Large Cap Index: आगामी जनवरी 2025 में Mutual Fund संगठन (AMFI) की शेयर समीक्षा में लार्जकैप श्रेणी में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। Nuvama Alternative & Quantitative Research की शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, 9 नए दिग्गज कंपनियां लार्जकैप सूची में शामिल होने की प्रबल संभावना रखती हैं। इनमें Rail Vikas Nigam, CG Power, और Indus Towers जैसी मिडकैप कंपनियां शामिल हो सकती हैं।
मिडकैप से लार्जकैप की ओर बढ़ते हुए शेयर
ICICI Prudential Life Insurance और Cummins India जैसी कंपनियों के भी लार्जकैप सूची में अपग्रेड होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही, हाल ही में सूचीबद्ध Bajaj Housing Finance भी लार्जकैप में अपनी जगह बनाने की ओर अग्रसर है।
शेयरों का वर्गीकरण कैसे होता है?
AMFI हर साल जनवरी और जुलाई में शेयरों की समीक्षा करता है। पिछले 6 महीने के Average Market Capitalization (MCap) के आधार पर कंपनियों को वर्गीकृत किया जाता है। Top 100 कंपनियां लार्जकैप, इसके बाद की 150 कंपनियां मिडकैप और शेष को स्मॉलकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है। यह प्रक्रिया फंड मैनेजर्स को Portfolio Diversification में मदद करती है।
कौन-कौन से शेयर होंगे प्रभावित?
रिपोर्ट के मुताबिक, Adani Total Gas, Shree Cement, Union Bank of India, Mankind Pharma और IDBI Bank जैसी कंपनियों के मिडकैप कैटेगरी में डाउनग्रेड होने की संभावना है, क्योंकि नए दावेदार लार्जकैप की सूची में जगह बना सकते हैं।
मिडकैप और स्मॉलकैप की नई संभावनाएं
Smaller Cap से Midcap में अपग्रेड होने वाली कंपनियों में प्रमुख रूप से 360 One WAM, Cholamandalam Investment & Finance, Aditya Birla Fashion & Retail और Emami जैसी कंपनियां शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, हाल ही में सूचीबद्ध Premier Energies, Ola Electric, और Brainbees Solutions भी मिडकैप सूची में जगह बना सकते हैं।
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बढ़ते MCap की सीमा
लार्जकैप में एंट्री के लिए Market Capitalization का Cut-off 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। 2020 में यह Cut-off 25,587 करोड़ रुपये था, जो जुलाई 2024 तक बढ़कर 84,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। मिडकैप के मामले में, यह सीमा तीन गुना बढ़कर 27,560 करोड़ रुपये हो चुकी है।
विशेषज्ञों की राय
Yes Securities के Executive Director Amar Ambani का मानना है कि लार्जकैप और मिडकैप के बीच का अंतर धीरे-धीरे कम हो रहा है। कई Midcap कंपनियां अब Largecap की श्रेणी में फिट हो रही हैं, जबकि बड़ी Smallcap कंपनियां Midcap कैटेगरी में आ रही हैं। उनके अनुसार, बढ़ते Cut-off के चलते लार्जकैप श्रेणी में कंपनियों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है।
निष्कर्ष
2025 में लार्जकैप और मिडकैप शेयरों के इस परिवर्तन से निवेशकों को बड़े मौके मिल सकते हैं। अगर आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इन संभावित परिवर्तनों पर नजर रखना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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