भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी Suzlon Energy लिमिटेड में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की रुचि पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है। यह ट्रेंड न केवल कंपनी के प्रति बढ़ते भरोसे को दर्शाता है बल्कि भारतीय ग्रीन एनर्जी सेक्टर की मजबूती का भी संकेत देता है। नीचे हम सुज़लॉन में FIIs की तिमाही (QoQ) और वार्षिक (YoY) हिस्सेदारी पर एक नजर डालते हैं।
Suzlon Energy Quarter-on-Quarter FII होल्डिंग पैटर्न
तिथि | FIIs हिस्सेदारी |
---|---|
Jun-22 | 6.29% |
Sep-22 | 7.84% |
Dec-22 | 7.65% |
Mar-23 | 7.64% |
Jun-23 | 7.79% |
Sep-23 | 10.88% |
Dec-23 | 17.83% |
Mar-24 | 19.57% |
Jun-24 | 21.53% |
Sep-24 | 23.72% |
Dec-24 | 22.87% |
Mar-25 | 23.04% |
मुख्य बातें (QoQ):
- FIIs की हिस्सेदारी Sep-23 से लगातार तेजी से बढ़ रही है।
- Dec-23 में एक बड़ा उछाल देखा गया जब हिस्सेदारी 17.83% तक पहुँच गई।
- Mar-25 तक हिस्सेदारी 23.04% तक पहुँच चुकी है, जो निवेशकों के भरोसे का संकेत है।
Suzlon Energy Year-on-Year FIIs हिस्सेदारी
वित्त वर्ष | FIIs हिस्सेदारी |
---|---|
Mar-17 | 11.68% |
Mar-18 | 10.06% |
Mar-19 | 6.25% |
Mar-20 | 3.63% |
Mar-21 | 4.22% |
Mar-22 | 5.52% |
Mar-23 | 7.64% |
Mar-24 | 19.57% |
Mar-25 | 23.04% |
मुख्य बातें (YoY):
- FY20 तक लगातार गिरावट के बाद, FY21 से FIIs ने फिर से रुचि दिखाना शुरू किया।
- FY23 से FY25 तक हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- सिर्फ दो वर्षों (FY23 से FY25) में हिस्सेदारी तीन गुना से ज्यादा बढ़ी।
इस वृद्धि के संभावित कारण:
- गौरवशाली टर्नअराउंड: कंपनी ने वित्तीय संकट से बाहर निकलते हुए मजबूत पुनर्गठन किया है।
- ग्रीन एनर्जी फोकस: भारत और वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा वित्तीयमिलने से सुज़लॉन को लाभ हुआ है।
- कम कर्ज और ऑपरेशनल स्थिरता: कंपनी की बैलेंस शीट में सुधार और कर्ज घटने से निवेशकों को भरोसा मिला है।
- बाजार में सकारात्मक दृष्टिकोण: ब्रोकरेज और संस्थागत निवेशकों की ओर से ‘बाय’ रेटिंग्स बढ़ने लगी हैं।
Suzlon Energy: महत्वपूर्ण वित्तीय आंकड़े
विवरण | मान |
---|---|
Market Cap | ₹ 82,692 Cr. |
Current Price | ₹ 61.1 |
52 Week High / Low | ₹ 86.0 / ₹ 41.9 |
Stock P/E | 70.7 |
Book Value | ₹ 3.32 |
Dividend Yield | 0.00 % |
ROCE (Return on Capital Employed) | 24.9 % |
ROE (Return on Equity) | 28.8 % |
Face Value | ₹ 2.00 |
Intrinsic Value | ₹ 6.28 |
PEG Ratio | 3.58 |
EPS (Earnings Per Share) | ₹ 0.85 |
Total Debt | ₹ 277 Cr. |
Current Ratio | 1.71 |
Quick Ratio | 0.93 |
Pledged Percentage | 0.00 % |
Debt to Equity Ratio | 0.06 |
Profit Growth (YoY) | 136 % |
3 Year Profit Variation | 44.8 % |
Price to Book Value | 18.4 |
Sales Growth (YoY) | 54.2 % |
Promoter Holding | 13.2 % |
Net Profit | ₹ 1,145 Cr. |
EBIT (Earnings Before Interest and Tax) | ₹ 1,390 Cr. |
5 Year Sales Growth | 5.38 % |
EV/EBITDA | 51.4 |
Inventory | ₹ 3,189 Cr. |
निष्कर्ष:
Suzlon Energy में FIIs की बढ़ती हिस्सेदारी इस बात का संकेत है कि विदेशी निवेशक भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में बड़ा अवसर देख रहे हैं। कंपनी का वित्तीय और प्रबंधन स्तर पर मजबूत होना निवेशकों के लिए आकर्षण बना है। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो Suzlon Energy भविष्य में निवेश के लिहाज से और भी आकर्षक बन सकती है।
हालांकि FIIs की हिस्सेदारी बढ़ना सकारात्मक संकेत है, लेकिन किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और खुद रिसर्च करें।
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