Gold ETFs ने हाल के वर्षों में निवेशकों के बीच खासा आकर्षण बटोरा है, खासकर तब जब मार्केट में अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता रहा है, और Gold ETFs इस दिशा में एक बेहतरीन विकल्प के रूप में उभरे हैं। यह न केवल फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुविधाजनक हैं, बल्कि यह लिक्विडिटी, कम जोखिम और आसानी से एक्सचेंज पर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं। Gold ETFs में निवेश आपको न केवल सोने की बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने का मौका देता है, बल्कि फिजिकल गोल्ड की तरह इसे स्टोर करने और सुरक्षा का झंझट भी नहीं होता।
Gold ETFs का प्रदर्शन और निवेश का बढ़ता आकर्षण
भारत में Gold ETFs (Exchange Traded Funds) ने हाल के दिनों में जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है, खासकर मजबूत प्रदर्शन और बढ़ती भू-राजनीतिक तनावों के बीच सुरक्षित निवेश के कारण। Gold ETFs को भारत में पैसिवली मैनेज्ड म्यूचुअल फंड स्कीम्स के रूप में देखा जाता है, जो 99.5% शुद्धता वाले गोल्ड बुलियन में निवेश करती हैं। यह ETFs घरेलू सोने की कीमत को बारीकी से ट्रैक करते हैं।
फिलहाल, भारत में 17 Gold ETFs उपलब्ध हैं, जिनमें Nippon India ETF Gold BeES, HDFC Gold ETF और SBI Gold ETF सबसे अधिक प्रबंधित एसेट्स वाले तीन प्रमुख फंड्स हैं।
LIC MF Gold ETF ने दिया सर्वाधिक रिटर्न
Icra Analytics के एक विश्लेषण के अनुसार, LIC MF Gold ETF ने 1 साल, 3 साल और 5 साल की अवधि में क्रमशः 29.97%, 17.47% और 13.87% का अधिकतम रिटर्न दिया है। जबकि अन्य Gold ETFs की औसत एक साल की रिटर्न दर 29.12% और 3 और 5 साल की अवधि में क्रमशः 16.93% और 13.59% रही। यह परिणाम फिजिकल सोने पर मिले औसत रिटर्न 30.13% (1 वर्ष), 18.03% (3 वर्ष) और 14.88% (5 वर्ष) से थोड़े ही कम हैं।
Gold ETFs में निवेश क्यों बढ़ रहा है?
Gold ETFs की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमुख कारण इसकी लिक्विडिटी, ट्रांसपेरेंसी, और ग्लोबल प्राइस एलाइन्मेंट है। खासतौर पर जब भू-राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं, तो गोल्ड को सुरक्षित निवेश माना जाता है। इस दौरान निवेशक फिजिकल गोल्ड के बजाय Gold ETFs में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि इसे स्टोर करने या चोरी का डर नहीं होता। इसके अलावा, फिजिकल गोल्ड में निवेश के साथ शुद्धता से जुड़े सवाल भी होते हैं, जो Gold ETFs में नहीं होते।
AUM में 7 गुना वृद्धि
भारत में पिछले पांच सालों में Gold ETFs के AUM (Assets under Management) में 7 गुना वृद्धि हुई है। सितंबर 2019 में यह ₹5,613.22 करोड़ था, जो सितंबर 2024 में बढ़कर ₹39,823.50 करोड़ हो गया है। इस साल की शुरुआत से ही Gold ETFs में 88% की बढ़त दर्ज की गई है। जनवरी 2024 में ₹657.46 करोड़ की तुलना में सितंबर 2024 में यह बढ़कर ₹1,232.99 करोड़ हो गया है।
Icra Analytics के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अश्विनी कुमार के अनुसार, “Gold ETFs की बढ़ती मांग के पीछे इसकी लिक्विडिटी, ट्रांसपेरेंसी, कम लागत और ट्रेडिंग में आसानी का बड़ा हाथ है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना से भी इन फंड्स में गतिविधि बढ़ी है।”
फिजिकल गोल्ड के मुकाबले Gold ETFs का फायदा
भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कंज़्यूमर है। जुलाई 2024 में सरकार द्वारा आयात शुल्क में कटौती के बाद त्योहारी सीज़न के दौरान सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद थी। हालांकि, सोने की ऊंची कीमतें निवेशकों के लिए एक बड़ी चिंता बनी हुई हैं। फिजिकल गोल्ड खरीदने में न केवल स्टोरेज और चोरी का जोखिम होता है, बल्कि शुद्धता से जुड़े सवाल भी उठते हैं, जो रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। इसके विपरीत, Gold ETFs सुरक्षित होते हैं और एक्सचेंज पर रियल टाइम में ट्रेड होते हैं।
निवेशकों के लिए सलाह: क्या करें?
अश्विनी कुमार के अनुसार, “निवेशकों को Gold ETFs में शॉर्ट से मीडियम टर्म के लिए निवेश पर विचार करना चाहिए। Buy on Dips की रणनीति अपनाने से अस्थायी कीमत सुधार के दौरान निवेशकों को लाभ हो सकता है। मौजूदा बाजार स्थितियों को देखते हुए, जहां इक्विटीज मिक्स्ड ट्रेंड्स दिखा रही हैं, गोल्ड में एक मॉडेस्ट एलोकेशन हेज के रूप में काम कर सकता है और इंफ्लेशन तथा मार्केट वोलैटिलिटी के खिलाफ जोखिम को संतुलित करने में मदद कर सकता है।”
ग्लोबल स्तर पर Gold ETFs में बढ़ते निवेश
ग्लोबल गोल्ड ETFs ने लगातार पांच महीनों तक नेट इनफ्लो दर्ज किए हैं। सितंबर 2024 में विश्व स्तर पर Gold ETFs के कुल AUM में 5% की वृद्धि हुई, जो $271 बिलियन तक पहुंच गया। इसके साथ ही, कुल गोल्ड होल्डिंग्स में 18 टन की वृद्धि हुई, जो सितंबर के अंत तक 3200 टन हो गई।
भारत में, Gold ETFs ने पिछले 20 महीनों में से 18 में नेट इनफ्लो रिकॉर्ड किया है। AMFI (Association of Mutual Funds in India) के डेटा के अनुसार, सितंबर 2024 तक भारतीय Gold ETFs का AUM ₹39,824 करोड़ हो गया है।
निष्कर्ष: क्या आपको Gold ETFs में निवेश करना चाहिए?
यदि आप अपनी निवेश रणनीति में सुरक्षा और स्थिरता की तलाश कर रहे हैं, तो Gold ETFs आपके पोर्टफोलियो के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। खासकर, जब इक्विटी बाजारों में उतार-चढ़ाव हो रहा हो, तो गोल्ड एक बेहतर हेज के रूप में काम करता है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की चाल और गोल्ड की कीमतों में अस्थायी गिरावट का लाभ उठाने के लिए “Buy on Dips” की रणनीति पर विचार करें।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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