SWP को बनाए नियमित आय का श्रोत: रिटायरमेंट के बाद एक नियमित आय का स्रोत होना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि जीवन की जरूरतें सुचारू रूप से चलती रहें। इस स्थिति में, Systematic Withdrawal Plan (SWP) एक बेहतरीन तरीका है जो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश कर नियमित रूप से पैसा निकालने की सुविधा देता है। SWP को सही म्यूचुअल फंड कैटेगरी में निवेश करके टैक्स बचत और स्थिर आय के लिहाज से और भी बेहतर बनाया जा सकता है। आइए, इस लेख में जानते हैं कि SWP से कैसे फायदा उठाया जा सकता है और किस म्यूचुअल फंड कैटेगरी में निवेश करना बेहतर रहेगा।
SWP क्या है और यह कैसे काम करता है?
Systematic Withdrawal Plan (SWP) म्यूचुअल फंड की एक ऐसी योजना है जिसमें आप अपने निवेश से एक निश्चित अंतराल (महीने, तिमाही या साल) पर एक तय राशि निकाल सकते हैं। इसे SIP (Systematic Investment Plan) का उल्टा माना जा सकता है। SIP में जहां नियमित अंतराल पर निवेश किया जाता है, वहीं SWP में एक बार निवेश करने के बाद आप नियमित अंतराल पर राशि निकालते हैं।
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इस योजना में म्यूचुअल फंड स्कीम से कुछ यूनिट्स बेची जाती हैं और उसके एवज में मिलने वाली राशि सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। रिटायरमेंट के बाद यह एक स्थिर आय का स्रोत बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी बचत को बिना खत्म किए हर महीने या तिमाही में एक फिक्स्ड अमाउंट निकालना चाहते हैं।
SWP के लाभ: क्यों इसे चुनें?
1. रेगुलर इनकम का स्रोत
SWP आपको हर महीने, तिमाही या साल में एक निश्चित राशि देता है। इससे आप अपने मासिक खर्चों को आसानी से कवर कर सकते हैं और रिटायरमेंट के बाद भी वित्तीय सुरक्षा बनाए रख सकते हैं।
2. टैक्स में बचत
SWP की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह डिविडेंड की तुलना में टैक्स के लिहाज से ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। अगर आप इक्विटी-ओरिएंटेड फंड्स में निवेश करते हैं और एक साल से अधिक समय तक यूनिट्स को होल्ड करते हैं, तो लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स की दर 12.5% होती है। साथ ही, एक वित्तीय वर्ष में 1.25 लाख रुपये तक का LTCG टैक्स फ्री होता है। जबकि डिविडेंड इनकम पर आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है, जो 30% तक हो सकता है।
3. फंड्स का संरक्षण
SWP के तहत आप धीरे-धीरे अपने निवेश से यूनिट्स को रिडीम करते हैं, जिससे आपकी बाकी पूंजी म्यूचुअल फंड स्कीम में बनी रहती है। इसका फायदा यह होता है कि आपके बचे हुए निवेश पर मार्केट ग्रोथ के आधार पर रिटर्न मिलता रहता है।
SWP के लिए सही म्यूचुअल फंड कैटेगरी चुनना क्यों है जरूरी?
सही म्यूचुअल फंड कैटेगरी चुनना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह तय होता है कि आपको कितना रिटर्न मिलेगा और कितना जोखिम उठाना पड़ेगा। SWP के जरिए रेगुलर इनकम के लिए स्थिर और कम जोखिम वाले फंड्स में निवेश करना हमेशा फायदेमंद रहता है।
SWP के लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड कैटेगरी
1. लार्ज-कैप फंड्स
लार्ज-कैप फंड्स उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो मार्केट में बड़ी और स्थिर होती हैं। इनके शेयर कम वोलैटाइल होते हैं और रिटर्न भी मिड-कैप या स्मॉल-कैप फंड्स की तुलना में ज्यादा स्थिर होते हैं। अगर आप कम जोखिम के साथ एक स्थिर आय चाहते हैं, तो लार्ज-कैप फंड्स SWP के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
2. फ्लेक्सी-कैप फंड्स
फ्लेक्सी-कैप फंड्स में लार्ज, मिड और स्मॉल कैप सभी तरह की कंपनियों में निवेश किया जाता है। यह एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाता है जिससे आपके निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ती है। इन फंड्स में SWP करने पर आपको एक अच्छा बैलेंस मिलता है – जोखिम और रिटर्न दोनों के लिहाज से।
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3. इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स
इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स का एक हिस्सा इक्विटी में और दूसरा हिस्सा डेट सिक्योरिटीज में निवेशित होता है। इसका फायदा यह है कि आपको इक्विटी से अच्छे रिटर्न मिलते हैं और डेट से स्टेबिलिटी। कम जोखिम के साथ यह फंड्स रिटायरमेंट के बाद के लिए बेहतरीन साबित होते हैं।
4. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स मार्केट की स्थिति के अनुसार इक्विटी और डेट में निवेश का बैलेंस बनाए रखते हैं। यह फंड्स बाजार में गिरावट के समय रिस्क कम करने और उछाल के समय रिटर्न बढ़ाने का काम करते हैं। अगर आप SWP के जरिए टैक्स में भी बचत करना चाहते हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
5. इक्विटी सेविंग्स फंड्स
इक्विटी सेविंग्स फंड्स में इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव्स तीनों का मिश्रण होता है। यह फंड्स कम जोखिम वाले होते हैं और रिटायरमेंट के बाद नियमित आय के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। SWP के जरिए आप इस फंड से एक स्थिर और सुरक्षित इनकम पा सकते हैं।
किन म्यूचुअल फंड कैटेगरी से बचना चाहिए?
SWP के लिए कुछ म्यूचुअल फंड कैटेगरी से दूरी बनाए रखना बेहतर होता है, खासकर अगर आप रिटायरमेंट के बाद नियमित और सुरक्षित आय चाहते हैं।
1. सेक्टोरल फंड्स
सेक्टोरल फंड्स किसी खास सेक्टर पर निर्भर होते हैं। उदाहरण के लिए, टेक्नोलॉजी, फार्मा, या बैंकिंग सेक्टर पर आधारित फंड्स। अगर वह सेक्टर अच्छा प्रदर्शन करता है तो रिटर्न अच्छे होते हैं, लेकिन इनका जोखिम बहुत ज्यादा होता है, जो रिटायरमेंट के बाद के लिए उपयुक्त नहीं है।
2. थीमैटिक फंड्स
थीमैटिक फंड्स किसी एक खास थीम पर आधारित होते हैं, जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी, या नई टेक्नोलॉजीज। ये फंड्स काफी अस्थिर होते हैं और इनका प्रदर्शन बाजार के बदलावों पर निर्भर करता है। इस वजह से इन्हें SWP के लिए बेहतर विकल्प नहीं माना जाता।
3. स्मॉल-कैप फंड्स
स्मॉल-कैप फंड्स में छोटे और उभरते हुए व्यवसायों में निवेश किया जाता है, जो अधिक जोखिम भरे होते हैं। इन फंड्स का प्रदर्शन बाजार की स्थिति पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है और अचानक से इनकी वैल्यू में भारी गिरावट आ सकती है। रिटायरमेंट के बाद इन फंड्स में SWP करना समझदारी नहीं होगी।
SWP के जरिए म्यूचुअल फंड से रेगुलर इनकम: अंतिम विचार
रिटायरमेंट के बाद Systematic Withdrawal Plan (SWP) एक सुरक्षित और स्थिर आय का बेहतरीन स्रोत बन सकता है, खासकर अगर सही म्यूचुअल फंड कैटेगरी में निवेश किया जाए। लार्ज-कैप, फ्लेक्सी-कैप, और इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स जैसी कैटेगरी में निवेश करने से आपको न केवल अच्छी इनकम मिलेगी, बल्कि आप अपने फंड को लंबे समय तक संरक्षित भी कर पाएंगे।
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इसलिए, अगर आप अपने रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता चाहते हैं, तो SWP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश एक सही विकल्प साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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