भारत ने Semiconductor और चिप मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत पकड़ बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारत तेजी से दुनिया के लिए अगला Semiconductor हब बनने की ओर अग्रसर है। इस दिशा में सरकार का उद्देश्य देश को एक टेक्नोलॉजी सुपरपावर के रूप में स्थापित करना है।
भारत की Semiconductor मैन्युफैक्चरिंग योजना
भारत सरकार ने Semiconductor मैन्युफैक्चरिंग के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के पांच प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इससे सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार होगा और देश की वैश्विक पोजिशन मजबूत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह योजना अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने और भारत को एक प्रमुख सेमीकंडक्टर उत्पादक बनाने पर केंद्रित है।
न्यूयॉर्क में हाल ही में पीएम मोदी और ग्लोबल टेक्नोलॉजी सीईओ के बीच हुए गोलमेज सम्मेलन में भारत की इस योजना को और बल मिला। इस बैठक के दौरान, तीन टॉप अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने किसी भी देश के लिए इस तरह का उत्साह पहले कभी नहीं देखा।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी की भारत में एंट्री
भारत की Semiconductor इंडस्ट्री की अपार संभावनाओं को देखते हुए, प्रमुख ग्लोबल कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए तैयार हैं। माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने घोषणा की है कि 2025 की शुरुआत तक भारत में पहली चिप मैन्युफैक्चर होगी। इसके अलावा, CG Power की सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा में मैन्युफैक्चरिंग कार्य जारी है।
असम में टाटा की ATMP (Advanced Testing, Marking, and Packaging) सुविधा में भी निर्माण कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है। इस प्रकार की प्रोडक्शन यूनिट्स से भारत की घरेलू और वैश्विक सेमीकंडक्टर जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
Read Also: PE Ratio और PEG Ratio: शेयर मार्केट में Valuations समझने का सही तरीका
Semiconductor मार्केट का विस्तार
भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक यह बाजार 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2019 के मुकाबले लगभग तीन गुना होगा। सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार की Semicon India Initiative और India Semiconductor Mission (ISM) जैसी पहलें भी महत्वपूर्ण हैं, जो फ्रंट-एंड फैब्रिकेशन, सेंसर, डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग, और सेमीकंडक्टर पैकेजिंग को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही हैं।
Semiconductor में भारत की अग्रणी भूमिका
विशेषज्ञों के अनुसार, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाकर भारत ग्लोबल सेमीकंडक्टर चेन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है। Semicon India Program और India Semiconductor Mission जैसी योजनाएं नवाचार को बढ़ावा देने, नई नौकरियां उत्पन्न करने और आर्थिक विकास को गति देने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
भारत के लिए भविष्य
भारत में Semiconductor मैन्युफैक्चरिंग का भविष्य उज्ज्वल है। बढ़ती मांग और सरकारी नीतियों के चलते, देश जल्द ही सेमीकंडक्टर और चिप मैन्युफैक्चरिंग में वैश्विक हब बन सकता है। इससे न केवल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि यह देश के आर्थिक विकास को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
Semiconductor का उपयोग मेडिकल उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कार, ट्रेन और लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में होता है। भारत में निर्मित चिप्स से इन सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकेगी, जिससे देश की तकनीकी शक्ति और मजबूत होगी।
Read Also: Small Cap Stocks: 2025 में ये 5 स्मॉल-कैप स्टॉक्स बना सकते हैं आपको करोड़पति
निष्कर्ष
भारत की Semiconductor इंडस्ट्री का विकास सरकार की योजनाओं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर निर्भर है। यदि सब कुछ योजनानुसार हुआ, तो भारत चिप मैन्युफैक्चरिंग में चीन और ताइवान जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा और ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में अपनी खास जगह बनाएगा।
Read Also: Jio Financial Services के शेयर का तकनीकी विश्लेषण: क्या यह निवेश के लिए उपयुक्त समय है?
Read Also: IREDA Share: में तकनीकी विश्लेषण, क्या निवेश के लिए यह सही समय है?
Read Also: Money Mistakes: 2025 में आपको गरीब बना देंगी ये 5 पैसे की गलतियाँ! जानें कैसे बचें इनसे
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है। मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हूं। मुझे ब्लॉग लिखना और वीडियो बनाना बेहद पसंद हैं। मेरा उद्देश्य है की पाठकों को फाइनेंस जगत से जुड़ी जानकारियों को हिंदी में सरल, शुद्ध और जल्दी उपलब्ध करवाना है।