Nifty PE 20 के नीचे! क्या यह बाजार में निवेश का सही समय है?

Nifty 50 का P/E रेशियो बाजार मूल्यांकन का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो इंडेक्स की मौजूदा कीमत को प्रति शेयर कमाई (Earnings Per Share – EPS) से तुलना करता है। यह निवेशकों को बताता है कि बाजार मौजूदा कमाई के मुकाबले कितना अधिक या कम भुगतान करने को तैयार है।

जब P/E अधिक होता है, तो यह संकेत देता है कि निवेशक उच्च ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कम P/E का मतलब यह हो सकता है कि बाजार ओवरसोल्ड (Undervalued) है या ग्रोथ कम होने की संभावना है।

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📉 32 महीनों में पहली बार Nifty PE 20 से नीचे गिरा!

पिछले 5 वर्षों में, निफ्टी P/E केवल दो बार 20 के स्तर से नीचे गया है:

पहली बार – मई-जुलाई 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद, जब यह 18.92 तक गिरा था।
दूसरी बार – अब, जब वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते बाजार दबाव में है।

सितंबर 2023 में निफ्टी P/E 24.38 के उच्चतम स्तर पर था, लेकिन तब से इंडेक्स में करीब 16% की गिरावट आ चुकी है। धीमी Earnings Growth और Price Correction के कारण वैल्यूएशन में गिरावट आई है।

📌 मार्च 2020 में सबसे निचला स्तर – कोरोना संकट के समय निफ्टी P/E 17.15 तक गिर गया था, जब एक ही दिन में बाजार 13% टूट गया था

📉 Nifty के P/E में गिरावट क्यों आई?

Nifty 50 का P/E जुलाई 2022 के बाद पहली बार 20 के नीचे गया है। इसका मुख्य कारण Foreign Institutional Investors (FIIs) की जबरदस्त बिकवाली है।

👉 2025 में अब तक FIIs ने 13 बिलियन डॉलर (₹3 लाख करोड़) से अधिक निकाले हैं।
👉 बीते 5 महीनों में भारी बिकवाली हुई है, जिससे बाजार दबाव में आ गया है।
👉 वैश्विक अनिश्चितताओं, संभावित नई अमेरिकी ट्रेड टैरिफ और उभरते बाजारों में निवेशकों की घटती रुचि के कारण, निवेशक अमेरिकी बाजार को प्राथमिकता दे सकते हैं।

📊 क्या अभी निवेश का सही समय है?

ब्रोकर फर्मों की राय इस पर बंटी हुई है:

🔴 Kotak Institutional Equities – वे मानते हैं कि भारतीय बाजारों में गिरावट के बावजूद अभी भी ज्यादातर सेक्टर सस्ते नहीं हुए हैं। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि कैपिटल फ्लो पर अधिक ध्यान न दें, क्योंकि इससे बाजार के शिखर या तलहटी की सही भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

🟢 Capitalmind Research के वरिष्ठ विश्लेषक कृष्ण अप्पला का मानना है कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है। उन्होंने बताया कि Lehman Crash, Taper Tantrum, Demonetization और COVID क्रैश के बाद जो निवेशकों ने खरीदारी की, उन्हें दीर्घकालिक लाभ मिला।

📌 “आज की गिरावट कठिन लग सकती है, लेकिन इतिहास बताता है कि इसे भविष्य में निवेश के अवसर के रूप में देखा जाएगा।”
📈 पिछले 30 वर्षों में 20% से अधिक की गिरावट कई बार आई है, लेकिन उनमें से 22 वर्षों में बाजार अंततः पॉजिटिव बंद हुआ है।

🔥 इन सस्ते Nifty 50 स्टॉक्स पर रखें नजर!

नीचे दिए गए स्टॉक्स अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर से छूट पर ट्रेड कर रहे हैं, जो निवेश के लिए आकर्षक हो सकते हैं:

🏢 स्टॉक का नाम📉 करंट प्राइस (₹)🔺 52 वीक हाई (₹)छूट (%)
Tata Motors₹654.65₹1,179.0544.47%
Hero MotoCorp₹3,639.95₹6,246.2541.7%
Bajaj Auto₹7,499.95₹12,77441.2%
Trent Ltd₹5,199.25₹8,345.8537.7%

📌 यदि आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो यह गिरावट आपके लिए एक अवसर हो सकती है!

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FAQs

1️⃣ Nifty P/E 20 से नीचे जाने का क्या मतलब है?

🔹 जब निफ्टी P/E 20 से नीचे जाता है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि बाजार अंडरवैल्यूड (Undervalued) है या भविष्य में स्लो ग्रोथ की आशंका है।

2️⃣ क्या Nifty P/E के गिरने पर निवेश करना सही होगा?

🔹 यह पूरी तरह से आपकी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) पर निर्भर करता है। लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक अवसर हो सकता है, लेकिन शॉर्ट टर्म निवेशक सावधानी बरतें।

3️⃣ FIIs की बिकवाली का भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ेगा?

🔹 जब विदेशी निवेशक (FIIs) भारतीय बाजार में बिकवाली करते हैं, तो इंडेक्स में गिरावट आती है। हालांकि, घरेलू निवेशक (DIIs) इस गिरावट को संतुलित करने की कोशिश करते हैं।

📢 क्या आप इस मौके पर निवेश करेंगे या बाजार के और गिरने का इंतजार करेंगे? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं! 🚀

डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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