Monkey Story of Stock Market Dimension: हम में से बहुत से लोग शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश कर रहे हैं और अभी बहुतों को शुरू करना बाकी है। कई ऐसे लोग भी हैं जो शुरू करने के लिए सही समय समय का इंतजार कर रहे हैं। क्या यह स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सही समय है?
आजकल प्रत्येक स्थान पर चाहे वो कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो या वेबसाइट हो, बहुत सारी टेक्नोलॉजी के साथ, विशेषज्ञों, सलाहकारों और इनफ्लुएंसर की भरमार हैं जो अपनी एक्सपर्ट राय और सुझावों के साथ बाजार में उतार- चढ़ाव का अनुमान लगाते हैं।
कई टेलीग्राम ग्रुप्स, व्हाट्सएप ग्रुप्स, फेसबुक कम्युनिटी, ट्विटर और स्टॉक गुरुओं के साथ, कई ऐसे प्लेटफॉर्म भी हैं, जो अपने स्टॉक पिक्स के लिए 100% सक्सेस रेट (सफलता दर) का दावा करते हैं। स्टॉक ब्रोकर्स शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस करते हुए विभिन्न माध्यमों से टिप्स देते हैं और बार-बार SMS भेज कर कस्टमर्स को निवेश या ट्रेड करने के लिए प्रेरित करते हैं।
कई विशेषज्ञ बाजार के उतार- चढ़ाव के आधार पर अपना रुख बदलते रहते हैं। आपने अक्सर ऐसे विशेषज्ञों से सुना होगा, ”मैंने कहा था ना, मैंने तो पहले ही बोला था ना।” दोस्तों बड़े- बड़े भारी भरकम तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है जो आम आदमी की समझ से परे होता है, जिससे छोटे रिटेल इन्वेस्टर और भी ज्यादा भ्रमित हो जाते हैं।
मैंने और आपने भी अपने आस-पास ऐसे अनगिनत लोगों को देखा होगा जो शेयर बाजार के विविध आयामों को समझे बिना इस विविधता भरे शेयर बाजार में बिना कुछ जाने-समझे कूद पड़ते हैं और लगभग ऐसे सभी लोग फंस जाते हैं और कसम खाते हैं कि जिंदगी में अब कभी शेयर बाजार में निवेश नहीं करेंगे। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
Stepup AMC Sip in Zerodha Coin
तो दोस्तों, चलिए आज मैं आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से एक छोटी सी कहानी बताता हूं, जो शेयर बाजार के बारे में सोच बता सकती है। मैंने इस कहानी को काफी समय पहले पढ़ा था और मुझे पूरा यकीन है कि आप भी इस रोचक कहानी को उपयोगी पाएगे। इस कहानी को पढ़ना रोचक होगा जो आपके सामने स्टॉक मार्केट की असलियत लाएगी । तो चलिए शुरू करते हैं…..…
Monkey Story of Stock Market Dimension
एक बार एक गाँव में, एक आदमी दिखाई दिया। उसने गाँव वालों के बीच में यह घोषणा की कि वह गांव के प्रत्येक व्यक्ति से 10 रुपये में एक बंदर खरीदेगा। ग्रामीण यह सुनकर बहुत खुश थे, क्योंकि आस-पास के जंगलों में बहुत सारे बंदर थे।
इस अनोखे मौके को भांपते हुए ग्रामीणों ने जंगल में जाकर बंदरों को पकड़ना शुरू कर दिया जाहिर सी बात है कि जंगल में बंदरों की संख्या ज्यादा थी तो उनको पकड़ना भी आसान था। उस आदमी ने हजारों रुपये के बंदर खरीद लिए। जैसे-जैसे आस-पास के जंगलो में बंदर की आपूर्ति (संख्या कम) कम होने लगी वैसे-वैसे ग्रामीणों को बंदरों को पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी इसलिए ग्रामीणों ने उनको पकड़ने का प्रयास बंद कर दिया।
एक महीने के बाद, गांव में आए उस आदमी ने एक नई घोषणा की कि अब वह प्रत्येक ग्रामीण से 20 रुपये में एक बंदर खरीदेंगा। इस बार कीमत दुगनी हो चुकी थी इसलिए एक बार फिर ग्रामीणों ने सारे काम -धाम छोड़ कर नए सिरे से प्रयास शुरू किए और ग्रामीणों ने फिर से जंगलों में जाकर बंदरों को खोज-खोज कर पकड़ना शुरू कर दिया।जल्द ही आपूर्ति (बंदरों की संख्या) और भी कम हो गई और ग्रामीण पुनः अपने खेतों में वापस लौटने लगे।
गांव में आए उस आदमी ने एक बार फिर से ग्रामीणों के सामने नई पेशकश प्रस्तुत की। अब वह प्रत्येक बंदर के लिए 25 रुपए अदा करने के लिए तैयार था, लेकिन आस-पास के जंगलों में बंदरों की आपूर्ति (संख्या) इतनी कम हो गई थी कि एक भी बंदर को पकड़ना तो दूर देखना भी मुश्किल हो गया था।
कुछ दिन और बीतने के बाद गांव में आए उस आदमी ने ग्रामीणों के मध्य अब एक नई घोषणा की कि वह ग्रामीणों को प्रत्येक बंदर के लिए 50 रुपये अदा करेगा। साथ ही साथ उस आदमी ने यह भी बताया की उसे किसी व्यवसाय के लिए शहर जाना जरूरी है, इसलिए अब उसका सहायक उसकी ओर से खरीदारी करेंगा। वह आदमी अपने सहायक को अपना काम सौंप कर शहर चला जाता है।
अब उस आदमी की अनुपस्थिति में, उसके सहायक ने ग्रामीणों को बताया; “बड़े पिंजरे में इन सभी बंदरों को देखो जो उस आदमी ने एकत्र किया है। मैं उन्हें आपको (ग्रामीणों) 35 रुपये प्रति बंदर के हिसाब से बेच दूंगा और जब वह आदमी शहर से वापस आएगा, तो आप उन्हें प्रत्येक बंदर को 50 रुपये में बेच सकते हैं। ”ग्रामीणों को लगा कि यह बहुत ही अच्छा सौदा है, उन्हें बड़ा लाभ कमाने का अवसर सामने दिखने लगा।
ग्रामीणों ने अपनी पूरी बचत के साथ भारी ऋण लिया और पिजड़े में बंद सभी बंदरों को खरीद लिया लेकिन तब से ग्रामीणों ने न तो उस आदमी (जो व्यवसाय के लिए शहर गया था) और न ही कभी उसके सहायक को देखा, हर जगह केवल बंदर ही बंदर!
ग्रामीणों को बंदरों को बाहर छोड़ना पड़ा और वे सभी वापस जंगलों में चले गए। ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया और उनका (ग्रामीणों) जीवन पर से भरोसा उठ गया ।उनके (ग्रामीणों) पास भुगतान करने के लिए बहुत बड़ा कर्ज था और ग्रामीणों इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि वे कैसे उस व्यक्ति के जाल में फंस गए।
दोस्तों कृपया आप याद रखें .. लालच आपको गर्त मे ले जा सकता है। इस कहानी के बारे में चिंतन मनन करें…
यदि स्टॉक मार्केट विशेषज्ञ इतने विशेषज्ञ होते, तो वे सलाह नहीं बेचकर, स्टॉक खरीद रहे होते। लेकिन ऐसा नहीं होता है। शेयर बाजार की यही हकीकत है .. शेयर बाजार में आपका स्वागत है!
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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है। मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हूं। मुझे ब्लॉग लिखना और वीडियो बनाना बेहद पसंद हैं। मेरा उद्देश्य है की पाठकों को फाइनेंस जगत से जुड़ी जानकारियों को हिंदी में सरल, शुद्ध और जल्दी उपलब्ध करवाना है।
सरल शब्दों द्वारा उपयोगी जानकारी 👌🏻👍🏻