NSE ने दिसंबर 2016 में IPO लाने के लिए डॉक्यूमेंट्स SEBI के पास जमा किए थे, जिसे सेबी ने 2019 में वापस कर दिया था और कोलोकेशन मामले की जांच पूरी होने पर फिर से आवेदन करने को कहा था।
मार्केट की तेजी का फायदा उठाने के लिए कई कंपनियों द्वारा IPO लाया जा रहा है। इस क्रम में NSE IPO में तेजी लाने के लिए पीपल एक्टिविज्म फोरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में रिट दाखिल की है जिसपर सुनवाई चल रही है।
कोर्ट में दाखिल हलफनामे में एक्सचेंज ने कहा है की उसको डॉक्यूमेंट्स दाखिल किए हुए 7 साल बीत चुके हैं और NSE द्वारा उसको वापस किए हुए 5 साल गुजर चुके हैं इसलिए सेबी को एक्सचेंज के आवेदन पर नए फैक्ट्स और नई स्थितियों को ध्यान में रखते पुनः विचार करना चाहिए।
Discount Brokers का अब क्या होगा
NSE Top Holders
शेयर धारक | हिस्सेदारी (% में) |
एलआईसी | 10.7% |
अरंडा इंवेस्टमेंट्स | 5.0% |
स्टॉक होल्डिंग कॉर्प | 4.44% |
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स | 4.33% |
महागोनी | 3.93% |
एसबीआई | 3.23% |
क्राउन कैपिटल | 2.70% |
पीआई ऑपर्च्युनिटीज फंड | 2.68% |
टीआईएमएफ होल्डिंग्स | 2.23 |
कनाडा पेंशन प्लान | 2.8% |
एक्सचेंज ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में बताया है की जो भी मामले अभी पेंडिंग हैं उन्हें तुरंत निपटाना संभव नहीं है क्योंकि इनमें से कुछ मामले माननीय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। हाई कोर्ट ने मई माह में हुई सुनवाई के दौरान NSE और SEBI को 4 हफ्तों में जवाब देने को कहा था। NSE का कहना है की उसने SEBI के सभी दिशा निर्देशों का पालन किया है।
आपको बता दें की NSE IPO कोलोकेशन, डार्क फाइबर, कंपनी प्रशासन की खामियों जैसे मामलों को लेकर चल रहे केस के कारण लटका हुआ है। एनएसई की कहना है की कई मामले अंतिम चरण में है।
NSE ने कहा है की वोडाफोन आइडिया का FPO और आधार हाउसिंग फाइनेंस का IPO जैसे उदाहरण है जहां इन संस्थाओं पर वित्तीय और प्रशासन संबंधी मुद्दों पर प्रभाव डालने वाले केस चल रहे हैं फिर भी SEBI ने खुलासा व्यस्था के आधार पर मसौदा दस्तावेज को प्रकाशित करने की मंजूरी प्रदान की गई थी।
पीपल एक्टिविज्म फोरम ने कोर्ट में दायर याचिका में कहा है की NSE के Share को लिस्ट करने में कोई बाधा नहीं है क्योंकि कोलोकेशन मामले में SEBI द्वारा लगाया गया प्रतिबंध अक्टूबर 2019 में पूरा हो चुका है।
NSE ने प्रतिस्पर्धी स्टॉक एक्सचेंज बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के साथ-साथ लंदन स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज जैसे कई बड़े वैश्विक एक्सचेंजों का हवाला देते हुए कहा है कि ये एक्सचेंज काफी समय से सूचीबद्ध हैं और दुनिया भर में खुलेआम उनके शेयरों का कारोबार होता है।
NSE ने हलफनामे में कहा है कि उसके सूचीबद्ध होने से सभी को फायदा होगा। मार्च 2022 में उसके शेयरधारकों की संख्या 2,607 थी, जो 31 मई, 2024 तक बढ़कर करीब 15,000 हो चुकी है। इससे पता चलता है कि इन शेयरों में नियमित तौर पर खरीद-फरोख्त होती है। स्टॉक एक्सचेंज के अलावा NSE के शेयरों का काफी कारोबार होता है। उसके प्लेटफॉर्म पर करीब 10 लाख यूनीक निवेशक 1,300 पंजीकृत ब्रोकरों के जरिये कारोबार करते हैं।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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