SIP Vs Lump Sum: जानिए कौन सा तरीका आपको बना सकता है करोड़पति! 2024

SIP Vs Lump Sum: जब म्यूचुअल फंड्स में निवेश की बात आती है, तो निवेशकों के पास मुख्य रूप से दो विकल्प होते हैं: SIP (Systematic Investment Plan) और Lump Sum। 2024 में सही निवेश रणनीति चुनना आपके वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम SIP और Lump Sum निवेश के फायदे और नुकसान पर चर्चा करेंगे, और उदाहरणों के साथ समझेंगे कि कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है।

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SIP (Systematic Investment Plan) क्या है?

SIP का मतलब है कि आप नियमित रूप से एक तयशुदा राशि म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं। यह एक disciplined निवेश प्रक्रिया है, जहां आप मासिक या त्रैमासिक आधार पर एक निश्चित रकम निवेश करते हैं। SIP के माध्यम से निवेश करने के कई फायदे होते हैं:

  1. डिसिप्लिन्ड निवेश: SIP आपको नियमित रूप से निवेश करने की आदत डालता है। इससे आपका फाइनेंशियल प्लानिंग सही रहती है और आप लंबी अवधि में एक बड़ा फंड बना सकते हैं।
  2. रुपये की लागत औसत (Rupee Cost Averaging): SIP की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप मार्केट के उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश करते हैं। जब मार्केट नीचे होता है, तब आपके निवेश के यूनिट्स सस्ते दाम में मिलते हैं, जिससे आपकी औसत लागत कम हो जाती है।
  3. मार्केट टाइमिंग का झंझट नहीं: SIP में निवेशकों को मार्केट की स्थिति की चिंता नहीं करनी पड़ती। हर महीने आपके खाते से निर्धारित राशि म्यूचुअल फंड में चली जाती है। इससे लंबी अवधि में आपको स्थिर रिटर्न मिलते हैं।

SIP का उदाहरण

मान लीजिए, आप हर महीने ₹5,000 SIP में निवेश कर रहे हैं और बाजार में उतार-चढ़ाव है। पहले महीने जब आप निवेश करते हैं, तो NAV (Net Asset Value) ₹100 है, लेकिन अगले महीने NAV गिरकर ₹90 हो जाता है। इस स्थिति में, आपका औसत निवेश मूल्य कम हो जाता है, जिसे रुपये की लागत औसत कहा जाता है।

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मान लें, तीन साल बाद आपके SIP ने 14.54% का सालाना रिटर्न दिया। यह एक अच्छे रिटर्न की दर है, विशेष रूप से लंबी अवधि में।

Lump Sum निवेश क्या है?

Lump Sum निवेश में आप एक साथ एक बड़ी राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। आमतौर पर यह तब किया जाता है जब आपके पास बोनस, परफॉर्मेंस इंसेंटिव, एफडी मेच्योरिटी या कोई अन्य बड़ी राशि हो। Lump Sum निवेश के भी अपने फायदे और नुकसान होते हैं:

  1. एकमुश्त निवेश: यदि आप एक ही बार में बड़ा निवेश करना चाहते हैं और उस राशि को FD या बचत खाते में रखने की बजाय अधिक रिटर्न पाना चाहते हैं, तो Lump Sum निवेश सही हो सकता है।
  2. सही एंट्री पर उच्च रिटर्न: अगर आप बाजार के निचले स्तर पर निवेश करते हैं, तो आपको भविष्य में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर, 2020 में कोविड-19 के बाद जब बाजार में गिरावट आई थी, तब Lump Sum निवेशकों को काफी लाभ हुआ था।

Lump Sum निवेश का उदाहरण

अगर आपने 19 दिसंबर 2020 को ₹50,000 का Lump Sum निवेश Franklin India Blue Chip Fund में किया होता, तो तीन साल बाद आपके रिटर्न 16.3% वार्षिक होते। यह SIP के मुकाबले अधिक है, जहां 14.54% रिटर्न मिलता।

SIP और Lump Sum में कौन बेहतर?

आइए, अब कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं:

  • 3 साल का रिटर्न: SIP – 14.54%, Lump Sum – 16.3%
  • 5 साल का रिटर्न: SIP – 16.67%, Lump Sum – 13.13%
  • 10 साल का रिटर्न: SIP – 12.44%, Lump Sum – 13.23%
  • 15 साल का रिटर्न: SIP – 12.5%, Lump Sum – 14.92%

इन आंकड़ों से यह साफ है कि Lump Sum निवेश लंबी अवधि में SIP की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकता है, बशर्ते निवेश सही समय पर किया जाए।

Nifty PE Ratio से मार्केट का आकलन

Lump Sum निवेश में सही समय पर निवेश करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए आप Nifty PE Ratio का उपयोग कर सकते हैं। PE Ratio यह दर्शाता है कि वर्तमान में बाजार ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड।

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  • अगर Nifty का PE Ratio अपने दीर्घकालिक औसत से नीचे है, तो यह संकेत हो सकता है कि बाजार अंडरवैल्यूड है और Lump Sum निवेश के लिए अच्छा समय हो सकता है।
  • अगर PE Ratio औसत के ऊपर है, तो SIP निवेश बेहतर हो सकता है क्योंकि बाजार में सुधार की संभावना हो सकती है।

Warren Buffett की रणनीति

वॉरेन बफेट जैसे अनुभवी निवेशक हमेशा सही अवसर की तलाश में रहते हैं। वे तब तक इंतजार करते हैं जब तक बाजार में गिरावट न आ जाए और फिर एक बड़ा निवेश करते हैं। इसी तरह, आप भी बाजार के सुधार की प्रतीक्षा कर सकते हैं और उस समय Lump Sum निवेश कर सकते हैं। वहीं, नियमित SIP निवेश जारी रखना एक स्थिर और सुरक्षित रणनीति हो सकती है।

निष्कर्ष

SIP और Lump Sum दोनों के अपने-अपने फायदे हैं। यदि आप नियमित और सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, तो SIP एक बेहतरीन विकल्प है। वहीं, अगर आप बाजार के सही समय का इंतजार कर सकते हैं और एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं, तो Lump Sum निवेश से आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए आपका टाइम हॉरिजोन कम से कम 3 से 5 साल का होना चाहिए। चाहे SIP हो या Lump Sum, दीर्घकालिक निवेश से ही अच्छे रिटर्न प्राप्त होते हैं।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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