केतन पारेख स्कैम 2.0: एक बार फिर बाजार में पुराने खेल!

पुरानी आदतें मुश्किल से जाती हैं। केतन पारेख, जिसे कभी 90 के दशक में हर्षद मेहता का चेला कहा जाता था, ने भारतीय स्टॉक मार्केट में एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों से हलचल मचा दी है। 2001 के के-10 कंपनियों के शेयरों में हेरफेर के कारण पारेख को 14 साल के लिए बाजार से बाहर कर दिया गया था। लेकिन 14 साल के बैन के खत्म होते ही केतन ने फिर से वही पुराना खेल शुरू कर दिया, जिसे अब “Ketan Parekh Scam 2.0” कहा जा रहा है। आइए जानते हैं इस घोटाले की पूरी कहानी।

फ्रंट रनिंग का खेल

फ्रंट रनिंग क्या है? यह एक अनैतिक और गैरकानूनी प्रैक्टिस है, जिसमें नॉन-पब्लिक इनफॉर्मेशन (NPI) का इस्तेमाल करके मुनाफा कमाया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी म्यूचुअल फंड या वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी को किसी स्टॉक में बड़ा इन्वेस्टमेंट करना है, तो इससे शेयर की कीमतें अस्थायी रूप से बढ़ जाती हैं। फ्रंट रनिंग करने वाले इस जानकारी का पहले ही फायदा उठाकर स्टॉक खरीदते हैं और कीमतें बढ़ने के बाद उन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाते हैं।

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केतन पारेख स्कैम 2.0 का मोडस ऑपरेंडी

इस बार केतन पारेख ने सिंगापुर के रोहित सालगांवकर के साथ मिलकर फ्रंट रनिंग का जाल बिछाया। सालगांवकर, जो सिंगापुर की एक ब्रोकिंग कंपनी Street Crossing का डायरेक्टर है, के पास बड़े क्लाइंट्स की इन्वेस्टमेंट प्लान्स की NPI थी। यह जानकारी उसने केतन पारेख को पास की। पारेख ने इस जानकारी का उपयोग करके अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाया।

बड़े नामों की भूमिका

  1. Motilal Oswal और Nuvama Wealth: ये दोनों वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियां इस घोटाले में शामिल रही हैं। रोहित सालगांवकर ने इन ब्रोकरेज हाउसेस से डील की थी, जिसके तहत उसे कुल ब्रोकरेज का 75% हिस्सा मिलता था।
  2. बिग क्लाइंट: SEBI की रिपोर्ट में इस क्लाइंट का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह क्लाइंट भारतीय बाजार में भारी निवेश करता है।

हवाला के जरिए पैसे का लेनदेन

इस घोटाले में हवाला का भी इस्तेमाल हुआ। SEBI की जांच में कई मोबाइल चैट्स और कोडवर्ड्स का पता चला, जिनका उपयोग लेनदेन छिपाने के लिए किया गया। हवाला ट्रांजेक्शन के लिए नोट्स के सीरियल नंबर को कोड के रूप में इस्तेमाल किया गया।

मल्टीपल ट्रेडिंग अकाउंट्स से मुनाफा

घोटाले में इस्तेमाल किए गए अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट्स के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। GRD Securities, Anirudh Damani, और Basukinath Properties जैसे अकाउंट्स के जरिए लगभग 200 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया गया। इन ट्रेड्स में 90% प्रॉफिट NPI का उपयोग करके कमाया गया।

SEBI की कार्रवाई

SEBI ने केतन पारेख और अन्य 22 लोगों पर बाजार में ट्रेडिंग करने से प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, SEBI के पास केवल बैन लगाने की शक्ति है; गिरफ्तारी और कठोर दंड के लिए कोर्ट का सहारा लेना होगा।

क्या यह घोटाला रुकेगा?

यह स्पष्ट है कि केतन पारेख जैसे घोटालेबाज नए-नए रास्ते खोजने में माहिर हैं। यदि उनके ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो वे अपने रिश्तेदारों या सहयोगियों के अकाउंट्स का उपयोग करके बाजार में प्रवेश कर सकते हैं।

निष्कर्ष

केतन पारेख स्कैम 2.0 न केवल बाजार की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मजबूत नियमन और सख्त सजा की कितनी आवश्यकता है। जब तक फ्रॉडस्टर्स को सख्त सजा नहीं मिलेगी, भारतीय बाजार में निवेशकों का विश्वास कमजोर होता रहेगा।

“स्कैम 1992” की याद दिलाने वाला यह मामला हमें एक बार फिर सतर्क रहने की सीख देता है।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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