहीं करना अस्थायी हो सकता है। हाल के दिनों में सोने की ऊंची कीमतों और बॉन्ड जारी करने की लागत को देखते हुए इसे फिलहाल टालना बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन इससे सोने के आयात में कमी नहीं आई है, जो सरकार का प्रमुख उद्देश्य था।”

क्या होता है Sovereign Gold Bond?

SGB एक सरकारी प्रतिभूति है, जिसका मूल्य सोने के ग्राम के आधार पर होता है। यह सोने को भौतिक रूप से रखने का एक बेहतर विकल्प है। निवेशक को इसके लिए रुपये में भुगतान करना होता है और परिपक्वता के समय नकद भुगतान किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सोने की भौतिक मांग को कम करना और सोने के आयात पर निर्भरता को घटाना है।

निष्कर्ष

सरकार का Sovereign Gold Bond जारी करने पर विचार फिलहाल बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। यह स्पष्ट है कि सरकार ऊंची लागत और बाजार के दबाव को देखते हुए फिलहाल इसे टाल सकती है। हालांकि, SGB एक महत्वपूर्ण निवेश विकल्प बना हुआ है, और भविष्य में इसे पुनः जारी किया जा सकता है।

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