New Tax Regime: नई आयकर व्यवस्था की लोकप्रियता बढ़ने से लघु बचत योजनाओं में निवेश की संभावना घटने लगी है। लगभग 70% करदाताओं के नई आयकर व्यवस्था को अपनाने के कारण, सरकार को लोक भविष्य निधि (PPF) जैसी प्रमुख लघु बचत योजनाओं में जमा होने वाली राशि और ग्राहकों की संख्या में कमी का सामना करना पड़ सकता है। जिसके पीछे प्रमुख कारण नई कर व्यवस्था की बढ़ती स्वीकार्यता है।
PPF और अन्य योजनाओं में गिरावट
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 के बीच PPF में जमा राशि में गिरावट देखी गई है। सुकन्या समृद्धि खाता और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (NSC) जैसी योजनाओं की प्राप्तियों में भी गिरावट का संकेत मिल रहा है।
वरिष्ठ सलाहकार सुधीर कपाड़िया ने इस प्रवृत्ति को समझाते हुए कहा, “मुझे लगता है कि इसकी मुख्य वजह मुद्रास्फीति के हिसाब से रिटर्न की वास्तविक दरों में गिरावट हो सकती है, जो बैंक जमाओं के मामले में भी देखी गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रवृत्ति को म्यूचुअल फंडों में निवेश करने वालों की बढ़ती संख्या के साथ देखना चाहिए। इससे स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
सरकार की वित्तीय रणनीति
सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए शेष नकदी की निकासी, लघु बचत योजनाओं के तहत संग्रह और बॉन्ड बाजार से उधारी का उपयोग करती है। लघु बचत योजनाओं के ग्राहकों की संख्या 40 करोड़ से अधिक है, और इनमें निवेश पर कर लाभ मिलता है। इन योजनाओं में NSC, PPF, किसान विकास पत्र (KVP) और सुकन्या समृद्धि खाता जैसी 12 योजनाएं शामिल हैं। इनमें सुकन्या समृद्धि, PPF और NSC पर कर छूट भी मिलती है।
प्रसिद्द अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “यह स्वाभाविक है, लेकिन यह सरकार के पक्ष में काम करेगा। आज बाजार से उधार लेना राष्ट्रीय लघु बचत निधि (NSSF) के मुकाबले सस्ता है क्योंकि इस फंड से किसी भी निकासी की लागत औसत लागत से 50 आधार अंक अधिक होगी। इसलिए यह सभी को नई कर व्यवस्था की ओर जाने के लिए प्रेरित कर रही है।”
बजट अनुमानों में बदलाव
वित्त वर्ष 2025 के बजट अनुमान के अनुसार, राष्ट्रीय लघु बचत प्राप्तियों के लिए जुलाई के पूर्ण बजट में अनुमान को 50,000 करोड़ रुपये घटाकर 14.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जबकि अंतरिम बजट में यह आंकड़ा 14.77 लाख करोड़ रुपये था। PPF के लिए बजट अनुमानों में भी मामूली संशोधन किया गया है। पूर्ण बजट में PPF प्राप्तियों के अनुमान को मामूली घटाकर 1.77 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जबकि अंतरिम बजट में यह आंकड़ा 1.79 लाख करोड़ रुपये था।
ब्याज दरें अपरिवर्तित
सरकार ने घोषणा की है कि वह जुलाई से सितंबर 2024 के दौरान लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगी। सरकार के इस निर्णय का मतलब है कि मौजूदा दरें चालू तिमाही के दौरान भी बरकरार रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने 28 जून को जारी एक विज्ञप्ति में कहा था, “वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी।”
इस प्रकार, निवेशकों का नई आयकर व्यवस्था की ओर रुझान लघु बचत योजनाओं पर प्रभाव डाल सकता है। सरकार को इस प्रवृत्ति के प्रभावों को समझते हुए उचित कदम उठाने होंगे ताकि लघु बचत योजनाओं का आकर्षण बना रहे और निवेशकों को फायदा हो।
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