हिडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research): अमेरिकी शॉर्ट-सेलर Hindenburg Research, जिसने इस साल की शुरुआत में अदानी समूह पर स्टॉक में हेरफेर और एकाउंटिंग में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भारत के लिए एक संदेश दिया: “कुछ बड़ा जल्द ही भारत में।”
हिडेनबर्ग के आरोपों के बाद अदानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के मार्केट कैप और शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई थी। इस घटना ने अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) समूह को पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड ₹20,000 करोड़ की FPO (Follow-on Public Offer) को रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया था।
इस साल जुलाई महीने में, सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अदानी समूह कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए CBI या एक विशेष जांच दल द्वारा कोर्ट-निगरानी जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “SEBI ने प्रारंभिक तौर पर एक व्यापक जांच की है इस कोर्ट के सामने रखे गए साक्ष्यों के आधार पर SEBI के खिलाफ कोई नियामक विफलता का आरोप नहीं लगाया जा सकता।”
Hindenburg Report और Adani Group केस का नया मोड़
Hindenburg Research का ट्रैक रिकॉर्ड
Hindenburg Research अब एक प्रमुख निवेश शोध फर्म बन गई है, जिसे नाथन (नेट) एंडरसन ने स्थापित किया था। यह फर्म अपनी रिपोर्टों के लिए जानी जाती है, जिनके बाद अक्सर कानूनी या नियामक कार्रवाई होती है।
इसके कुछ बड़े मामलों में शामिल हैं:
सितंबर 2020 की रिपोर्ट:
‘निकोलाः कैसे झूठ के महासागर को अमेरिका के सबसे बड़े ऑटो ओईएम के साथ साझेदारी में बदल दिया जाए’ – इस रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर्स और पूर्व कर्मचारियों की मदद से निकोला द्वारा कथित झूठ और धोखे की एक विशाल श्रृंखला का खुलासा किया गया था। निकोला एक अमेरिकी ऊर्जा समाधान कंपनी है जो इलेक्ट्रिक वाहन बनाती है।
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विन्स फाइनेंस:
हिडेनबर्ग ने खुलासा किया कि इस कंपनी ने अमेरिकी निवेशकों को यह बताने में विफलता दिखाई कि उसकी एक चीनी सहायक कंपनी पर RMB 350 मिलियन का एसेट फ्रीज लगाया गया था।
रिसोर्सेज यूटिलाइजेशन:
इस कंपनी को हिडेनबर्ग ने “100% डाउनसाइड” और “गंभीर वित्तीय संकट में” बताया था, जिसके लेखा-जोखा में “कई अनियमितताएँ” पाई गई थीं।
आरडी लीगल:
हिडेनबर्ग ने अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को इस हेज फंड के खिलाफ व्हिसलब्लोअर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे बाद में निवेशकों को गलत जानकारी देने के आरोप में कमीशन द्वारा आरोपित किया गया।
हिडेनबर्ग रिसर्च के इन खुलासों ने निवेशकों और बाजार नियामकों के बीच एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है।
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निष्कर्ष
भारत में Hindenburg Research की नई चेतावनी ने एक बार फिर बाजार में हलचल मचा दी है। निवेशकों और कंपनियों को सतर्क रहना चाहिए और यह देखना चाहिए कि आने वाले दिनों में कौन सी नई जानकारी सामने आती है।
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