मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और सह-संस्थापक रामदेव अग्रवाल ने CNBC-TV18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में भारत के शेयर बाजार और FIIs (Foreign Institutional Investors) की वापसी पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने माना कि फिलहाल India Inc. की Earnings में सुस्ती है, लेकिन इसे अस्थायी करार देते हुए विश्वास जताया कि FIIs की वापसी के बाद भारतीय बाजार में नई ऊंचाईयां देखने को मिलेंगी।
अग्रवाल ने कहा, “अभी मार्केट में Earnings धीमी हैं, पर यह अस्थाई है। अगले 6 महीनों में हमें राहत मिल सकती है। हमें Fiscal और Monetary सपोर्ट की जरूरत है और यह मिलेगा भी। अभी विदेशी निवेशक बाहर निकल रहे हैं, लेकिन जब वे लौटेंगे, तो उन्हें Nifty 30,000 के करीब मिलेगा।”
FIIs की बिकवाली का कारण और बाजार पर असर
पिछले 6-7 हफ्तों से FIIs लगातार भारतीय बाजार से निकासी कर रहे हैं, जिसका असर Nifty और Sensex पर साफ देखा जा सकता है। इस बिकवाली के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं-
- FIIs का चीन की ओर बढ़ना
- अमेरिकी बाजार में ट्रंप की चुनावी जीत के बाद का आकर्षण
- भारतीय बाजार में Earnings का Valuation से मेल न खाना
- अक्टूबर से अब तक FIIs ने ₹21,000 करोड़ से अधिक की भारतीय इक्विटी बेची है।
भारत की ग्रोथ का इंजन: इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल क्षेत्र
रामदेव अग्रवाल, राकेश दामानी, मनीष चोखानी और अशीष कुमार चौहान ने एक पैनल में चर्चा करते हुए भारतीय बाजार में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व पर जोर दिया। दामानी ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर देश की आर्थिक वृद्धि का आधार है, जबकि अग्रवाल ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को एक नॉन-लीनियर अवसर बताते हुए इसे “बूम” लाने वाला कहा।
Read Also: 4 Wind Energy Stocks: 37% तक की छूट पर मिल रहे हैं,अभी करें Watchlist में Add
नए निवेशकों के लिए सीख: कम्पाउंडिंग का जादू
अग्रवाल ने नए निवेशकों को सलाह दी कि वे मार्केट में धैर्य रखें और कम्पाउंडिंग की ताकत को समझें। उन्होंने कहा, “मार्केट में बने रहना और कम्पाउंडिंग के जादू पर भरोसा करना ही सफलता की कुंजी है।” वहीं, दामानी ने भी समर्थन किया कि बाजार में सही गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में लंबे समय तक निवेश किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि FIIs की वापसी के साथ ही भारतीय बाजार नई ऊंचाई छू सकता है, और Nifty 30,000 तक पहुंच सकता है। डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बढ़ती संभावनाएं भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती हैं, जो विदेशी निवेशकों को फिर से आकर्षित कर सकती हैं।
Read Also: क्या Indian Rupee गिरकर ₹90 प्रति डॉलर तक पहुँच सकता है? जानें किन Sectors पर पड़ेगा असर
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है। मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हूं। मुझे ब्लॉग लिखना और वीडियो बनाना बेहद पसंद हैं। मेरा उद्देश्य है की पाठकों को फाइनेंस जगत से जुड़ी जानकारियों को हिंदी में सरल, शुद्ध और जल्दी उपलब्ध करवाना है।