Tata Motors: क्‍या कंपनी खतरे में है या है बाउंस बैक की तैयारी 2025?

अगर आप Indian Stock Market में रुचि रखते हैं, तो आपने जरूर Tata Motors के शेयर प्राइस में हाल ही के समय में आई गिरावट पर ध्यान दिया होगा। मात्र 4 महीनों में इसका शेयर प्राइस 32% गिरकर ₹790 के आसपास पहुंच गया है। यह गिरावट कंपनी के ऑपरेशनल और फाइनेंशियल सेगमेंट में चल रही चुनौतियों को उजागर करती है। आइए, जानते हैं कि टाटा मोटर्स की मौजूदा स्थिति क्या है और इसका भविष्य कैसा दिखता है।

Revenue Breakdown और Passenger Vehicles की चुनौतियां

Tata Motors का फाइनेंशियल 2024 का रेवेन्यू ब्रेकअप दिखाता है कि Passenger Vehicles (PV) का योगदान कुल रेवेन्यू में 12% है। हालांकि, इस सेगमेंट में कई समस्याएं सामने आ रही हैं।

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  1. Unsold Inventory: Federation of Automobile Dealers Associations (FADA) की रिपोर्ट के अनुसार, Passenger Vehicles की लगभग ₹73,000 करोड़ की इन्वेंटरी अनसोल्ड है। इसका मुख्य कारण त्योहारों के सीजन में अपेक्षित डिमांड पूरी न होना है।
  2. SUVs बनाम Lightweight Cars: SUV (Sports Utility Vehicles) की सेल्स अभी भी मजबूत हैं और All-Time High पर हैं। इसके विपरीत, लाइटवेट कारों की डिमांड लगातार गिर रही है।
  3. Competition: Mahindra जैसी कंपनियां इस सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत बना रही हैं, जिससे Tata Motors को चुनौती मिल रही है।

Commercial Vehicles और JLR की समस्याएं

Passenger Vehicles के अलावा Commercial Vehicles और Jaguar Land Rover (JLR) सेगमेंट में भी चुनौतियां बढ़ रही हैं।

  1. JLR Sales Drop: JLR की रिटेल सेल्स वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 3% गिरी है। चूंकि JLR का योगदान टाटा मोटर्स के रेवेन्यू में सबसे ज्यादा है, इस गिरावट का प्रभाव पूरे बिजनेस पर पड़ा है।
  2. Net Profit Decline: Tata Motors का Net Profit लगातार गिर रहा है। मार्च 2024 में दिखा स्पाइक एक Exceptional Consideration के कारण था, लेकिन जून और सितंबर तिमाही में नंबर लगातार खराब रहे।

Electric Vehicles: एक उम्मीद की किरण

Electric Vehicle (EV) सेगमेंट में Tata Motors ने भारतीय बाजार में लीडरशिप पोजीशन हासिल की है। अक्टूबर 2024 तक, कंपनी का EV Market Share 72% था, हालांकि पिछले साल यह 84% था। EV मार्केट सालाना 49% की ग्रोथ कर रहा है, और Tata Motors इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाए हुए है।

  1. Future Potential: Passenger Vehicles से मिलने वाले रेवेन्यू का हिस्सा 12% तक पहुंच गया है, जो कुछ साल पहले 5-6% के आसपास था। इसे 2025 तक 25% तक ले जाने की संभावना है।
  2. Separate EV Business: एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर Tata Motors अपने EV सेगमेंट को अलग एंटिटी बनाकर ऑपरेट करे, तो इससे बेहतर ग्रोथ मिल सकती है।

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टाटा मोटर्स का भविष्य: सुधार की रणनीतियां

Tata Motors के लिए सबसे जरूरी है कि वह अपने JLR सेगमेंट की परफॉर्मेंस में सुधार करे। यह कंपनी के रेवेन्यू का सबसे बड़ा हिस्सा है और यहां गिरावट का असर हर दूसरे सेगमेंट पर भी पड़ता है।

  • JLR पर फोकस: JLR के प्रोडक्ट्स और ब्रांडिंग को और मजबूत करना होगा। नए प्रोडक्ट्स और रीलॉन्च पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
  • EV सेगमेंट का विस्तार: EV बिजनेस में पहले से लीडर होने के कारण कंपनी को इनोवेशन और मार्केट शेयर बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए।
  • Cost Management: अनसोल्ड इन्वेंटरी और अन्य ऑपरेशनल लागतों को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।

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निष्कर्ष

Tata Motors फिलहाल कई समस्याओं से जूझ रही है, लेकिन इसका EV सेगमेंट एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। अगर कंपनी अपने JLR बिजनेस को स्थिर कर पाती है और EV में अपनी लीडरशिप बनाए रखती है, तो यह न केवल इन चुनौतियों से उबर सकती है, बल्कि अपने निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न भी दे सकती है।

तो, Tata Motors के निवेशकों के लिए असली खेल JLR के नंबर्स और EV सेगमेंट की ग्रोथ में छिपा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी किस तरह से इन चुनौतियों को अवसरों में बदलती है।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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