भारत में फूड डिलीवरी और क्विक ग्रॉसरी सेवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। बदलती उपभोक्ता आदतें, शहरीकरण, और सहूलियत की ओर झुकाव ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इस प्रतिस्पर्धी बाजार में स्विगी और जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म ने अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई है।
दोनों कंपनियों ने न केवल फूड डिलीवरी में, बल्कि किराना डिलीवरी जैसे नए सेगमेंट में भी विस्तार किया है। आइए, इन दोनों कंपनियों की मौजूदा स्थिति, रणनीतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत नज़र डालते हैं।
स्टॉक प्रदर्शन: किसका ग्राफ ऊपर जा रहा है?
जोमैटो:
- मार्केट कैपिटलाइज़ेशन: ₹2.34 लाख करोड़
- शुक्रवार को बीएसई पर इसके शेयर 0.5% की बढ़त के साथ ₹246.4 तक पहुंचे।
- पिछले एक साल में स्टॉक ने 80.5% का रिटर्न दिया है और पिछले एक महीने में 15% की वृद्धि देखी गई।
स्विगी:
- मार्केट कैपिटलाइज़ेशन: ₹1.1 लाख करोड़
- इसके शेयर शुक्रवार को 3.8% गिरकर ₹488.5 पर बंद हुए।
- हालांकि लिस्टिंग के बाद से स्टॉक ने 8% का रिटर्न दिया है, लेकिन पिछले एक महीने में 9.5% की गिरावट आई है।
ब्रोकरेज रेटिंग और लक्ष्य मूल्य
जोमैटो: फॉरेन ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने इसे ‘होल्ड’ रेटिंग दी है और लक्ष्य मूल्य ₹335 से घटाकर ₹275 कर दिया है। हालांकि यह शुक्रवार के बंद प्राइस से सिर्फ 13% ऊपर है।
स्विगी: बर्नस्टीन ने इसे ‘बाय’ रेटिंग दी है और लक्ष्य मूल्य ₹635 तय किया है, जो मौजूदा कीमत ₹492 से लगभग 29% ऊपर है।
रणनीतिक फोकस और विस्तार योजनाएँ
जोमैटो:
- कंपनी ने 152 नए स्टोर और 7 वेयरहाउस खोले हैं।
- टॉप 8 शहरों में अपनी स्थिति मजबूत करने के साथ-साथ नए बाज़ारों में विस्तार के लिए सतर्क दृष्टिकोण अपनाया है।
स्विगी:
- ‘स्विगी बोल्ट’ नामक क्विक डिलीवरी सेवा शुरू की, जो अब 400 शहरों में उपलब्ध है।
- डार्क स्टोर्स का क्षेत्र मार्च 2025 तक 4 मिलियन वर्ग फुट तक बढ़ाने की योजना बनाई है।
- ‘इंस्टामार्ट’ को एक स्टैंडअलोन ऐप के रूप में लॉन्च करने का लक्ष्य है, जबकि इसकी सेवाएं स्विगी की मौजूदा ऐप पर भी जारी रहेंगी।
वित्तीय प्रदर्शन: राजस्व और लाभ पर नज़र
राजस्व (Revenue from Operations)
- जोमैटो: Q2 FY25 में इसका रेवेन्यू 68.5% बढ़कर ₹4,799 करोड़ हो गया।
- स्विगी: Q2 FY25 में इसका रेवेन्यू 30.3% बढ़कर ₹3,601 करोड़ हो गया।
मुनाफा (Profit After Tax)
- जोमैटो: कंपनी का शुद्ध लाभ 389% बढ़कर ₹176 करोड़ हो गया।
- स्विगी: कंपनी ने अपने शुद्ध घाटे को 4.7% घटाकर ₹626 करोड़ कर दिया।
भविष्य की संभावनाएँ और प्रबंधन का दृष्टिकोण
जोमैटो: कंपनी ने संकेत दिया है कि आर्थिक मंदी के बावजूद फूड डिलीवरी बिजनेस पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्विक कॉमर्स सेगमेंट की ऑपरेशनल एफिशियंसी में सुधार के कारण प्रॉफिटेबिलिटी बेहतर होने की उम्मीद है।
स्विगी: ‘इंस्टामार्ट’ में मार्जिन ब्रेकईवन OND 2025 तक प्राप्त करने की योजना है। कंपनी नए राजस्व स्रोतों, जैसे कि विज्ञापन और पार्टनरशिप, पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
कंपनियों का परिचय
- जोमैटो: 2010 में स्थापित, यह भारत का प्रमुख ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म है, जो फूड डिलीवरी, डाइनिंग आउट और लॉयल्टी प्रोग्राम जैसी सेवाएँ प्रदान करता है।
- स्विगी: 2014 में स्थापित, यह भारत का अग्रणी ऑन-डिमांड कंवीनियंस प्लेटफॉर्म है, जो फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी सेवाएँ प्रदान करता है।
निष्कर्ष:
दोनों कंपनियाँ अपनी-अपनी रणनीतियों और विस्तार योजनाओं के साथ बढ़ रही हैं। स्विगी ने तेज़ डिलीवरी और क्विक कॉमर्स में ध्यान केंद्रित किया है, जबकि जोमैटो ने नए बाज़ारों में प्रवेश करने और लाभप्रदता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। निवेशक अपनी प्राथमिकताओं और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर निर्णय ले सकते हैं।
Read Also: 45% तक की बढ़त वाले 6 स्टॉक्स: क्या आपके पास इनमें से कोई है?
Read Also: केतन पारेख स्कैम 2.0: एक बार फिर बाजार में पुराने खेल!
Read Also: क्या Sensex 2025 में 69,000 तक गिरेगा या 100,000 पार करेगा? जानें तकनीकी चार्ट्स का क्या कहना है
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
![स्विगी और जोमैटो: भारत की दो प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनियों की तुलना, कौन सा स्टॉक चुने 2025? 2 Varun Singh](https://moneynest.co.in/wp-content/uploads/2024/01/20240112_194424-1.png)
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है। मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हूं। मुझे ब्लॉग लिखना और वीडियो बनाना बेहद पसंद हैं। मेरा उद्देश्य है की पाठकों को फाइनेंस जगत से जुड़ी जानकारियों को हिंदी में सरल, शुद्ध और जल्दी उपलब्ध करवाना है।