हम में से बहुत से लोग एसआईपी द्वारा म्युचुअल फंड की विविध स्कीम में निवेश करते हैं। अक्सर यह देखा गया है की निवेशक ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम की तरफ आकर्षित होते हैं और बार-बार अपने एसआईपी को रोकते या बदलते रहते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है ऐसा करना आपके निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न के लिए घातक हो सकता है साथ ही आप औसत रिटर्न ही बना पाएंगे। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है, अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़ते रहें।
फंड या स्कीम बदलने के जोखिम
निवेशकों को अपने एसआईपी को एक फंड से दूसरे फंड में लगातार स्विच करने से बचना चाहिए। इसके पीछे एक कांसेप्ट है जिसका नाम है ‘रिवर्सन टू मीन’। अलग-अलग समय में अलग-अलग इन्वेस्टमेंट स्टाइल कारगर सिद्ध होते हैं। जैसे की वर्ष 2019 से 2020 के बीच क्वालिटी स्टाइल ने अच्छा प्रदर्शन किया जबकि उसके बाद वैल्यू स्टाइल का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
विभिन्न स्कीमों के फंड मैनेजरों की अपनी अपनी इन्वेस्टमेंट स्टाइल होती है। अगर मार्केट उनकी स्टाइल के अनुकूल नहीं होगा तो फंड अच्छा रिटर्न नहीं जनरेट कर पाएगा। यदि एसआईपी को खराब परफॉर्मेंस करने वाले फंड से बेहतर प्रदर्शन करने वाले फंड में लगातार बदलते रहेंगे तो आप उन फंडों से बाहर निकल जायेंगे जल्द उछाल आने की संभावना होगी। साथ ही ऐसा भी होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है की आप स्विच करके जिस फंड में निवेश करें ज्यादा रिटर्न के चक्कर में वहां जल्द खराब प्रदर्शन का दौर आने वाला हो।
इससे बचने के लिए निवेशकों को ऐसा पोर्टफोलियो तैयार करना चाहिए जो विभिन्न इन्वेस्टमेंट स्टाइल का प्रतिनिधित्व करता हो, साथ ही हर फंड के लिए अनुभवी फंड मैनेजर का चयन करें और लॉन्गटर्म तक उनके साथ बने रहें।
Sip को कब नहीं रोकना चाहिए?
ऐसे निवेशक जो लॉन्ग टर्म के लिए बाजार में निवेश करते हैं उन्हें मार्केट में गिरावट के दौरान अपनी Sip कभी बंद नहीं करनी चाहिए क्योंकि मार्केट की गिरावट में आपकी Sip की प्रत्येक किस्त ज्यादा यूनिट्स खरीदती है। जिससे सस्ती कीमत कर ज्यादा यूनिट्स इकट्ठा हो जाती है और लंबे समय में जब मार्केट रिकवर करता है निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देखने हो मिलता है।
एक्सपर्ट की राय है की यदि संभव हो तो निवेशकों को मार्केट की गिरावट के दौरान अधिक निवेश करना चाहिए और अपने Sip के अमाउंट को भी बढ़ाना चाहिए।
Sip को कब रोकना चाहिए
- यदि फंड में बुनियादी स्तर पर कुछ खामियां हैं तो निश्चित रूप से Sip को रोक देना ही उचित रहता है।
- यदि Sip से जुड़ा वित्तीय लक्ष्य हासिल हो जाए तो भी Sip को रोका जा सकता है।
- रिटायरमेंट, एनआरआई बनना, वित्तीय परिसंपत्तियों से भौतिक परिसंपत्तियों की ओर रुख करना भी Sip बंद करने के कारणों में से एक हो सकते हैं।
दुनियां की TOP कंपनियों में निवेश मात्र ₹200 में!
एम्फी यानी एसोसिएशन का म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के ताजा आंकड़ों के अनुसार मई 2024 में Sip बंद होने का अनुपात 0.88 के अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया हैं। यह अनुपात दर्शाता है की किसी एक महीने के दौरान खुलने वाले प्रत्येक Sip पर कितने बंद हो गए।
मई माह में Sip बंद होने के कई कारणों में से प्रमुख है, चुनावी नतीजे को लेकर अनिश्चिता का वातावरण। इस दौरान कई निवेशकों ने मुनाफा वसूली भी की क्योंकि मिडकैप और स्मॉल कैप शेयरों का मूल्यांकन काफी अधिक हो गया था। Sip बंद होने का एक और प्रमुख कारण रहा KYC, जिन निवेशकों ने आधार सत्यापन के बिना केवाईसी काफी पहले कर लिया था उन्हें दोबारा इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
क्या Sip के जरिए निवेश करना बेहतर रहेगा?
हाई वैल्यूएशन पर फंसने से बचने के लिए Sip के जरिए की निवेश करें।
डेली, वीकली, मंथली में से किस Sip का चुनाव करें?
लंबे समय में यह देखा गया है की डेली, वीकली, मंथली में से किसी भी Sip का आप चुनाव करें रिटर्न लगभग बराबर ही रहता है।
Sip को कितने समय के लिए करना चाहिए?
अपने गोल और समय को ध्यान में रखते हुए चुनाव करें यदि संभव हो तो जल्द शुरू करें और लंबे समय तक निवेश में बने रहें।
यह भी पढ़ें
- Annual Information Statement PDF download (AIS) कैसे करें
- SEP ICICI Direct से कैसे करें
- TOP 5 Stocks की सूची जो भारत की ग्रोथ से लाभान्वित हो सकते हैं!
- Perfect Trading Account कैसे चुने,
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है। मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हूं। मुझे ब्लॉग लिखना और वीडियो बनाना बेहद पसंद हैं। मेरा उद्देश्य है की पाठकों को फाइनेंस जगत से जुड़ी जानकारियों को हिंदी में सरल, शुद्ध और जल्दी उपलब्ध करवाना है।