NSE Circular के बाद Zerodha ने Referrals प्रोग्राम बंद किया 2024

NSE Circular: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 14 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया था, जिसमें निवेशकों के हितों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इस सर्कुलर का उद्देश्य उन जोखिमों को नियंत्रित करना है जो अक्सर रेफरल प्रोग्राम्स के जरिए उत्पन्न होते हैं, जिससे नए ग्राहकों को अनावश्यक ट्रेडिंग करने को प्रोत्साहित किया जाता है।

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NSE के इस नए सर्कुलर के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को, जो किसी ग्राहक को ट्रेडिंग मेंबर (ब्रोकर) से संदर्भित करता है, उसे ट्रेडिंग मेंबर का अधिकृत व्यक्ति (Authorised Person – AP) बनाना आवश्यक होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी है, प्रत्येक व्यक्ति को पहले से स्टॉक एक्सचेंज से विशेष स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इस नए नियम का उद्देश्य ग्राहकों को सुरक्षित और निष्पक्ष ट्रेडिंग अनुभव प्रदान करना है।

एनएसई का मानना है कि यदि कोई ब्रोकर अपने ग्राहकों को रेफरल के रूप में उत्पन्न ब्रोकरेज का एक हिस्सा देता है, तो इससे रेफर करने वाले लोग अपने संदर्भित व्यक्तियों को ट्रेड करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जो कि ग्राहकों के सर्वोत्तम हित में नहीं है। इस प्रकार के व्यवहार से ग्राहक अनावश्यक जोखिमों में उलझ सकते हैं, जो उनके वित्तीय हितों के लिए हानिकारक हो सकता है।

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इस नए सर्कुलर के कारण, ज़ेरोधा ने भी अपने रेफरल प्रोग्राम को बंद करने का निर्णय लिया है। 25 अगस्त, 2024 से, ज़ेरोधा अपने मौजूदा रेफरल प्रोग्राम को समाप्त कर देगा। ज़ेरोधा ने घोषणा की है कि 31 जुलाई, 2024 को अद्यतन किए गए अंतिम वॉलेट बैलेंस के आधार पर ₹10 से अधिक के सभी रेफरल वॉलेट बैलेंस का भुगतान किया जाएगा। हालांकि, ज़ेरोधा कस्टमर्स अब भी प्रत्येक खाते के लिए, जिसे वो रेफर करते हैं, 300 रिवॉर्ड पॉइंट प्राप्त कर सकते हैं। इन रिवॉर्ड पॉइंट्स का उपयोग AMC या अन्य पार्टनर उत्पादों (जैसे Smallcase, Tickertape, Tijori, MProfit & Quicko) के पेड एक्सेस के लिए कर सकते हैं।

ज़ेरोधा ने जानकारी दी है की वो सीधे और विभिन्न मंचों के माध्यम से एक्सचेंजों के सामने यह मामला रख रहे हैं कि रेफरल प्रोग्राम को जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस पर आने वाले किसी भी अपडेट की जानकारी ज़ेरोधा अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता रहेगा।

NSE का यह कदम निवेशकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। रेफरल प्रोग्राम्स से उत्पन्न होने वाले संभावित हितों के टकराव को रोकने के लिए यह एक साहसिक और आवश्यक निर्णय है।

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