Credit Score और Loan प्राप्ति: जानिए क्यों आपका CIBIL स्कोर हो सकता है आपके लोन की राह में सबसे बड़ी रुकावट 2025!

आजकल, क्रेडिट स्कोर (Credit Score) हमारे वित्तीय जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। लोन लेने से लेकर क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने तक, हर वित्तीय निर्णय में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपका CIBIL स्कोर (CIBIL Score) कितना महत्वपूर्ण है? क्या आपके लिए लोन मिलना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि आपका स्कोर सही नहीं है?

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इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे एक कम Credit Score आपकी लोन प्राप्ति में बाधा बन सकता है और साथ ही इससे जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा करेंगे।

Credit Score क्या है और क्यों है जरूरी?

Credit Score एक संख्यात्मक मूल्य है जो आपके ऋण चुकाने की क्षमता को दर्शाता है। यह आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर 700 या उससे अधिक है, तो इसे अच्छा माना जाता है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर लोन और क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति को आसान बनाता है, जबकि कम स्कोर होने पर बैंक और वित्तीय संस्थान लोन देने में हिचकिचाते हैं।

CIBIL स्कोर में गड़बड़ी: क्या हो सकता है कारण?

CIBIL स्कोर आम तौर पर हमारे क्रेडिट इतिहास पर आधारित होता है, जिसमें लोन चुकाने, क्रेडिट कार्ड उपयोग और अन्य वित्तीय गतिविधियों की जानकारी शामिल होती है। लेकिन कभी-कभी, जिन लोगों ने लोन लिया ही नहीं है या जिनका क्रेडिट कार्ड नहीं है, उनका स्कोर भी खराब आ सकता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति का क्रेडिट इतिहास नहीं होता, जिससे उनका स्कोर अप्रत्याशित रूप से कम हो सकता है।

लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए सीधी बाधा

यदि आपका CIBIL स्कोर 700 के नीचे है, तो आपको लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में समस्याएं हो सकती हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान कम स्कोर वाले व्यक्तियों को उच्च ब्याज दरों (High Interest Rates) पर लोन देने के लिए तैयार होते हैं, या फिर पूरी तरह से लोन देने से इंकार कर देते हैं। यह प्रक्रिया आपके लिए वित्तीय दबाव का कारण बन सकती है, खासकर अगर आपको किसी आपातकालीन स्थिति में लोन की आवश्यकता हो।

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CIBIL स्कोर अपडेट करने में हो रही देरी

Credit Score को अपडेट करने में आमतौर पर बहुत समय लगता है, खासकर यदि आपके द्वारा पहले लिया गया लोन चुका दिया गया है, फिर भी यह जानकारी CIBIL और अन्य क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) के पास अपडेट नहीं होती है। अगर बैंक द्वारा आपकी क्रेडिट रिपोर्ट गलत तरीके से रिपोर्ट की जाती है, तो इसका असर सीधे तौर पर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है, जिससे लोन प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है।

CIBIL स्कोर पर गलत जानकारी का प्रभाव

कई बार, क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी होती है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ने किसी लोन की किस्त समय पर चुकाई हो, लेकिन रिपोर्ट में इसे डिफॉल्ट (Default) के रूप में दर्शाया गया हो। ऐसे में, Credit Score प्रभावित होता है और लोन लेने में कठिनाई उत्पन्न होती है। यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब संबंधित व्यक्ति इस गलती को सुधारने के लिए बार-बार शिकायत करता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।

कर्ति चिदंबरम का संसद में उठाया सवाल

कांग्रेस सांसद कर्ति चिदंबरम ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और सरकार से मांग की कि Credit Score अपडेट प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए। उनका कहना था कि इन निजी कंपनियों की ओर से की जा रही लापरवाही के कारण जरूरतमंद लोग बैंकों से लोन प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, इन कंपनियों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया बहुत धीमी और अव्यवस्थित है, जिससे आम आदमी को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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CRISIL और अन्य कंपनियां क्या कहती हैं?

भारत में Credit Score से संबंधित कई प्रमुख कंपनियां हैं, जिनमें CRISIL, TransUnion CIBIL, और Experian प्रमुख हैं। इन कंपनियों के द्वारा जारी किए गए स्कोर पर कई बार सवाल उठते हैं, खासकर जब उन्हें अपडेट करने में बहुत समय लगता है। इन कंपनियों का दावा है कि वे नियमित रूप से डेटा अपडेट करते हैं, लेकिन उपभोक्ता को इसका कोई प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिलता।

सरकारी कदम: क्या बदलाव आएगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस मुद्दे पर पिछले साल कई क्रेडिट ब्यूरो पर जुर्माना लगाया था, जिसमें CIBIL भी शामिल था। इसके बावजूद, यह समस्या अभी तक पूरी तरह से हल नहीं हुई है। हालाँकि, RBI ने यह घोषणा की है कि 2025 से नए नियम लागू होंगे, जो क्रेडिट स्कोर अपडेट को अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाएंगे। यह कदम आम आदमी के लिए राहत लेकर आ सकता है।

KYC प्रक्रिया और उसके दुरुपयोग की समस्याएं

केवाईसी (KYC) प्रक्रिया को लेकर भी बैंकिंग संस्थानों पर सवाल उठाए गए हैं। कई बार, बैंकों द्वारा ग्राहकों से बिना किसी बदलाव के फिर से केवाईसी अपडेट करवाने के लिए कहा जाता है, जिससे उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, कुछ बैंक थर्ड-पार्टी के जरिए केवाईसी अपडेट कराते हैं, जो ग्राहकों के लिए और भी अधिक समस्या पैदा करता है।

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समाधान: क्या है आम आदमी का अधिकार?

आखिरकार, आम आदमी का सबसे बड़ा सवाल यही है कि उनका Credit Score कैसे तय किया जाता है और इसमें किस तरह की पारदर्शिता होनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति ने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है, तो उसका CIBIL स्कोर कैसे खराब हो सकता है? यह सवाल हमेशा उठता है और इसका समाधान जल्द ही मिलना चाहिए। आने वाले समय में, उम्मीद की जाती है कि सरकार और RBI इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे और आम नागरिक को इस जटिल प्रक्रिया से राहत मिलेगी।

निष्कर्ष

क्रेडिट स्कोर (Credit Score) आज के वित्तीय जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, लेकिन इसकी पारदर्शिता और अपडेट प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है। CIBIL स्कोर और अन्य क्रेडिट ब्यूरो के कामकाज में सुधार के लिए सरकार और आरबीआई की ओर से जो कदम उठाए जा रहे हैं, उससे उम्मीद है कि आम नागरिक को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। यदि आपने अभी तक अपना क्रेडिट स्कोर चेक नहीं किया है, तो यह सही समय है कि आप इसे जांचें और अगर कोई गलती हो, तो उसे सुधारें।

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