कैसे एक पूर्व बैंक कर्मचारी ने Microgreens की खेती से करोड़पति बनने का सपना पूरा किया?

Microgreens: आज की तेज़ रफ्तार और प्रतिस्पर्धी दुनिया में, लोग अपनी नौकरी छोड़कर उद्यमिता में कदम रखने से घबराते हैं। लेकिन केरल के कोच्चि के रहने वाले अजय गोपीनाथ ने अपनी नौकरशाही ज़िंदगी छोड़कर एक नई दिशा में कदम रखा और माइक्रोग्रीन्स की खेती में सफलता पाई। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसने न केवल अपने जुनून का पालन किया बल्कि इसे एक सफल व्यवसाय में बदल दिया।

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Microgreens क्या हैं और यह क्यों महत्वपूर्ण हैं?

Microgreens छोटे, पोषक तत्वों से भरपूर पौधे होते हैं, जो पारंपरिक सब्जियों की तुलना में अधिक पोषण प्रदान करते हैं। इनकी लंबाई 1 से 3 इंच होती है, और इनका उपयोग सलाद, सूप, सैंडविच और अन्य व्यंजनों में किया जाता है। माइक्रोग्रीन्स में विटामिन C, E और K, कैरोटीनोइड्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है। इन्हें एक “सुपरफूड” के रूप में जाना जाता है, और इसलिए आधुनिक स्वस्थ खाने की आदतों में इनकी मांग बढ़ रही है।

अजय गोपीनाथ की यात्रा: बैंक कर्मचारी से उद्यमी तक

अजय की कहानी तब शुरू हुई जब उन्होंने बेंगलुरू के एक रेस्तरां में पहली बार माइक्रोग्रीन्स का सामना किया। उन्होंने देखा कि यह केवल एक सजावटी घटक नहीं था, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ थे। इस अनुभव ने अजय को माइक्रोग्रीन्स के पोषण संबंधी गुणों की ओर आकर्षित किया।

बैंकिंग से खेती की ओर रुख

अपने बैंकिंग करियर में स्थिरता होने के बावजूद, अजय ने महसूस किया कि वह कुछ नया और रोमांचक करना चाहते हैं। 2017-2018 के दौरान, उन्होंने माइक्रोग्रीन्स उगाने का प्रयोग छोटे स्तर पर अपने घर में शुरू किया। इसके बाद, उन्होंने दो साल तक शोध और विकास (R&D) किया, जिससे उन्हें इस नए क्षेत्र को गहराई से समझने में मदद मिली।

व्यवसाय की शुरुआत: 80-वर्ग फुट के कमरे से लाखों की बिक्री तक

शुरुआती प्रयोगों के बाद, अजय ने कोच्चि में अपने घर में 80-वर्ग फुट के कमरे में Microgreens का व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने लगभग 15 किस्मों की माइक्रोग्रीन्स की खेती की, जिनमें शामिल हैं:

  • सूरजमुखी (Sunflower)
  • मूली (Radish)
  • कैल (Kale)
  • मेथी (Fenugreek)
  • ब्रोकोली (Broccoli)

मात्र दो साल में, अजय ने एक छोटे-स्तर के व्यवसाय को एक बड़े वाणिज्यिक ऑपरेशन में बदल दिया। आज, अजय अपने ब्रांड “Grow Greens” के माध्यम से 22 लाख से 73 लाख रुपये की मासिक बिक्री प्राप्त कर रहे हैं, और प्रतिदिन 5 किलो तक माइक्रोग्रीन्स की फसल काट रहे हैं।

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गुणवत्ता और नॉन-जीएमओ बीज पर ध्यान

अजय की सफलता की कुंजी उनकी प्रतिबद्धता है—वे अपनी खेती में केवल नॉन-जीएमओ (Non-GMO) बीजों का उपयोग करते हैं। उन्होंने कई अलग-अलग क्षेत्रों से बीजों की सोर्सिंग शुरू की और आदर्श स्थितियों का निर्माण किया। इसके लिए उन्होंने सही तापमान, नमी, और हवा के बहाव जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया। अजय का मानना है कि गुणवत्ता सर्वोपरि है और इसी वजह से उनके उत्पाद उच्च मांग में हैं।

कच्चे Microgreens खाने के लाभ

अजय की सलाह है कि माइक्रोग्रीन्स को कच्चा खाना चाहिए। इन छोटे पौधों में पूरी तरह उगी सब्जियों से अधिक पोषक तत्व होते हैं। वे एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इसके अलावा, माइक्रोग्रीन्स को अपने भोजन में शामिल करने से आप ताजगी और स्वाद का अद्भुत मिश्रण प्राप्त कर सकते हैं।

फ्रैंचाइजी और विस्तार

अजय का बिजनेस सिर्फ केरल तक सीमित नहीं है। उन्होंने चेन्नई और बेंगलुरू जैसे शहरों में भी फ्रैंचाइजी स्थापित की है। उनकी योजना अन्य शहरों में भी विस्तार करने की है ताकि अधिक से अधिक लोग Microgreens के स्वास्थ्य लाभों का आनंद ले सकें।

उद्यमिता में उनके टिप्स:

  • नवाचार और सीखने की इच्छा: अजय का मानना है कि उद्यमिता में सफल होने के लिए नए-नए तरीकों को अपनाना और निरंतर सीखते रहना महत्वपूर्ण है।
  • धैर्य रखें: किसी भी व्यवसाय की शुरुआत में चुनौतियाँ आती हैं। सफलता एक रात में नहीं मिलती, बल्कि धैर्य और कठिन परिश्रम से मिलती है।
  • गुणवत्ता से समझौता न करें: चाहे बिजनेस कितना भी बड़ा हो, उत्पाद की गुणवत्ता को प्राथमिकता देनी चाहिए।

भारत में Microgreens की बढ़ती मांग

स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण भारत में माइक्रोग्रीन्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। आधुनिक जीवनशैली के चलते लोग अब कम समय में ज्यादा पोषण चाहते हैं, और माइक्रोग्रीन्स इस जरूरत को पूरा करते हैं। अजय गोपीनाथ जैसे उद्यमी इस बदलाव का नेतृत्व कर रहे हैं और अधिक से अधिक लोगों को माइक्रोग्रीन्स के फायदों से परिचित करा रहे हैं।

निष्कर्ष: अजय गोपीनाथ की सफलता का राज

अजय की कहानी इस बात का प्रमाण है कि जुनून और प्रतिबद्धता के साथ आप किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं। बैंकिंग की स्थिरता को छोड़कर अजय ने एक नया मार्ग चुना और माइक्रोग्रीन्स के क्षेत्र में सफल उद्यमी बन गए। उनकी यात्रा उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने पारंपरिक करियर से हटकर कुछ नया करना चाहते हैं।

क्या आप भी माइक्रोग्रीन्स की खेती या स्वस्थ खाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं? अजय गोपीनाथ की कहानी आपको प्रेरित कर सकती है।

“Grow Greens” जैसे ब्रांडों के साथ, स्वस्थ भोजन का भविष्य उज्ज्वल है, और अजय गोपीनाथ इस परिवर्तन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अगर आप भी माइक्रोग्रीन्स के व्यवसाय में कदम रखना चाहते हैं, तो अजय की तरह धैर्य और गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी है।

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