NSE IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अपने संभावित IPO की घोषणा की है, जो Hyundai के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक प्रस्ताव बन सकता है। NSE ने स्पष्ट किया कि IPO का उद्देश्य शेयर मूल्य खोज (price discovery) नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
NSE के मुख्य बिजनेस डेवलपमेंट अधिकारी, श्रीराम कृष्णन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मीडिया से कहा, “IPO से हमारी पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होगी। हम अनलिस्टेड मार्केट में ₹4.75 लाख करोड़ के वैल्यूएशन पर हैं और देश के सबसे बड़े एक्सचेंज के रूप में हमें बाजार के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि IPO के पीछे का मुख्य उद्देश्य शेयर मूल्य खोज नहीं है, क्योंकि NSE का कोई प्रमोटर नहीं है। “हम एक अर्ध-वाणिज्यिक संगठन (quasi-commercial organization) हैं,” उन्होंने कहा।
वर्तमान में NSE के करीब 20,000 शेयरधारक हैं, और अनलिस्टेड मार्केट में इसके शेयर बहुत लोकप्रिय हैं। हालिया बोनस इश्यू के बाद यह ₹2,000 प्रति यूनिट के करीब ट्रेड कर रहे हैं। NSE की मौजूदा मार्केट कैप करीब ₹4.75 लाख करोड़ है, और अगर NSE अपने IPO में 10% इक्विटी बेचता है, तो इसका आकार ₹47,500 करोड़ तक पहुँच सकता है, जो इसे भारत का सबसे बड़ा IPO बनाएगा।
सेबी से मंजूरी का इंतजार कर रहे NSE ने कहा, “जैसे ही अनुमति मिलेगी, हम IPO लॉन्च करेंगे।”
को-लोकेशन विवाद के बाद IPO की हरी झंडी
NSE का IPO 2016 में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल करने के बाद से रुका हुआ है, जब को-लोकेशन स्कैम में कुछ ब्रोकरों को एनएसई के सिस्टम्स और डेटा तक तेजी से पहुंच मिली थी। हालांकि, पिछले महीने सेबी ने अपर्याप्त साक्ष्यों के कारण इस मामले को समाप्त कर दिया, जिससे IPO का रास्ता साफ हो गया है।
NSE के CEO, आशीष कुमार चौहान ने हाल ही में कहा कि सेबी से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिलने के बाद वे DRHP को फिर से फाइल करेंगे।
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सितंबर तिमाही में, NSE का समेकित शुद्ध लाभ 57% बढ़कर ₹3,137 करोड़ हो गया, और परिचालन राजस्व में 24% वृद्धि दर्ज की गई।
NSE का कमोडिटी मार्केट में विस्तार
हालांकि, डेरिवेटिव्स मार्केट में कड़े नियमों के कारण NSE के कुछ राजस्व पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन NSE कमोडिटी मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। NSE के अधिकारी ने कहा, “हमें लगता है कि भारत में कमोडिटीज के लिए बड़ा अवसर है। हमने इस पर गहन विश्लेषण किया है और FPI से मिले फीडबैक के अनुसार कैश सेटल्ड कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।”
NSE अगले कुछ महीनों में गैर-कृषि कमोडिटीज पर फोकस के साथ नए कॉन्ट्रैक्ट्स लॉन्च करेगा, जिससे उसका कमोडिटी सेगमेंट मजबूत होगा।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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