म्यूचुअल फंड्स के प्रकार: दोस्तों हम लोगों की परिस्थितियां, जरूरतें और लक्ष्य अलग-अलग होते हैं, किसी को वेल्थ क्रिएट करने के लिए निवेश करना है, किसी को टैक्स बचाने के लिए निवेश करना है, किसी को अपने सपनों का घर लेना है, किसी को अपने बच्चों की पढ़ाई और शादी के लिए निवेश करना है, किसी को रिटायरमेंट के लिए निवेश करना है, किसी को अपने फंड्स को पार्क करने के लिए निवेश करना है तो कोई बहुत कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहता है तो कोई अधिक जोखिम उठाना चाहता है।
सभी के माइंड सेट अलग-अलग होते हैं, कोई जल्दी निवेश करना शुरू कर देता है तो कोई देर से जागता है। इस तरह से देखा जाए तो जिस तरह लोगों की इच्छाएं, उद्देश्य, समय आदि अलग-अलग होते हैं उसी तरह से सभी की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड्स के भी हमें कई प्रकार देखने को मिलते हैं।
दोस्तों, म्यूचुअल फंड्स को उनको विभिन्नताओं के आधार पर मुख रूप से तीन प्रकारों में बाटा जा सकता है।
- पहला: इक्विटी या ग्रोथ फंड्स
- दूसरा: टैक्स सेविंग फंड्स
- तीसरा: हाइब्रिड फंड्स
इक्विटी या ग्रोथ फंड्स
इक्विटी या ग्रोथ फंड्स मुख्यत: इक्विटी में निवेश करते हैं यानी ये फंड्स स्टॉक मार्केट में लिस्टेड विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स खरीदते हैं। इक्विटी या ग्रोथ फंड्स का मुख्य उद्देश्य वेल्थ क्रिएशन के साथ सस्टेनेबल दर से पूंजी बढ़ाने का होता है। ऐसे फंड्स लॉन्ग टर्म निवेश के दृष्टिकोण से सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं।
इक्विटी या ग्रोथ फंड्स की निम्नलिखित श्रेणियां होती हैं:
लार्ज कैप फंड | लार्ज कैप फंड्स ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं, जो बड़े मार्केट कैप के साथ वेल स्टैब्लिश होती हैं। |
मिड कैप फंड | जैसा की नाम से ही लग रहा है की इस तरह के फंड मिड अर्थात् मध्यम आकार वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। |
स्मॉल कैप फंड | ऐसे फंड छोटे आकार वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। |
मल्टी कैप फंड | मल्टी कैप फंड छोटी, माध्यम और बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं। |
सेक्टर फंड | इस प्रकार के फंड कुछ विशेष प्रकार के सेक्टर में ही निवेश करते हैं। जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी आदि |
थेमेटिक फंड | इन फंड्स का निवेश साझा थीम पर आधारित होता है, जैसे इंफ्रास्ट्रेचर फंड्स उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो इंफ्रास्ट्रेचर के क्षेत्र में वृद्धि से लाभ अर्जित करती हैं। |
टैक्स सेविंग फंड्स
इनकम या बॉन्ड या फ़िक्स्ड इनकम फ़ंड: ये फड फ़िक्स्ड इनकम वाली सिक्योरिटीज जैसे गवर्नमेंट सिक्योरिटीज या बॉन्ड, कॉमर्शियल पेपर या डिबेंचर, डिपॉज़िट के बैंक सर्टीफिकेट और ट्रेजरी बिल, कॉमर्शियल पेपर जैसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं। ये फंड्ज तुलनात्मक रूप से सुरक्षित निवेश होते हैं और फ़िक्स्ड इनकम के निर्माण के लिहाज से सर्वाधिक उपयुक्त होते हैं। लिक्विड, लघु अवधि, फ्लोटिंग दर, कारपोरेट ऋण, डायनामिक बॉन्ड, गिफ्ट फंड आदि इस तरह के फंड्ज के उदाहरण हो सकते हैं।
हाइब्रिड फंड
ये फंड्ज इक्विटी और फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज के मिश्रण में निवेश करते हैं। इस प्रकार से ये ग्रोथ की संभावनाओं के साथ-साथ वेल्थ निर्माण का सर्वश्रेष्ठ विकल्प प्रदान करते हैं। एग्रेसिव बैलेन्स्ड फंड, कंजरवेटिव बैलेन्स्ड फंड, पेंशन फंड, चाइल्ड प्लान और मासिक आय योजना आदि इसके उदाहरण हैं।
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डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। यहां म्यूचुअल फंड्ज की डीटेल्स दी गई है। यह निवेश की सलाह नहीं है, कृपया निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य कर लें।
FAQ
Q. म्यूचुअल फंड्ज कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. म्यूचुअल फंड्ज मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं- इक्विटी या ग्रोथ फंड्स, टैक्स सेविंग फंड्स, हाइब्रिड फंड
Q. मल्टी कैप फंड किस तरह की कंपनियों में निवेश करते हैं?
Ans. मल्टी कैप फंड छोटी, मध्यम और बड़ी आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं।
Q. हाइब्रिड फंड किसे कहते हैं?
Ans. हाइब्रिड फंड इक्विटी और फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज के मिश्रण में निवेश करते हैं। यानि यह एक ऐसा फंड होता है जो कई तरह के एसेट क्लास में निवेश करता है।
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