Small और Midcap Stocks से दूर रहें! मार्केट एनालिस्ट की नई चेतावनी के बाद अब क्या करें 2024?

Small & Midcap Stocks: हाल के दिनों में, शेयर बाजार को लेकर बहुत सारी अटकलें चल रही हैं, और निवेशक यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आने वाले सालों में मार्केट कैसा रहेगा। इस संदर्भ में, मशहूर फाइनेंशियल एक्सपर्ट वरुण मल्होत्रा ने 22 अक्टूबर 2024 को अपने यूट्यूब वीडियो में मार्केट की वर्तमान स्थिति पर एक अहम अपडेट दिया है। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि अब समय आ गया है कि हम अपनी उम्मीदें कम कर लें, खासकर स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स से।

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Small और Midcap में इरेशनलिटी हावी:

वरुण मल्होत्रा ने साफ शब्दों में कहा कि Small और Midcap Stocks में भारी इरेशनलिटी यानी असंगतियां देखी जा रही हैं। इन कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ और मार्केट का सेंटीमेंट दोनों ही अपनी पीक पर हैं, जो बताता है कि आने वाले समय में इनमें निवेश करना एक जोखिम भरा फैसला हो सकता है।

Small और Midcap से दूरी बनाएं:

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे खुद स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स में निवेश नहीं करेंगे। उनका मानना है कि जहां सभी लोग निवेश कर रहे हैं, वहां से दूरी बनानी चाहिए। यह बफेट की वैल्यू इन्वेस्टिंग थ्योरी के अनुरूप है, जो बताती है कि अधिक वैल्यूएशन वाले स्टॉक्स में निवेश से बचना चाहिए।

मार्केट में अच्छी रिटर्न की उम्मीद कम करें:

वरुण ने सुझाव दिया कि अगले कुछ सालों के लिए निवेशकों को अपनी रिटर्न की उम्मीदें काफी कम कर लेनी चाहिए। चाहे आप निफ्टी में निवेश कर रहे हों या स्मॉल और मिड कैप में, आने वाले समय में बहुत बड़े रिटर्न की संभावना कम है।

निफ्टी के लिए भी एक्सपेक्टेशन कम करें:

वरुण ने कहा कि न केवल स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स, बल्कि निफ्टी में भी निवेशकों को अपनी अपेक्षाएं कम करनी चाहिए। वर्तमान में, निफ्टी का पी/ई रेशियो 23.5 के आसपास है, जो दर्शाता है कि मार्केट बहुत तेजी से ऊपर जाने की स्थिति में नहीं है।

मार्केट कैप टू जीडीपी रेशियो चिंताजनक:

उन्होंने मार्केट कैप टू जीडीपी रेशियो पर भी जोर दिया, जो वर्तमान में 1.4 के आसपास है। यह रेशियो सामान्यतः 1 पर होना चाहिए। जब मार्केट कैप जीडीपी से ज्यादा हो जाती है, तो यह संकेत देता है कि मार्केट में सुधार की संभावना अधिक है।

वैल्यू इन्वेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका:

वरुण मल्होत्रा ने अपने वीडियो में बार-बार जोर दिया कि वैल्यू इन्वेस्टिंग के सिद्धांतों को अपनाने का समय आ गया है। जब मार्केट में सेंटीमेंट और अर्निंग ग्रोथ दोनों उच्च स्तर पर होते हैं, तो ऐतिहासिक रूप से देखा गया है कि निवेशकों को अच्छे रिटर्न नहीं मिलते।

अर्निंग्स ग्रोथ की सीमा:

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले कुछ सालों में अर्निंग्स ग्रोथ 19% सालाना रही है, जो ऐतिहासिक औसत से अधिक है। लेकिन यह ग्रोथ लंबे समय तक जारी नहीं रह सकती, क्योंकि इसे अंततः औसत की ओर लौटना होगा, जिसे रिवर्शन टू मीन कहा जाता है।

मार्केट में गिरावट की संभावना:

वरुण ने स्पष्ट किया कि वे मार्केट को टाइम करने की कोशिश नहीं कर रहे, लेकिन यह संकेत दे रहे हैं कि अगले कुछ सालों में मार्केट में ज्यादा बढ़त की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। मार्केट या तो साइडवेज रहेगा, या फिर गिरावट का सामना कर सकता है।

फ्यूचर में सीमित रिटर्न की संभावना:

उन्होंने कहा कि अगर आने वाले सालों में जीडीपी 13-14% की दर से बढ़ती है और मार्केट कैप जीडीपी का रेशियो 1 पर आ जाता है, तो भी निवेशकों को बहुत बड़े रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। निवेशकों को केवल 6-8% का रिटर्न मिल सकता है।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

आखिर में, वरुण मल्होत्रा ने यह सलाह दी कि निवेशक मार्केट की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करें। स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स से दूरी बनाएं, और अपनी एक्सपेक्टेशन को रियलिस्टिक रखें।

निष्कर्ष:

वरुण मल्होत्रा की यह चेतावनी उन निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो वर्तमान में स्मॉल और मिड कैप स्टॉक्स में निवेश कर रहे हैं। मार्केट की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह समय है कि हम अपनी निवेश रणनीति पर पुनर्विचार करें और उन क्षेत्रों से दूर रहें जहां असंगतियां दिखाई दे रही हैं। मार्केट में रिटर्न की संभावनाएं कम हो सकती हैं, लेकिन सही दृष्टिकोण और धैर्य से हम अभी भी सुरक्षित निवेश के अवसर ढूंढ़ सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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