Mutual Fund Investment: “म्यूचुअल फंड्स आर सब्जेक्ट टू मार्केट रिस्क” यह लाइन आपने पढ़ी और सुनी जरूर होगी लेकिन फिर भी आप या अन्य निवेशक म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते है और जागरूक निवेशकों में इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है।
म्यूचुअल फंड्स की लोकप्रियता बढ़ने के पीछे प्रमुख कारण यह है की ये परंपरागत निवेश के विकल्पों जैसे एफडी, आरडी, एनएससी, पीपीएफ, केसीसी आदि की अपेक्षा अधिक रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं, हालांकि यह समझना महत्वपूर्ण है की किसी म्यूचुअल फंड स्कीम का पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं है।
हम सभी लोग अपने म्यूचुअल फण्ड के निवेश पर अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते है, लेकिन कई बार देखा गया है की निवेशक मार्केट गिरने पर अपने चल रहे निवेश पर रोक लगा देते है और इसी तरह की और भी गलतियां करते हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम लोग कुछ ऐसे टिप्स या तरीकों पर बात करेंगे जो म्यूचुअल फंड्स में आपके निवेश के लाभ को बढ़ाने में सहायक साबित हो सकते हैं। अगर आप इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आप भविष्य में अपने म्यूचुअल फंड्स के निवेश पर ज्यादा रिटर्न बना सकते हैं।
Mutual Fund Investment: में लॉन्ग टर्म की सोच रखें
निवेशकों को हमेशा लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए। लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने से निवेशकों पर बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई खास असर नहीं पड़ता है और निवेशक अपने निवेश को बढ़ने का अधिक समय दे सकते हैं। निवेशकों को बाजार को टाइम करने की कोशिश करने से बचना चाहिए तथा किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के शार्ट टर्म प्रदर्शन के आधार इमोशनल डिसीजन लेने से भी बचना चाहिए।
Mutual Fund Investment: में हमेशा इन्वेस्टेड रहें
निवेशकों को स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव या उसकी वॉलिटिलिटी को देख कर घबराना नहीं चाहिए और न ही इस आधार पर बार-बार खरीदारी या बिक्री का फैसला लेना चाहिए, इससे लेन-देन की लागत चार्जेज के रूप में बढ़ सकती है और निवेशकों का रिटर्न कम हो सकता है। लगातार इन्वेस्टेड रह कर आप अपने रिटर्न को बढ़ा सकते हैं। साथ ही बाजार के गिरने पर अगर संभव हो तो आपको अपने SIP के अमाउंट को बढ़ा देना चाहिए या चल रही स्कीम में और इन्वेस्टमेंट करनी चाहिए, जिससे गिरते मार्केट में आप ज्यादा यूनिट्स एक्वायर कर सकें।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड में निवेश करें
इंडेक्स म्यूचुअल फंड एक प्रकार की म्यूचुअल फंड स्कीम है जो एक विशेष मार्केट यानी इंडेक्स को ट्रैक करता है, जैसे कि S&P 500 इंडेक्स अमेरिका के संदर्भ में, निफ्टी 50, सेंसेक्स आदि भारत के संदर्भ में। इन इंडेक्स म्यूचुअल फंडों की फंड मैनेजमेंट फीस नाम मात्र की होती है और लंबे समयावधि में इंडेक्स म्यूचुअल फंडों ने एक्टिव रूप से मैनेज म्यूचुअल फंडों की तुलना में अच्छा या बेहतर प्रदर्शन करके दिखाया है।
विश्व प्रसिद्ध निवेशक वारेन बफेट भी इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स के हिमायती हैं। ऐसे निवेशक जो कुछ नहीं जानते (नो नथिंग इन्वेस्टर) और बिल्कुल भी दिमाग नहीं लगाना चाहते उनके लिए भी इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स सर्वाधिक उपयुक्त हैं।
इंडेक्स फंड का नाम | रिटर्न (20 साल) |
UTI Nifty 50 Index Fund | 14.02% |
Nippon India ETF Nifty 50 BeES | 14.81% |
Mutual Fund Investment: पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें
आपके यह कहावत जरूर सुनी होगी की अपने सभी अंडो को एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए कहने का तात्पर्य यह है की अपना पूरा निवेश किसी एक ही इंस्ट्रूमेंट में नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, अपने पोर्टफोलियो को इक्विटी, डेट और इंटरनेशनल फंड आदि जैसे विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड में डायवर्सिफाई करना चाहिए। डायवर्सिफिकेशन की यह प्रक्रिया जोखिम को कम करने और निवेशकों के रिटर्न को अधिकतम करने में सहायता करती है।
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनें
निवेशकों को अपनी पूंजी को डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के स्कीम में निवेश करना चाहिए, ऐसा कर के निवेशक अपने निवेश किए गए पैसों पर 1% से 1.5% तक का ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं। रेगुलर म्युचुअल फंड की तुलना में डायरेक्ट प्लान अधिक बेहतर है क्योंकि निवेशकों को फंड हाउस को कम चार्जेज का भुगतान करना पड़ता है इसके पीछे का प्रमुख कारण डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स के एक्सपेंस रेशियो का कम होना है। यह एक परसेंट की बचत भले आपको छोटी दिखती हो लेकिन लंबे समय में यह निवेशकों के पोर्टफोलियो को काफी प्रभावित करते हैं। इसकी कैलकुलेशन के लिए आप किसी एसआईपी कैलकुलेटर की मदद भी ले सकते हैं।
फंड का नाम | डायरेक्ट स्कीम एक्सपेंस रेश्यो | रेगुलर स्कीम एक्सपेंस रेश्यो |
Baroda BNP Paribas Multi Cap Fund | 1.11% | 2.11% |
ICICI Prudential Value Discovery Fund | 1.11% | 1.64% |
Mutual Fund Investment: के लिए लंपसम के बजाय एस.आई.पी. चुनें
निवेशकों को अपनी पूंजी को एकमुश्त यानी लंपसम निवेश करने के बजाय सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान अर्थात् SIP के माध्यम से निवेश करना चाहिए। इससे नियमित रूप से छोटी राशि का निवेश कर अधिक यूनिट्स जुटाई जा सकती हैं.।
लंपसम निवेश के विपरीत, SIP के लिए सर्वोत्तम समय के बारे में सोचने की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है यानी आपको मार्केट को टाइम नही करना पड़ता है जबकि लंपसम निवेश में निवेशकों को ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए बाजार के गिरने का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन ऐसा कब होगा इसकी भविष्यवाणी करना लगभग असंभव है। इसलिए लंपसम इन्वेस्टमेंट के बजाय SIP का चुनाव करें और बेहतर रिटर्न प्राप्त करें।
Mutual Fund Investment पोर्टफोलियो की समय-समय पर समीक्षा और बैलेंस्ड करना
आपने अपने निवेश के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं और जो रिस्क डिफाइन किया है आपके म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट का पोर्टफोलियो क्या उसी राह पर चल रहा है या उसमें कुछ परिवर्तन हो गया है जो भी स्थिति हो उसके अनुसार अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस्ड करना सुनिश्चित करें साथ ही समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो और म्यूचुअल फंड्स स्कीम का भी मूल्यांकन करते रहें और यदि जरूरत महसूस हो तो आवश्यकता अनुसार अपने पोर्टफोलियो और म्यूचुअल फंड्स स्कीम में परिवर्तन कर लेना चाहिए।
यह याद रखना हमेशा महत्वपूर्ण है कि म्युचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं और पिछला प्रदर्शन भविष्य के परिणामों की गारंटी नहीं है।
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डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बजार जोखिमों के अधीन है, कृपया निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
FAQ
Q. डायरेक्ट म्यूचुअल फंड को कैसे खरीदें?
Ans. डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स को उस म्यूचुअल फंड की वेबसाइट या किसी ऐसे प्लेटफार्म से खरीदना चाहिए जो डायरेक्ट म्यूचुअल फंड खरीदने की सुविधा देते हों जैसे: Zerodha coin, Groww, Paytm money, Upstox, Kuvera इत्यादि।
Q. भारत के प्रमुख इंडेक्स कौन-कौन से हैं, जो हमारी इकोनॉमी को रिफ्लेक्ट करते हैं?
Ans. निफ्टी-50, सेंसेक्स
Q. नो नथिंग इन्वेस्टर यानी जिनको कोई जानकारी नहीं होती है, को लॉन्ग टर्म के लिए किस प्रकार के म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में निवेश करना चाहिए?
Ans. इंडेक्स म्यूचुअल फंड के स्कीम में
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