Gold Loan में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी: कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन से 8 गुना ज्यादा तेजी क्यों?

भारत में Gold Loan की मांग तेजी से बढ़ रही है। आरबीआई (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक बैंकों के गोल्ड लोन की बकाया राशि सालाना आधार पर 56.2% बढ़कर ₹54,000 करोड़ हो गई है। यह वृद्धि कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, होम लोन, और व्हीकल लोन जैसे अन्य लोन कैटेगरीज की तुलना में कई गुना अधिक है। आइए समझते हैं कि Gold Loan की डिमांड इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रही है और इसका अर्थव्यवस्था पर क्या असर हो रहा है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Gold Loan की तेज़ी के पीछे मुख्य कारण

  1. मुद्रास्फीति (Inflation) का बढ़ता प्रभाव
    पिछले एक साल में देश में महंगाई दर में तेज़ी आई है। अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 6.21% पर पहुंच गई, जो पिछले 14 महीनों का उच्चतम स्तर है। खाद्य महंगाई (Food Inflation) में 10.87% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे लोगों के घरेलू बजट पर दबाव बढ़ा है।
  2. गोल्ड लोन की आसान उपलब्धता
    Gold Loan को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि यह एक सिक्योर्ड लोन (Secured Loan) है। इसमें बैंक सोने को गिरवी रखकर लोन देते हैं, जिससे इसे पर्सनल लोन (Personal Loan) की तुलना में सस्ता और सुलभ बनाया गया है।
  3. गोल्ड की कीमतों में बढ़ोतरी
    गोल्ड की बढ़ती कीमतों ने भी गोल्ड लोन की मांग बढ़ाई है। लोग अपने पुराने गोल्ड लोन को रिन्यू कराकर ज्यादा राशि उधार ले रहे हैं।
  4. पर्सनल लोन की तुलना में किफायती विकल्प
    गोल्ड लोन का ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में कम होता है। महंगे कर्ज (Costly Credit) और ऊंची महंगाई के बीच यह विकल्प अधिक किफायती है।

अन्य लोन कैटेगरीज में गिरावट

  • होम लोन: पिछले साल 36% की तुलना में इस साल 12% की ग्रोथ दर्ज की गई।
  • व्हीकल लोन: पिछले साल 20% की ग्रोथ के मुकाबले इस साल यह घटकर 11.4% रह गई।
  • कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन: फ्रिज, टीवी और एसी जैसी चीजों के लिए लिए गए लोन में इस साल केवल 6.6% की वृद्धि हुई।

आर्थिक मंदी का संकेत

Gold Loan की बढ़ती मांग यह संकेत देती है कि देश में उपभोक्ताओं के पास आवश्यक खर्चों के लिए पर्याप्त नकदी नहीं है। इस स्थिति ने खपत (Consumption) और निवेश (Investment) में कमी पैदा कर दी है, जो जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) को प्रभावित कर रही है।

बैंकों के लिए फायदेमंद, उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी

Gold Loan की वृद्धि बैंकों के लिए फायदे का सौदा है, लेकिन यह उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय दबाव का संकेत है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किसी भी प्रकार का लोन तभी लें, जब यह अत्यधिक जरूरी हो।

Read Also: Trafiksol IPO पर SEBI का ऐतिहासिक फैसला: निवेशकों के पैसे ब्याज सहित लौटाने का आदेश

Gold Loan के बढ़ते प्रभाव का निष्कर्ष

Gold Loan की बढ़ती मांग से यह साफ है कि ऊंची महंगाई और बढ़ती वित्तीय जरूरतों ने इसे लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बना दिया है। हालांकि, लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना बेहद जरूरी है। आर्थिक मोर्चे पर यह बढ़ती मांग एक बड़े बदलाव का संकेत हो सकती है, जो देश की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है।

नोट: गोल्ड लोन लेना आसान हो सकता है, लेकिन इसे जिम्मेदारी से लेना ही सही निर्णय होगा।

Read Also: UPI Transactions ने Debit Card को किया Outdated! जानिए क्यों लोग नहीं कर रहे इसका इस्तेमाल

Read Also: 10 साल में इन Top Gold ETFs ने दिए सबसे शानदार रिटर्न: जानिए, ₹10 लाख के निवेश पर कितना हुआ फायदा

डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment