भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए टैरिफ में कटौती कैसे गेम चेंजर साबित हो सकती है?

भारत सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सेमीकंडक्टर निर्माण उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ा रही है। हाल ही में, अमेरिकी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SIA) के अध्यक्ष और सीईओ जॉन न्यूफर ने भारत को सुझाव दिया कि सेमीकंडक्टर निर्माण पर ज़ीरो टैरिफ लागू करने से यह देश वैश्विक सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

भारत के लिए कम टैरिफ क्यों महत्वपूर्ण है?

न्यूफर ने बताया कि भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में विस्तार कर रहा है, लेकिन इसे व्यापार नीति को अधिक अनुकूल बनाना होगा। उन्होंने कहा, “अमेरिका पहले से ही अपने सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन भागीदारों से ज़ीरो टैरिफ लाभ प्राप्त कर रहा है, लेकिन भारत से नहीं।” इसके अलावा, उन्होंने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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इसके अलावा, न्यूफर ने ट्रंप प्रशासन के उस प्रस्ताव पर भी चिंता जताई जिसमें ताइवान से सेमीकंडक्टर आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात की गई थी। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने से अमेरिकी सप्लाई चेन बाधित हो सकती है और निर्माण लागत बढ़ सकती है।

वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार की स्थिति

SIA के अनुसार, वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग 2024 में 20 प्रतिशत बढ़ा और 2025 में 11 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। अमेरिका ने 2032 तक अपनी एडवांस चिप निर्माण क्षमता को तीन गुना करने और दुनिया के 30 प्रतिशत एडवांस चिप्स के निर्माण का लक्ष्य रखा है।

इन भारतीय सेमीकंडक्टर कंपनियों को होगा फायदा

1. RIR Power Electronics

यह कंपनी पहले रुटोंशा इंटरनेशनल रेक्टिफायर लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी और यह पावर सेमीकंडक्टर डिवाइसेस और हाई-पावर इक्विपमेंट का निर्माण करती है। गुजरात स्थित इसकी उत्पादन इकाई से यह डायोड, थाइरिस्टर, पावर मॉड्यूल और अन्य उपकरणों का निर्यात करती है।

  • मार्केट कैप: ₹1,613.25 करोड़
  • शेयर प्राइस: ₹2,102.30 (5% गिरावट)

2. Kaynes Technology India

1988 में स्थापित, यह मैसूर स्थित कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और IoT-इनेबल्ड सॉल्यूशंस प्रदान करती है। यह ऑटोमोटिव, एयरोस्पेस और आईटी क्षेत्रों के लिए एंड-टू-एंड सेवाएं देती है और गुजरात में OSAT सुविधा विकसित कर रही है।

  • मार्केट कैप: ₹26,480.30 करोड़
  • शेयर प्राइस: ₹4,136.85 (1.11% गिरावट)

3. CG Power and Industrial Solutions

मुरुगप्पा ग्रुप की यह कंपनी 1937 में स्थापित हुई थी और यह बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में कार्यरत है। यह ट्रांसफार्मर, स्विचगियर, मोटर्स और रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम का निर्माण करती है। हाल ही में, इसने गुजरात में OSAT सुविधा शुरू की है।

  • मार्केट कैप: ₹88,457.78 करोड़
  • शेयर प्राइस: ₹578.60 (0.29% बढ़त)

4. Moschip Technologies

1999 में स्थापित यह कंपनी सेमीकंडक्टर और सिस्टम डिज़ाइन में कार्यरत है। यह ASIC डिजाइन, IoT और AI/ML इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करती है।

  • मार्केट कैप: ₹3,512.97 करोड़
  • शेयर प्राइस: ₹183.85 (2.57% गिरावट)

5. ASM Technologies

1992 में स्थापित यह कंपनी इंजीनियरिंग सेवाओं और प्रोडक्ट R&D समाधान में कार्यरत है।

  • मार्केट कैप: ₹1,514.74 करोड़
  • शेयर प्राइस: ₹1,286.70 (9.16% बढ़त)

निष्कर्ष

भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग में आगे बढ़ने के लिए व्यापार नीतियों में सुधार और टैरिफ में कटौती की जरूरत है। वैश्विक चिप निर्माण बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भारत को अमेरिका, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से सीखना होगा। यदि भारत ज़ीरो टैरिफ नीति अपनाता है, तो यह देश वैश्विक सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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FAQs

Q1: भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है? A1: सरकार को टैरिफ में कटौती, व्यापार नीतियों में सुधार और कौशल विकास पर जोर देना चाहिए। साथ ही, विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए OSAT सुविधाओं को बढ़ावा देना आवश्यक है।

Q2: अमेरिका के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए भारत क्यों महत्वपूर्ण है? A2: भारत एक उभरता हुआ बाजार है और यदि सही नीतियां अपनाई जाती हैं, तो यह वैश्विक चिप सप्लाई चेन में अहम भूमिका निभा सकता है।

Q3: कौन-कौन सी भारतीय कंपनियां सेमीकंडक्टर निर्माण में शामिल हैं? A3: RIR Power Electronics, Kaynes Technology, CG Power, Moschip Technologies और ASM Technologies जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।

डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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