Hindustan Zinc Demerger: भारत में Silver की कीमतों ने हाल ही में नया उच्चतम स्तर छुआ है, और ऐसे में Hindustan Zinc का डिमर्जर प्लान शेयरहोल्डर्स के लिए अधिक मूल्य उत्पन्न करने वाला साबित हो सकता है। Hindustan Zinc के CEO अरुण मिश्रा का कहना है कि माइनिंग मिनिस्ट्री के साथ डिमर्जर प्रस्ताव पर काम जारी है, जिसमें दो अलग-अलग कंपनियों का गठन शामिल है – एक ज़िंक के लिए और दूसरी Silver के लिए। इस डिमर्जर का उद्देश्य प्रमुख धातुओं में निवेशकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य उत्पन्न करना है।
Silver में उच्च मांग और डिमर्जर पर भरोसा
Silver की बढ़ती कीमतों का मुख्य कारण औद्योगिक मांग है, खासकर सोलर एनर्जी जैसे सेगमेंट में। Hindustan Zinc का राजस्थान स्थित सिंदेसर खुरद खदान विश्व की दूसरी सबसे बड़ी Silver खदान है, जो तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम है। मिश्रा का मानना है कि सिल्वर के लिए एक अलग कंपनी बनाना कंपनी के लिए दीर्घकालिक ग्रोथ का अवसर प्रदान करेगा और शेयरहोल्डर्स के लिए अधिक मूल्य उत्पन्न करेगा।
माइनिंग मिनिस्ट्री से मंजूरी का इंतजार
मिश्रा के अनुसार, डिमर्जर प्लान की मंजूरी के लिए माइनिंग मिनिस्ट्री से चर्चा जारी है, और प्रस्तावित दो-स्टेज कंपनी स्ट्रक्चर (ज़िंक और सिल्वर) पर काम हो रहा है। यदि यह डिमर्जर होता है, तो यह कंपनी के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ ला सकता है। पहले प्रस्तावित डिमर्जर के समय Hindustan Zinc की मार्केट कैप $16 बिलियन थी, जो अब $25 बिलियन से अधिक है, और ब्रोकरेज हाउसेस की रिपोर्ट्स इस डिमर्जर से अधिक मूल्य उत्पन्न होने का संकेत दे रही हैं।
ज़िंक की कीमतें और भविष्य की मांग
मिश्रा का कहना है कि ज़िंक की कीमतें $3,000 प्रति टन के आसपास स्थिर रहेंगी, और यह रेंज निकट भविष्य में बनी रह सकती है। अमेरिकी चुनावों और इन्फ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी के अनुसार वैश्विक बाज़ार में ज़िंक की कीमतों में हलचल देखी जा सकती है, जबकि भारतीय बाजार में मजबूत मांग बनी रहेगी, खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऑटो सेक्टर से।
उत्पादन लागत में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान
Hindustan Zinc ने Q2 (जुलाई-सितंबर) में पिछले चार सालों में सबसे कम उत्पादन लागत $1,071 प्रति टन दर्ज की है। यह कमी नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते योगदान के कारण है, जो Q1 में 8% से बढ़कर Q2 में 14% हो गई है और Q4 तक 20% तक पहुंचने का अनुमान है। मिश्रा का कहना है कि उत्पादन लागत में यह कमी अगले दो तिमाही में और बनी रह सकती है।
सिल्वर उत्पादन में नई तकनीक का लाभ
Silver फ्युमर के इंस्टॉलेशन के बाद, मिश्रा का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी का उपयोग शुरू हो चुका है। चीनी विशेषज्ञों को वीज़ा न मिलने के कारण इसमें देरी हुई, लेकिन अब नवंबर से यह पूरी तरह चालू हो जाएगा और जनवरी-मार्च की अवधि में उत्पादन तेजी से बढ़ेगा।
निष्कर्ष: शेयरहोल्डर्स के लिए बढ़ती संभावनाएं
Hindustan Zinc का Demerger प्लान न केवल कंपनी को अधिक संगठित बनाएगा बल्कि शेयरहोल्डर्स के लिए भी बड़ा लाभ उत्पन्न करेगा। बढ़ती सिल्वर कीमतें, मजबूत मांग, और कम उत्पादन लागत जैसी स्थितियां कंपनी को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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