भारत का Chip मार्केट में धमाकेदार एंट्री: 18 अरब डॉलर की डील्स, Micron और Tata ने बदला गेम – क्या हम बनेंगे ग्लोबल Semiconductor हब?

भारत अब ग्लोबल Semiconductor इंडस्ट्री में कदम रख चुका है! Semicon India प्रोग्राम के तहत 10 बिलियन डॉलर की शुरुआती फंडिंग और अब 20 बिलियन डॉलर की नई योजना के साथ, भारत ने Micron, Tata और PSMC जैसे दिग्गजों के साथ 18 अरब डॉलर की डील्स साइन की हैं। क्या यह भारत को टेक सुपरपावर बनाने की शुरुआत है? अगर आप Stock Market, Technology या Make in India न्यूज में रुचि रखते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है! आइए, भारत की चिप क्रांति की पूरी कहानी को डीकोड करें।

Table of Contents

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

भारत की Semiconductor रणनीति: ग्लोबल पार्टनर्स को लुभाने का मास्टरप्लान

Semiconductors, यानी चिप्स, आज की दुनिया की सबसे जटिल टेक्नोलॉजी हैं। स्मार्टफोन्स से लेकर AI तक, हर डिवाइस में चिप्स का दिल धड़कता है। लेकिन भारत का चिप इंडस्ट्री अभी नया-नया है। 1980 में PSU-बेस्ड पहला Semiconductor Foundry फेल हो गया था, लेकिन इस बार रणनीति अलग है। भारत अब ग्लोबल सप्लाई चेन में एक भरोसेमंद पार्टनर बनना चाहता है।

कैसे?

  • Semicon India प्रोग्राम: 2021 में शुरू हुए इस प्रोग्राम ने 10 बिलियन डॉलर की फंडिंग दी, जिसमें चिप फैक्ट्री सेटअप के लिए 50% Capital Cost सरकार देती है। अब नया प्रोग्राम 20 बिलियन डॉलर के साथ छोटे और स्पेशलाइज्ड प्रोजेक्ट्स (जैसे Compound Semiconductors, Assembly Units) पर फोकस करेगा।
  • Global Giants का साथ: Micron, PSMC, और Foxconn जैसे दिग्गज भारत में इन्वेस्ट कर रहे हैं, जो टेक्नोलॉजी, कैपिटल और बिजनेस नेटवर्क्स ला रहे हैं।
  • State-Level Push: गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, UP और असम जैसे राज्य Subsidies, Cheap Power और Plug-and-Play Industrial Zones ऑफर कर रहे हैं। गुजरात का Dholera Special Investment Region 70% Capital Assistance देता है!

क्यों भारत? ग्लोबल फर्म्स भारत की विशाल मार्केट, इंजीनियर्स की फौज और Generous Incentives की वजह से आकर्षित हो रही हैं। लेकिन चुनौतियां भी हैं – टेक्नोलॉजिकल नॉलेज और मार्केट डिमांड अभी भी प्रूव करना बाकी है।

भारत का Semiconductor सफर: अब तक क्या हासिल हुआ?

पिछले 4 साल में भारत ने Semiconductor सप्लाई चेन के हर स्टेप में प्रोग्रेस किया है। 6 राज्यों में 18 अरब डॉलर के 10 प्रोजेक्ट्स अप्रूव हो चुके हैं। आइए, स्टेज-बाय-स्टेज देखें:

1. Chip Design: भारत का स्ट्रॉन्ग पॉइंट

चिप डिजाइन में भारत पहले से मजबूत है। दुनिया के 20% Semiconductor Design Engineers (50,000+) भारत में हैं। Intel, AMD, NVIDIA, Qualcomm जैसे दिग्गजों के R&D सेंटर्स यहाँ हैं।

  • Government Push: Designed-Linked Incentive Scheme ने ₹1,000 करोड़ में 23 स्टार्टअप्स को सपोर्ट किया, जो IoT Chipsets, 5G Radio Chips और Sensors पर काम कर रहे हैं।
  • Big Moves: AMD ने 2023 में बेंगलुरु में $400 मिलियन का दुनिया का सबसे बड़ा Design Center खोला। L&T ने $300 मिलियन की Fabless Semiconductor कंपनी शुरू की।

2. Fabrication: भारत का पहला Wafer Fab

चिप फैब्रिकेशन सबसे मुश्किल और महंगा स्टेज है। एक Wafer Fab की कॉस्ट $10-20 बिलियन होती है और इसे स्केल पर चलाना पड़ता है। भारत ने यहाँ कई असफलताएँ देखीं:

  • Vedanta-Foxconn Flop: $19.5 बिलियन का Gujarat प्रोजेक्ट फेल, क्योंकि सरकार ने कॉस्ट पर सवाल उठाए और Foxconn पीछे हट गया।
  • Adani-Tower Breakdown: $10 बिलियन का प्रोजेक्ट डिमांड की कमी के कारण रुका।

लेकिन बड़ी जीत! Tata Electronics और Taiwan की PSMC ने Dholera, Gujarat में $10 बिलियन का Wafer Fab शुरू किया। यह 28 nm Chips बनाएगा, जो AI के लिए नहीं, बल्कि Industrial Machines और Phone Receivers के लिए उपयोगी हैं। प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है, और Tata ने सैकड़ों इंजीनियर्स को Taiwan में ट्रेनिंग के लिए भेजा है।

3. Assembly, Testing, Marking, Packaging (ATMP): भारत का गेम-चेंजर

ATMP में भारत ने सबसे ज्यादा सक्सेस पाई है। ये प्रोसेस चिप को Usable बनाने के लिए जरूरी हैं और High-Tech चैलेंज हैं।

  • Micron’s Mega Entry: 2023 में Micron ने Sanand, Gujarat में $2.75 बिलियन का Advanced Semiconductor Assembly and Test Plant शुरू किया। यह भारत को ग्लोबल Semicon Map पर लाया।
  • Tata’s OSAT: असम में ₹27,000 करोड़ का Outsourced Semiconductor Assembly and Test (OSAT) प्लांट।
  • Foxconn-HCL Pivot: Foxconn ने Vedanta फेलियर के बाद HCL के साथ Greater Noida, UP में $430 मिलियन का OSAT प्लांट शुरू किया।

इन यूनिट्स से भारत जल्द 70 मिलियन चिप्स प्रति दिन प्रोसेस करेगा – यह स्मॉलकैप से मेनस्ट्रीम की ओर बिग जंप है!

चुनौतियां और भविष्य: क्या भारत बनेगा चिप हब?

भारत का Semiconductor प्रोग्राम सिर्फ 4 साल पुराना है, लेकिन इसने ग्लोबल अटेंशन खींचा है। फिर भी, रास्ता आसान नहीं:

  • Dependence on Foreign Giants: Micron, PSMC जैसे पार्टनर्स के बिना प्रोग्राम कमजोर है। भारत में अभी Deep Technical Knowledge की कमी है।
  • Cutting-Edge से दूरी: ग्लोबल फ्रंटियर 2 nm Chips पर है, जबकि भारत 28 nm पर शुरू कर रहा है।
  • Market Test: प्रोजेक्ट्स निर्माणाधीन हैं। प्रोडक्शन शुरू होने पर ही पता चलेगा कि “Made in India” Chips की डिमांड है या नहीं।

लेकिन, भारत ने एक जटिल इंडस्ट्री में पैर जमा लिया है। 50,000+ इंजीनियर्स, 18 अरब डॉलर की डील्स और 6 राज्यों का सपोर्ट – यह शुरुआत शानदार है। क्या भारत अगला Taiwan बनेगा? कमेंट्स में बताएं!

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सूचना के उद्देश्य से है। स्टॉक मार्केट या टेक इन्वेस्टमेंट रिस्की हैं। सर्टिफाइड एडवाइजर्स से सलाह लें। सोर्स: The Daily Brief, Zerodha

FIIs ने इन 6 स्मॉलकैप स्टॉक्स में हिस्सेदारी आधी कर दी – 4 क्वार्टर में 20% तक लुढ़का शेयर प्राइस, क्या आपका पैसा फंस गया?

₹70,000 करोड़ के मेगा मैरीटाइम प्रोजेक्ट्स में धमाल: Cochin Shipyard स्टॉक क्यों है सुपरहिट? डिफेंस से कमाई का राज खुला

₹90,000 करोड़ का धांसू मार्केट: Polycab और KEI Industries स्टॉक्स बन सकते हैं आपके पोर्टफोलियो के Multibagger – 20% रिटर्न का मौका

Leave a Comment