Indian government bonds: पिछले चार सत्रों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय सरकारी बॉन्ड में ₹9,000 करोड़ (लगभग $1.06 बिलियन) का निवेश किया है। यह खरीदारी फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) के तहत की गई है, जिसमें अधिकांश बॉन्ड JPMorgan डेट इंडेक्स का हिस्सा हैं। यह ट्रेंड कमजोर GDP डेटा और केंद्रीय बैंक की संभावित मौद्रिक नीति में राहत की उम्मीदों से प्रेरित है।
GDP डेटा और Bond Yield पर असर
पिछले शुक्रवार जारी GDP आंकड़ों में धीमी आर्थिक वृद्धि दिखने के बाद 10 साल के Bond यील्ड में गिरावट आई और यह तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया।
- रीपो रेट और बॉन्ड यील्ड के बीच का अंतर भी सात साल के निचले स्तर पर आ गया है, जो संकेत देता है कि मौद्रिक नीति में राहत की संभावना बढ़ गई है।
- बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि RBI शुक्रवार को होने वाली नीतिगत बैठक में बैंकों के कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 4.5% से कम कर सकता है।
CRR कटौती से नकदी प्रवाह बढ़ेगा
अगर CRR में 50 बेसिस प्वाइंट (0.50%) की कटौती होती है, तो
- ₹1.1 लाख करोड़ की नकदी बैंकिंग सिस्टम में आएगी।
- इससे बॉन्ड की मांग और अधिक बढ़ेगी।
ANZ के अर्थशास्त्री धीरज निम ने कहा, “मौद्रिक नीति में संभावित राहत से बाजार बॉन्ड को सकारात्मक रूप से देख रहा है।”
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डॉलर Bond में बिकवाली के बाद नया ट्रेंड
नवंबर में विदेशी निवेशकों ने भारी बिकवाली की थी, जिसके कारण FAR बॉन्ड में शुद्ध बिक्री ₹10,000 करोड़ से अधिक हो गई थी।
- यह ट्रेंड अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के ऊंचे स्तर और डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के कारण फेडरल रिजर्व की नीतियों में अनिश्चितता से प्रेरित था।
- लेकिन हाल के GDP आंकड़ों और RBI की संभावित कार्रवाई ने निवेश का रुख पलट दिया है।
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विदेशी निवेशकों के लिए भारत की अपील
Straits Investment Management के CEO मनीष भार्गव के अनुसार,
- कमजोर GDP डेटा से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था सुस्त है।
- विदेशी निवेशक और बैंक मानते हैं कि RBI विकास दर को बढ़ाने के लिए जल्द दरों में कटौती कर सकता है।
- भारतीय बॉन्ड का ऊंचा यील्ड निवेशकों को आकर्षक रिटर्न की पेशकश कर रहा है।
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रुपये की स्थिरता और Bond की मांग
- हाल के हफ्तों में भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के मुकाबले सबसे कम कमजोर हुआ है।
- मजबूत रुपये और आकर्षक बॉन्ड यील्ड ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
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निष्कर्ष: Bond निवेश का भविष्य
भारत में मौद्रिक नीति में राहत की उम्मीद, कमजोर GDP डेटा, और उच्च यील्ड ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है।
- यदि RBI CRR कटौती या दरों में स्थिरता का संकेत देता है, तो Bondमें निवेश और बढ़ सकता है।
- यह ट्रेंड भारतीय बाजार में स्थिरता और विकास का संकेत है, जिससे विदेशी और घरेलू निवेशकों को फायदा होगा।
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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