पिछले कुछ वर्षों में भारत में Passive Investing का चलन तेजी से बढ़ा है, जिससे म्यूचुअल फंड निवेश का तरीका बदल रहा है। इस विषय पर हाल ही में Mutual Fund Corner में मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ-पैसिव बिजनेस प्रतीक ओसवाल और मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के डायरेक्टर-फंड रिसर्च कौस्तुभ बेलापुरकर ने चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे Passive Investing निवेशकों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बनता जा रहा है।
क्यों हो रहा है Passive Investing लोकप्रिय?
प्रतीक ओसवाल ने इसे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव करार दिया। उन्होंने कहा, “Passive Funds अब सिर्फ एक ट्रेंड नहीं हैं, बल्कि यह निवेश का मुख्य तरीका बनते जा रहे हैं।”
Motilal Oswal AMC द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चला कि Passive Funds अब निवेशकों के पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बन रहे हैं। इस सर्वे में 3,300 निवेशकों और 110 डिस्ट्रीब्यूटर्स की राय ली गई। नतीजों के अनुसार:
- 98% निवेशक अब Passive Funds के बारे में जागरूक हैं।
- 63% निवेशकों का मानना है कि यह एक अच्छा निवेश विकल्प है।
Passive Funds, जैसे Index Funds और Exchange-Traded Funds (ETFs), किसी विशेष इंडेक्स या मार्केट सेगमेंट का प्रदर्शन दोहराने का प्रयास करते हैं। इनमें फंड मैनेजर द्वारा व्यक्तिगत स्टॉक्स चुनने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे निवेश की लागत कम रहती है।
किसके लिए सही हैं Passive Funds?
कौस्तुभ बेलापुरकर ने Passive Funds के निम्नलिखित लाभ बताए:
- नए निवेशक: ऐसे लोग जो बाजार में नए हैं और फंड चुनने को लेकर असमंजस में हैं।
- लागत-सचेत निवेशक: जो कम लागत में मार्केट एक्सपोजर चाहते हैं।
- सरलता चाहने वाले: ऐसे निवेशक जो बार-बार मॉनिटरिंग से बचना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि Passive Funds अलग-अलग एसेट क्लास या मार्केट सेगमेंट तक आसान पहुंच प्रदान करते हैं।
Smart Beta Funds का उभरता ट्रेंड
प्रतीक ओसवाल ने Passive Funds के एक विशेष प्रकार Smart Beta Funds का जिक्र किया। ये फंड Factor-Based Strategies अपनाते हैं, जैसे उच्च ग्रोथ या कम वोलाटिलिटी वाले स्टॉक्स पर फोकस करना। इनकी लोकप्रियता से पता चलता है कि निवेशक नए और उन्नत निवेश विकल्पों को तेजी से अपना रहे हैं।
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Passive Funds का भविष्य
वर्तमान में, Passive Funds भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का लगभग 17-19% हिस्सा हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या आने वाले समय में तेजी से बढ़ेगी। प्रतीक ओसवाल के अनुसार, जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ेगी, Passive Investing भारत के म्यूचुअल फंड परिदृश्य को नया आकार देगा।
निष्कर्ष
कम लागत, सरलता और स्थिर रिटर्न के कारण Passive Investing भारत में एक क्रांति ला रहा है। यह न केवल नए निवेशकों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि अनुभवी निवेशकों के लिए भी एक मजबूत विकल्प बनता जा रहा है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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