Defense Stocks: पिछले एक साल में Defense Stocks ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिए हैं। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने 160% का रिटर्न दिया है, जो इंडेक्स के लिए असामान्य है। मझगांव डॉक, गार्डन रीच, पारस डिफेंस, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (HAL), भारत डायनामिक्स और एस्ट्रा माइक्रोवेव जैसे प्रमुख डिफेंस स्टॉक्स ने भी अद्वितीय वृद्धि दर्ज की है। इन कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है। इस लेख में, हम उन प्रमुख कारणों का विश्लेषण करेंगे जिन्होंने इस रैली को प्रेरित किया और यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या यह वृद्धि जारी रहेगी।
डिफेंस सेक्टर की वर्तमान स्थिति
Defense Stocks में इस भारी वृद्धि का मुख्य कारण घरेलू डिफेंस उत्पादन का उच्च स्तर पर पहुंचना है। पहले, सरकार अधिकांश डिफेंस उपकरण आयात करती थी, लेकिन अब घरेलू उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत का डिफेंस उत्पादन 1.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक है। इस वृद्धि का सबसे बड़ा लाभ सरकारी डिफेंस कंपनियों को मिला है, जिनका घरेलू डिफेंस उत्पादन में 80% हिस्सा है।
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डिफेंस एक्सपोर्ट में भी भारी वृद्धि
डिफेंस एक्सपोर्ट में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2023-24 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 32% की वृद्धि है। 10 साल पहले, यह आंकड़ा मात्र 686 करोड़ रुपये था। भारत अब लगभग 85 देशों को डिफेंस प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट कर रहा है, जिनमें इटली, मालदीव्स, रूस, श्रीलंका, यूएई और फिलीपींस शामिल हैं। हालांकि, भारत अभी भी दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस इम्पोर्टर्स में से एक है।
सरकारी डिफेंस कंपनियों की स्थिति
सरकारी डिफेंस कंपनियों की ऑर्डर बुक में भारी वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, HAL की ऑर्डर बुक 94,000 करोड़ रुपये की है और कंपनी के CFO के अनुसार, यह 3.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इसी तरह, भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) की ऑर्डर बुक 75,000 करोड़ रुपये से अधिक है और मझगांव डॉक की 36,000 करोड़ रुपये की है। इन कंपनियों की फाइनेंशियल ग्रोथ भी प्रभावशाली रही है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
क्या रैली जारी रहेगी?
डिफेंस सेक्टर की रैली जारी रहने के दो प्रमुख कारण हैं। पहला, भारत का डिफेंस बजट हर साल बढ़ रहा है और सरकार का फोकस डिफेंस इम्पोर्ट को कम करके एक्सपोर्ट को बढ़ाने पर है। इससे घरेलू कंपनियों को लाभ होने की संभावना है। दूसरा, वैश्विक स्तर पर युद्धों और संघर्षों की स्थिति में वृद्धि हो रही है, जिससे डिफेंस उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
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रैली के रुकने की संभावना
हालांकि, कुछ कारणों से रैली रुक भी सकती है। यदि भविष्य में इन कंपनियों की ग्रोथ उतनी मजबूत नहीं रहती, जितनी अब है, तो उनके प्राइस टू अर्निंग (P/E) रेश्यो में करेक्शन हो सकता है, जिससे शेयर की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, इंडियन डिफेंस कंपनियां कई मामलों में इम्पोर्टेड कंपोनेंट्स पर निर्भर करती हैं, जो सप्लाई चेन में समस्याएं पैदा कर सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
यदि आप डिफेंस सेक्टर में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप उन कंपनियों की ऑर्डर बुक्स और उनकी कॉन्फ्रेंस कॉल्स को ट्रैक करें। इसके अलावा, आपको इन कंपनियों के क्वार्टरली प्रॉफिट और रेवेन्यू ग्रोथ पर भी नजर रखनी चाहिए। डिफेंस सेक्टर में सभी कंपनियां सफल नहीं होंगी, इसलिए सही कंपनी का चयन करना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
डिफेंस सेक्टर की वृद्धि और इसमें आने वाले अवसरों को देखते हुए, निवेशकों को सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। जहां कुछ कंपनियां असाधारण रूप से सफल हो सकती हैं, वहीं कुछ कंपनियां अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाएंगी। इसलिए, निवेश से पहले पूरी रिसर्च करें और कंपनी के फंडामेंटल्स का ध्यानपूर्वक विश्लेषण करें। डिफेंस स्टॉक्स में निवेश करते समय, उनकी ऑर्डर बुक, क्वार्टरली परफॉरमेंस और वैश्विक परिस्थिति को ध्यान में रखें।
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