SBI Contra Fund की शुरुवात 05 जुलाई 1999 को हुई थी। इस प्रकार इस फंड ने आज तक एक लंबा सफर तय कर लिया है। इतने लंबे समयांतराल में बहुत सी घटनाएं घट चुकी हैं और देश के साथ सम्पूर्ण विश्व आर्थिक मंदिओं से करोना से जूझ कर ऊपर चुका है। यदि आप भी SBI Contra Fund के बारे में अधिक जानने के इच्छुक हैं तो आर्टिकल को आगे पढ़ते रहिए।
SBI Contra Fund का AUM साइज ₹34,366.71 करोड़ का है। इस फंड में ₹500 से SIP शुरू की जा सकती है जबकि लंपसम निवेश के लिए ₹5000 की आवश्यकता पड़ेगी। रेगुलर फंड का Expense Ratio 1.56% है जबकि डायरेक्ट फंड का Expense Ratio 0.61% है। वर्तमान समय में इस फंड की NAV ₹384.56 रेगुलर स्कीम के लिए चल रही है जबकि डायरेक्ट स्कीम के तहत इस फंड की NAV ₹416.20 के लगभग चल रही है। इस फंड को श्री दिनेश बालाचंद्रन एवं श्री प्रदीप केसवन द्वारा मैनेज किया जाता है।
SBI Contra Fund एक म्यूचुअल फंड स्कीम है जिसे SBI Mutual Fund द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड है, जिसका मुख्य उद्देश्य लंबे समय में पूंजी की वृद्धि करना है। Contra Fund का निवेश दर्शन थोड़ा अलग होता है और यह उन कंपनियों में निवेश करता है जिनका वैल्यूएशन वर्तमान में कम आंका गया है लेकिन भविष्य में उच्च प्रदर्शन की संभावना है।
Contra Fund का मतलब है कि यह फंड विपरीत निवेश रणनीति अपनाता है। इसका मतलब है कि यह उन स्टॉक्स में निवेश करता है जो वर्तमान में अनदेखा या कम आंके गए होते हैं लेकिन जिनके पास लंबे समय में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता होती है। ऐसे निवेशों से उच्च रिटर्न की संभावना होती है, हालांकि इसमें उच्च जोखिम भी शामिल होता है।
मुख्य विशेषताएँ
- लक्ष्य: लंबे समय में पूंजी वृद्धि।
- निवेश रणनीति: विपरीत (contra) रणनीति, मतलब ऐसे स्टॉक्स में निवेश जो वर्तमान में undervalued हैं।
- जोखिम स्तर: उच्च।
- उपयुक्तता: उन निवेशकों के लिए जो उच्च जोखिम सहने की क्षमता रखते हैं और लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं।
फायदे
- विविधीकरण: अलग-अलग सेक्टर और कंपनियों में निवेश करके जोखिम को बांटना।
- विकास की संभावना: ऐसी कंपनियों में निवेश जो वर्तमान में कम आंकी गई हों लेकिन भविष्य में उभरने की क्षमता रखती हों।
- पेशेवर प्रबंधन: अनुभवी फंड मैनेजर्स द्वारा निवेश का प्रबंधन।
जोखिम
- बाजार जोखिम: बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव।
- अल्पावधि में नुकसान: क्योंकि यह एक लंबी अवधि की निवेश रणनीति है, अल्पावधि में नुकसान हो सकता है।
- कंपनी-विशिष्ट जोखिम: किसी विशेष कंपनी के प्रदर्शन का फंड के प्रदर्शन पर प्रभाव।
SBI Contra Fund Returns
Years | Returns(%) |
1 Year | 47.38% |
2 Years | 38.76% |
3 Years | 29.25% |
5 Years | 29.61% |
7 Years | 1975% |
10 Years | 18.40% |
15 Years | 15.92% |
20 Years | 20.53% |
यदि किसी ने इस फंड में ₹10,000 के मंथली एसआईपी की होती तो 10 वर्षों में यह रकम 39 लाख के लगभग हो चुकी होती जबकि निवेश मात्र 12 लाख रुपए का किया गया होता। इसी फंड में यदि 10,000 की मंथली एसआईपी को 19 वर्षों के लिए किया गया होता तो यह 1.35 करोड़ रुपए के रकम बनाता जबकि निवेश मात्र 22.80 लाख रुपए का हुआ होता। यदि आपको यह रिटर्न बहुत ज्यादा लग रहे हैं तो आपको बता दूं की यह रकम मात्र 16.5% Annualised Return से बनी है।
- कृपया ध्यान रखे की पास्ट रिटर्न फ्यूचर रिटर्न की गारंटी नहीं हैं।
SBI Contra Fund Top Holdings (as on 30 Jun 2024)
Holding | Percentage |
---|---|
HDFC Bank Ltd. | 4.62% |
Kotak Mahindra Bank Ltd. | 2.69% |
GAIL (India) Ltd. | 2.63% |
State Bank of India | 2.53% |
Cash, Cash Equivalents and Others | 2.47% |
Whirlpool of India Ltd. | 2.35% |
Reliance Industries Ltd. | 2.34% |
Indus Towers Ltd. | 2.28% |
ITC Ltd. | 2.00% |
Oil & Natural Gas Corporation Ltd. | 1.91% |
ICICI Bank Ltd. | 1.84% |
SBI Contra Fund Sector Allocations (as on 30 Jun 2024)
Sector | Percentage |
---|---|
Financial Services | 20.61% |
Oil, Gas & Consumable Fuels | 9.87% |
Healthcare | 7.17% |
Information Technology | 6.24% |
Derivatives | 6.13% |
Sovereign | 5.47% |
Automobile and Auto Components | 5.41% |
Capital Goods | 4.75% |
Metals & Mining | 4.73% |
Power | 4.47% |
Fast Moving Consumer Goods | 4.41% |
Telecommunication | 3.70% |
Consumer Durables | 3.58% |
Construction Materials | 3.46% |
Cash, Cash Equivalents and Others | 2.47% |
Consumer Services | 1.94% |
Chemicals | 1.63% |
Realty | 1.44% |
Services | 1.13% |
Construction | 0.91% |
Textiles | 0.48% |
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डिस्क्लेमर: किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले, निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और निवेश की समयावधि पर विचार करना चाहिए। विशेषज्ञ से परामर्श लेना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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