U-Boat की प्रीमियम घड़ियों ने भारत में की धमाकेदार एंट्री, Titan की Helios के साथ साझेदारी में पेश होंगे 41 मॉडल

U-Boat की प्रीमियम घड़ियों ने भारत में की धमाकेदार एंट्री: भारतीय घड़ी बाजार में प्रीमियम और लक्जरी श्रेणी के बढ़ते चलन को देखते हुए, इटली की प्रतिष्ठित घड़ी निर्माता U-Boat ने भारत में अपनी शुरुआत की है। इस एंट्री के लिए U-Boat ने टाइटन की Helios के साथ साझेदारी की है, जो देशभर में अपनी प्रीमियम और लक्जरी घड़ियों के लिए जानी जाती है। Helios, भारत के सबसे बड़े मल्टी-ब्रांड वॉच रिटेलर्स में से एक है। यह साझेदारी भारतीय उपभोक्ताओं को इटली के बेहतरीन डिज़ाइन और उच्च गुणवत्ता वाली घड़ियों का अनुभव कराने का एक बेहतरीन मौका है।

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U-Boat की प्रीमियम मॉडल्स की विस्तृत रेंज

U-Boat भारतीय बाजार में कुल 41 मॉडल पेश करेगा, जो दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों में Helios के 11 स्टोर्स पर उपलब्ध होंगे। इन घड़ियों की कीमत 1.2 लाख रुपये से लेकर 6 लाख रुपये तक होगी, जो भारतीय प्रीमियम श्रेणी के ग्राहकों को ध्यान में रखकर तय की गई है।

भारतीय घड़ी बाजार की तेजी से बढ़ती मांग

Titan कंपनी के उपाध्यक्ष और मुख्य बिक्री एवं विपणन अधिकारी, राहुल शुक्ल के अनुसार, भारत का कुल घड़ी बाजार करीब 18,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें प्रीमियम और लक्जरी सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में शहरीकरण के साथ-साथ मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग की हिस्सेदारी 2030 तक सभी परिवारों की 50 प्रतिशत तक हो जाएगी। यह संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में प्रीमियम और सुलभ लक्जरी श्रेणी में व्यापक अवसर उभरेंगे।

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Helios की प्रीमियम श्रेणी में तेजी

Helios ने फैशन और सेमी-लक्जरी घड़ियों के बाजार में 45 ब्रांड्स के साथ पिछले साल 35% की वृद्धि दर्ज की थी। राहुल शुक्ल के अनुसार, Helios की प्रीमियम श्रेणी सालाना 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो फैशन श्रेणी से लगभग दोगुनी है। यह दर्शाता है कि भारतीय उपभोक्ता तेजी से प्रीमियम घड़ियों की ओर रुख कर रहे हैं, और यह रुझान भविष्य में भी जारी रहेगा।

U-Boat के साथ साझेदारी का महत्व

U-Boat के साथ यह साझेदारी Helios की प्रीमियम और लक्जरी पोर्टफोलियो को और भी मजबूत करेगी। कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में 45 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करना है। यह साझेदारी भारत में U-Boat जैसे ब्रांड्स के लिए एक बड़ा मौका है, जहां उपभोक्ता लक्जरी उत्पादों को अपनाने के लिए तैयार हैं।

भारतीय लक्जरी बाजार की नई प्राथमिकताएँ

U-Boat के संस्थापक और मालिक इटालो फोंटाना ने भारत में अपनी घड़ियों को पेश करने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत U-Boat के लिए प्राथमिकता वाले बाजारों में अमेरिका और पश्चिमी एशिया के बाद शीर्ष तीन बाजारों में शामिल हो जाएगा। इसके साथ ही, फोंटाना ने कहा कि भारतीय बाजार का विकास एशिया के अन्य बड़े बाजारों जैसे चीन की मंदी के बीच और भी महत्वपूर्ण हो गया है।

चीन की मंदी और ‘चीन प्लस वन’ रणनीति

एशिया के लक्जरी बाजार में चीन की सुस्त अर्थव्यवस्था भी एक प्रमुख कारण है, जिसने भारत जैसे बाजारों की ओर ब्रांड्स का ध्यान आकर्षित किया है। चीनी बाजार में आई गिरावट के कारण अब वैश्विक लक्जरी ब्रांड्स ‘चीन प्लस वन’ रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां चीन के अलावा अन्य एशियाई देशों में भी अपना विस्तार किया जा रहा है। भारत इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

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भारत में लक्जरी घड़ियों का उज्ज्वल भविष्य

भारत का लक्जरी खुदरा क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, जहां उपभोक्ता न केवल उत्पाद की गुणवत्ता को महत्व दे रहे हैं, बल्कि ब्रांड की प्रतिष्ठा और विशिष्टता पर भी ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में U-Boat जैसे प्रीमियम ब्रांड्स के लिए भारतीय बाजार में अपार संभावनाएँ हैं। Helios के साथ साझेदारी के जरिए U-Boat भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है।

U-Boat की वैश्विक सफलता

U-Boat ने इस साल की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर 47% की वृद्धि दर्ज की है, जो इसके बेहतरीन डिज़ाइन और गुणवत्ता के कारण संभव हुआ है। इटालो फोंटाना ने कहा कि U-Boat के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार साबित हो सकता है, और उन्हें उम्मीद है कि भारतीय बाजार में उनकी घड़ियों को अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।

निष्कर्ष

भारत में प्रीमियम और लक्जरी घड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और इस सेगमेंट में U-Boat जैसी ब्रांड्स की उपस्थिति उपभोक्ताओं के लिए नए और बेहतरीन विकल्प लेकर आ रही है। Helios के साथ साझेदारी भारतीय बाजार में U-Boat की एंट्री को और भी खास बना रही है, जो आने वाले वर्षों में इस ब्रांड के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगी।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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