भारतीय Mutual Fund निवेशकों के लिए चिंता की बात है कि बीते पांच वर्षों में सिर्फ 30% Equity Mutual Funds ही अपने Benchmark को मात देने में सफल रहे हैं। यह खुलासा हाल ही में प्रकाशित Information Ratio (IR) डेटा से हुआ है। IR एक ऐसा Risk-adjusted performance metric है जो बताता है कि किसी Fund Manager ने कितनी कुशलता से जोखिम लेकर अतिरिक्त रिटर्न हासिल किया है।
Information Ratio क्या है और यह क्यों जरूरी है?
Information Ratio (IR) = (Fund Return – Benchmark Return) / Tracking Error (Standard Deviation of Excess Return)
IR का स्कोर जितना ऊँचा होता है, उतना ही बेहतर Fund Manager का प्रदर्शन माना जाता है। आमतौर पर IR का दायरा -1.5 से +1.5 के बीच होता है।
आनंद राठी वेल्थ के संयुक्त CEO फिरोज अज़ीज़ के मुताबिक, “उच्च IR दर्शाता है कि Fund Manager ने बेंचमार्क की तुलना में बेहतरीन रिटर्न दिए हैं।” इसके उलट, नकारात्मक IR फंड के कमजोर प्रदर्शन की तरफ इशारा करता है।
सिर्फ 62 Equity Schemes का IR पॉजिटिव
आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 साल में 208 Active Equity Mutual Funds में से सिर्फ 62 का IR पॉजिटिव रहा है।
👉 Sectoral और Thematic Funds को छोड़ दें तो यह आंकड़ा और भी कमज़ोर हो जाता है।
Smallcap Funds सबसे कमजोर Performer
Equity Mutual Funds की बात करें तो Smallcap Category का प्रदर्शन सबसे खराब रहा।
21 में से सिर्फ 3 योजनाएं ही बेंचमार्क से बेहतर रहीं।
वहीं, Largecap और Midcap Funds में भी केवल 20% योजनाएं ही सकारात्मक IR दर्ज कर पाईं।
3 और 1 साल का Data देता है उम्मीद
हालांकि, 3 साल और 1 साल के आंकड़े थोड़ा बेहतर नजर आते हैं।
एक साल की अवधि में अधिकांश योजनाओं ने Largecap को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है।
तीन वर्षों में Largecap और Multicap Funds का प्रदर्शन काफी हद तक Benchmark से ऊपर रहा है।
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Information Ratio क्यों बना रहा है चर्चा का विषय?
विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च IR उस Fund Manager की क्षमता को दर्शाता है, जो सही समय पर Sector Switching और Stock Selection करता है।
प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के CEO विशाल धवन ने कहा,
“IR के साथ-साथ High Upside Capture और Low Downside Capture Ratio भी फंड की कुशलता को दिखाते हैं।”
Investors के लिए सलाह: सिर्फ IR ही नहीं, ये Metrics भी देखें
विशेषज्ञों की सलाह है कि निवेशक सिर्फ IR पर ही निर्भर न रहें।
इन अन्य Metrics पर भी ध्यान दें:
✔ Sharpe Ratio
✔ Alpha
✔ Beta
ये सभी आँकड़े Mutual Fund की विभिन्न Market Cycles में प्रदर्शन की निरंतरता दिखाते हैं।
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SEBI के नियम से बढ़ी पारदर्शिता
SEBI ने AMCs को IR डेटा सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं। इससे निवेशकों को अधिक पारदर्शिता मिल रही है और सही Mutual Fund चुनने में मदद मिलती है।
Incred Research की Analyst मेघना लूथरा के अनुसार, “Long-term Average IR निवेशकों को फंड के Active Management की सटीक जानकारी देता है।”
निष्कर्ष: सही Mutual Fund चुनने के लिए IR एक महत्वपूर्ण हथियार
वेंचुरा के निदेशक जुजेर गबाजीवाला ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि,
“जैसे-जैसे Mutual Fund Schemes की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे IR जैसे आंकड़ों का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।”
अगर आप भी Mutual Fund में निवेश कर रहे हैं, तो केवल Return नहीं बल्कि Information Ratio जैसे Risk-adjusted Performance Indicators पर भी ज़रूर ध्यान दें।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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