अमेरिकी सरकार ने हाल ही में व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए नई Tariff Policy लागू की है। इसके तहत कुछ देशों पर भारी शुल्क लगाया गया है, लेकिन भारत को सिर्फ 26% टैरिफ देना होगा, जो अन्य देशों की तुलना में कम है। इससे साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका भारत के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत बनाए रखना चाहता है।
भारतीय बाजार पहले से तैयार, ब्रोकरेज की राय क्या है?
ब्रोकरेज फर्म Ventura के मुताबिक, भारतीय स्टॉक मार्केट पहले ही इस बदलाव के लिए तैयार हो चुका है। अमेरिकी सरकार ने संभावित टैरिफ का सिर्फ 50% ही लागू किया है, जिससे संकेत मिलता है कि वार्ता की संभावनाएं अभी भी बरकरार हैं। इससे बाजार में अधिक Volatility की संभावना कम हो जाती है।
अमेरिकी मंदी का खतरा और वैश्विक सप्लाई चेन पर असर
- High Tariff Policy से अमेरिका में सामान महंगे हो सकते हैं, जिससे खपत घट सकती है।
- वैश्विक स्तर पर Supply Glut की स्थिति बन सकती है, जिससे प्रोडक्ट की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
- ब्याज दरों में गिरावट संभव है, लेकिन मंदी का खतरा भी बढ़ सकता है।
भारत को कैसे मिलेगा फायदा?
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक मतभेदों के कारण अमेरिका अब China+1 Strategy अपना रहा है। भारत इसमें एक मजबूत विकल्प बन सकता है क्योंकि:
- Low-Cost Skilled Labour भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
- मजबूत Legal Framework और Political Stability भारत को निवेश के लिए सुरक्षित बनाते हैं।
- भारत सरकार की PLI Schemes और Ease of Doing Business जैसी नीतियां आकर्षक निवेश अवसर प्रदान करती हैं।
किन सेक्टर्स में दिख सकता है दमदार उछाल?
- Pharma Sector:
- अमेरिकी टैरिफ से भारतीय Pharmaceutical Companies को कम नुकसान होगा।
- Sun Pharma, Dr. Reddy’s, Strides Pharma जैसी कंपनियां मजबूत स्थिति में हैं।
- CDMO (Contract Development & Manufacturing Organisation) मॉडल में बढ़त देखने को मिल रही है।
- Banking Sector:
- ब्याज दरों में संभावित गिरावट से लोन ग्रोथ में तेजी आ सकती है।
- HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank, Canara Bank पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी।
- Infrastructure & Power Sector:
- Adani Power, NTPC, Power Grid, IRB Infra जैसी कंपनियों को ब्याज दरों में गिरावट से फायदा होगा।
- Textile Sector:
- भारत के कपड़ा उद्योग को ग्लोबल मार्केट में बढ़त मिल सकती है।
- Welspun Living, Indo Count Industries, KPR Mills को फायदा हो सकता है।
- Electronics Sector:
- ₹22,919 करोड़ की PLI Scheme से घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
- Voltas, Blue Star, Virtuoso Optoelectronics को इस योजना से लाभ होगा।
किन सेक्टर्स से बचें?
- Automobile Sector:
- अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ से भारतीय ऑटो कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
- घरेलू ऑटो सेक्टर पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है।
- IT Sector:
- अमेरिका से भारतीय आईटी कंपनियों को उतने ऑर्डर नहीं मिल रहे।
- AI Disruption के कारण आईटी सेक्टर पर दबाव बढ़ सकता है।
- Gems & Jewellery Sector:
- अमेरिका में Gold Prices बढ़ने और टैरिफ बढ़ने से भारतीय ज्वैलरी सेक्टर पर दबाव बनेगा।
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FAQs
Q1. ट्रंप टैरिफ पॉलिसी भारत के लिए कितनी फायदेमंद है?
A1. भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया है, जो अन्य देशों से कम है। इससे भारत को अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के चलते नए अवसर मिल सकते हैं।
Q2. कौन से सेक्टर्स निवेश के लिए सबसे अच्छे हैं?
A2. Pharma, Banking, Infrastructure, Textile और Electronics सेक्टर में अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है।
Q3. क्या इस टैरिफ पॉलिसी से भारतीय स्टॉक मार्केट पर नेगेटिव असर पड़ेगा?
A3. भारतीय बाजार ने पहले से इस बदलाव को समाहित कर लिया है, इसलिए अधिक Volatility की संभावना कम है। हालांकि, मंदी का जोखिम अभी भी बना हुआ है।
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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