आज के अपने इस आर्टिकल में मैं उस सरकारी कंपनी के बारे में चर्चा कर रहा हूं जिसके नाम से भारत का हर वयस्क परिचित होगा और आज भी भारत के ग्रामीण क्षेत्र और अर्ध शहरी क्षेत्रों में जीवन बीमा का एक मात्र पर्याय और विश्वशनीय विकल्प बना हुआ है।
सभी को मालूम ही है कि LIC जीवन बीमा प्रदाता के साथ ही भारतीय शेयर बाजार का एक बड़ा निवेशक भी है। आज इस लेख में LIC की उसी भूमिका की चर्चा करेंगे की किस प्रकार LIC भारत में सबसे बड़ा घरेलू संस्थागत निवेशक है (DII)
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दशकों से LIC को सरकार का तारणहार समझा जाता है जब कोई सरकारी इश्यू पूरा नहीं भर पाता था तो सरकार LIC से उसे भरने को कहती थी (FPO हो या IPO या कोई विनिवेश) इस तरह से कई बार LIC ने उन कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी जो सरकार किसी अन्य को नही बेंच पाई, IDBI BANK इसका ताजा उदाहरण है।
LIC का VEDANTA की DELISTING को असफल करना
यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जब Small Investor के रूप में LIC ने VEDANTA के डीलिस्टिंग ऑफर के विरोध में मत देकर डीलिस्टिंग प्रयास को असफल किया था। आज वेदांता अपने ऑफर प्राइस से लगभग तीन गुने मूल्य पर ट्रेड कर रहा है। हाल फिलहाल में यह एलआईसी का ऐसा निर्णय रहा जिसकी सभी ने प्रशंशा की।
ताजा बाजार की तेजी का LIC ने कैसे उठाया फायदा
कारोबारी समूह | जून 23 में हिस्सेदारी | मूल्य करोड़ में | मार्च 24 में हिस्सेदारी | मूल्य करोड़ में |
रिलायंस | 6.37% | 1,11,998 | 6.19% | 1,50,249 |
टाटा | 4.22% | 97,548 | 4.05% | 1,29,622 |
अदानी | 4.27% | 43,160 | 3.76% | 64,414 |
भारती | 4.11% | 23,551 | 3.72% | 39,241 |
बिरला av | 4.86% | 25,663 | 4.03% | 31,943 |
JSW | 7.31% | 17,700 | 5.35% | 23,891 |
उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि एलआईसी ने देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के शेयर में अपनी हिस्सेदारी घटाई है परंतु इसके बाद भी उसकी हिस्सेदारी का मूल्य बढ़ा है। ऐसा उसके निवेशित शेयर में पिछले एक वर्ष में आई बड़ी तेजी के कारण ही संभव हो पाया है।
मार्केट की इस तूफानी तेजी में एलआईसी ने अपने निवेश में बड़ा पैसा बनाया है क्योंकि PSU शेयरों में एक मेगा रैली आई है और एलआईसी का इनमे ठीक-ठाक निवेश है।
LIC ने पिछले साल लगभग 80 शेयर में अपनी हिस्सेदारी घटाई है जिसमे मुख्यतया कई PSB (PUBLIC SECTOR BANK) और PSU शामिल हैं (कुल 16) इनमें मुख्य रूप से BHEL, SAIL, COAL INDIA, OIL,MOIL, SBI, HPCL, NMDC, CONCOR, ONGC, NTPC शामिल हैं। ऐसा एलआईसी ने अपने पोर्टफोलियो के साइज के 14 लाख करोड़ पहुंचने पर किया। उसके पोर्टफोलियो में इस कैलेंडर वर्ष में 1.6 लाख करोड़ की वृद्धि हुई है।
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इतने बंपर मुनाफे पर एलआईसी ने एक समझदार निवेशक के रूप कुछ प्रॉफिट बुक किया है जो लाज़मी था।
शेयर जिसमे LIC ने हिस्सेदारी बढ़ाई है
LIC ने कुछ शेयर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई भी है जैसे NAVIN FLUORINE, BATA, SWAN ENERGY, INFY, KOTAK BANK, ASIAN PAINT इसके अतरिक्त कुछ PSU में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है जैसे SJVN, NHPC, IRCTC, POWER GRID
LIC के हिस्सेदारी संबंधी सभी आंकड़े ACE EQUITY की रिपोर्ट से लिए गए हैं जिनका बिजनेस स्टैंडर्ड के एक लेख में उल्लेख है।
PSU में निवेश हो या अदानी ग्रुप में निवेश इनके लिए LIC को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है परंतु मार्केट की तूफानी रैली ने उस निवेश को सही साबित कर दिया।
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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम उमेश चन्द्र पाण्डे है। मैं अपने बचे समय में ब्लॉगिंग और डिजिटल कंटेंट क्रिएट करता हूं। मुझे फ़ाइनेंस से जुड़े विषयों पर लेख लिखना, पढ़ना और लोगों को जागरूक करना बेहद पसंद हैं, साथ ही मुझे सेहत और स्वास्थ से जुड़े विषयों में गहरी रुचि है, समय समय पर इस विषय पर भी आपको मेरे लेख मिलते रहेंगे।