Nifty Journey: भारत का प्रमुख स्टॉक मार्केट इंडेक्स, निफ्टी, जुलाई 2024 में ऐतिहासिक 25,000 के स्तर तक पहुँच चुका है। यह सफर कई वैश्विक और घरेलू आर्थिक घटनाओं, संकटों और सरकारी नीतियों के बीच से होकर गुज़रा है। यह वृद्धि निवेशकों के धैर्य, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और ग्लोबल इकनॉमिक सेंटिमेंट पर आधारित है।
Nifty का शुरुआती दौर (1996-2003)
निफ्टी का सफर 1996 में शुरू हुआ। शुरुआत में ही, एशियाई वित्तीय संकट (1997), डॉट-कॉम बबल (2000), और केतन पारेख घोटाला (2001) जैसे मुद्दों ने इसे प्रभावित किया। इसके बावजूद, मार्केट धीरे-धीरे पुनः उठ खड़ा हुआ।
2003-2008 का बुल रन और वैश्विक वित्तीय संकट
इस अवधि में भारतीय स्टॉक मार्केट में बड़ा उछाल देखने को मिला। 2007 तक निफ्टी 5000 के स्तर को छू चुका था। लेकिन, 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट ने पूरे बाजार को हिला कर रख दिया और निफ्टी में भारी गिरावट आई।
2009-2014: मंदी से उबरने की कोशिश और जीएसटी का आगमन
2009 के बाद मार्केट ने फिर से रिकवरी करना शुरू किया। 2010 में सत्यम घोटाला और 2013 में यूरोपीय कर्ज संकट के बावजूद निफ्टी धीरे-धीरे बढ़ता रहा। 2014 के चुनावों के बाद, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के साथ निफ्टी को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने में मदद मिली।
Read Also: BSE TECk Index: 2024 में निफ्टी 50 और निफ्टी 500 को पछाड़ते हुए 25.3% रिटर्न्स का प्रदर्शन
2015-2020: डिजिटल भारत और COVID-19
आधार (Aadhaar) की शुरुआत और सरकार की डिजिटल इंडिया पहल ने बाजार को और मजबूत किया। हालाँकि, 2020 में COVID-19 महामारी के कारण बड़ी गिरावट आई। इसके बाद, सरकार ने कई आर्थिक पैकेजों के जरिए मार्केट को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया, जिसे निवेशकों ने सकारात्मक रूप से देखा।
2021-2024: वैश्विक संघर्ष और निफ्टी की ऐतिहासिक उड़ान
2021 में रूस-यूक्रेन युद्ध और 2023 में इजरायल-हमास युद्ध ने वैश्विक बाजारों पर असर डाला। इस दौरान, अमेरिकी फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। इसके बावजूद, भारतीय स्टॉक मार्केट ने अपने लचीलापन को बरकरार रखते हुए निफ्टी को 25,000 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुँचाया।
निफ्टी के इस सफर से निवेशकों के लिए सबक
- दीर्घकालिक निवेश: निफ्टी के इस सफर से यह स्पष्ट होता है कि लंबी अवधि के निवेश से बड़ा फायदा हो सकता है, बशर्ते निवेशक धैर्य रखें।
- वैश्विक संकट के दौरान अवसर: हर वैश्विक संकट के दौरान निफ्टी में गिरावट आई, लेकिन बाद में इसमें तेजी भी आई। इसका मतलब है कि संकट के समय में भी अवसर होते हैं।
- सरकारी नीतियों का महत्व: आधार, जीएसटी और कॉर्पोरेट टैक्स कटौती जैसे सरकारी कदमों ने निफ्टी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निफ्टी का 25,000 का यह सफर दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और स्टॉक मार्केट में भविष्य की बड़ी संभावनाएँ हैं। निवेशकों को वर्तमान घटनाओं और सरकारी नीतियों के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर भी नज़र रखनी चाहिए, ताकि वे अपने निवेश से अधिकतम लाभ कमा सकें।
Read More: SEBI के नए नियमों से Zerodha पर संकट, रेवेन्यू में भारी गिरावट की आशंका
Read More: Unlisted Stock Opportunity: IPO आने से पहले इस स्टॉक में दांव दे सकता है भारी मुनाफा
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है। मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हूं। मुझे ब्लॉग लिखना और वीडियो बनाना बेहद पसंद हैं। मेरा उद्देश्य है की पाठकों को फाइनेंस जगत से जुड़ी जानकारियों को हिंदी में सरल, शुद्ध और जल्दी उपलब्ध करवाना है।