Defensive Stocks: हाल के वर्षों में बाजार की अस्थिरता के बावजूद, निवेशक अब फिर से FMCG, IT और फार्मास्युटिकल्स क्षेत्रों में अपनी पूंजी लगाने में रुचि दिखा रहे हैं। इन क्षेत्रों को आमतौर पर ‘Defensive Stocks’ कहा जाता है क्योंकि वे बाजार की उतार-चढ़ाव के दौरान भी स्थिरता बनाए रखते हैं। दिसंबर 2023 में इन क्षेत्रों का कुल भार चार साल के न्यूनतम स्तर 27.1% पर था, जो अब बढ़कर 27.6% हो गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि निवेशकों का विश्वास इन क्षेत्रों में बढ़ रहा है।
फार्मास्युटिकल्स के शेयरों की वृद्धि
फार्मास्युटिकल्स कंपनियों के शानदार प्रदर्शन के कारण सूचकांक में इन क्षेत्रों का भार बढ़ा है। जुलाई में FMCG और IT कंपनियों ने भी व्यापक बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। प्रमुख फार्मा कंपनियां जैसे सन फार्मा, सिप्ला, और डिविज लैबोरेटरीज (DIVI’S Laboratories) इस साल सूचकांक में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयरों में शामिल रही हैं। दिसंबर 2023 में 1.84% की तुलना में इस साल सूचकांक में शामिल चार फार्मा शेयरों का कुल भार बढ़कर 3.65% हो गया है।
FMCG और IT का प्रदर्शन
हालांकि इस साल की शुरुआत में FMCG और IT का प्रदर्शन कमजोर था, अगस्त में इन क्षेत्रों ने वापसी की है। जुलाई में FMCG क्षेत्र का भार 10.5% था, जो अब बढ़कर 10.7% हो गया है। इसी प्रकार, IT क्षेत्र का भार जुलाई के अंत में 12.3% से बढ़कर 13.2% हो गया है।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों को उम्मीद है कि निकट भविष्य में यह रुझान जारी रहेगा, क्योंकि बाजार में जोखिम वाले दांव की बजाय सुरक्षित निवेश पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के शोध एवं इक्विटी स्ट्रैटजी के सह-प्रमुख धनंजय सिन्हा के अनुसार, “साल के पहले छह महीनों में बाजार का विस्तार हुआ है और निवेशकों ने मिडकैप और स्मॉल कैप जैसे ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों तथा चक्रीय शेयरों पर दांव लगाया है। मगर पिछले एक महीने में बाजार में कम जोखिम वाले ट्रेड देखे जा रहे हैं और निवेशक अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले शेयरों पर दांव लगा रहे हैं।”
निवेशकों का रुझान
रुझान बदलने के साथ, निवेशक अब IT, FMCG और फार्मा क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों के शेयर पसंद कर रहे हैं। ये कंपनियां कर्ज-मुक्त हैं और निवेश की गई पूंजी पर दो अंकों में रिटर्न दे रही हैं। धनंजय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन क्षेत्रों की कंपनियों की आय अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक बढ़ी है, जिससे इनके शेयरों में तेजी आई है।
सरकारी नीतियों का प्रभाव
देश में मांग और रोजगार को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार का जोर भी सुरक्षित शेयरों को चमका रहा है। इस बार के बजट में औपचारिक रोजगार का बाजार बढ़ाने के लिए बड़े कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जिसके तहत पांच साल के दौरान शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ इंटर्न भर्ती किए जाएंगे, जिसके लिए वित्तीय प्रोत्साहन सरकार देगी।
बजट में नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तिगत आयकर में थोड़ी राहत दी गई है और सोना, चांदी तथा मोबाइल के आयात पर शुल्क घटाने की घोषणा की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन नीतिगत उपायों से लोगों के हाथों में अधिक पैसे आएंगे, जिससे निजी खपत में इजाफा होगा। इसका सकारात्मक असर FMCG और फार्मा कंपनियों पर दिखेगा।
अनुभवी निवेशकों की पसंद
विश्लेषकों का कहना है कि अनुभवी निवेशक आम तौर पर सुरक्षित शेयरों पर ही दांव लगाना पसंद करते हैं। इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जी चोकालिंगम ने कहा, “बेंचमार्क सूचकांक सर्वकालिक उच्च स्तर पर हैं और मिड एवं स्मॉल कैप शेयरों का मूल्यांकन नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। कई अनुभवी और बड़े निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बाजार में अचानक आने वाली गिरावट से बचाने के लिए सुरक्षित क्षेत्र की ओर जा रहे हैं।”
निष्कर्ष
FMCG, IT और फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र में निवेशकों का बढ़ता रुझान इन क्षेत्रों की सुरक्षा और स्थिरता को दर्शाता है। मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में, जहां जोखिम प्रबंधन महत्वपूर्ण है, इन क्षेत्रों के शेयर सुरक्षित निवेश के रूप में उभर रहे हैं। निवेशकों को इन क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाने के लिए सतर्कता से योजना बनानी चाहिए और अपने निवेश को संतुलित तरीके से विभाजित करना चाहिए।
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