इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है! Heavy Industries Ministry अब PM e-Drive Scheme के तहत मिलने वाली इलेक्ट्रिक दोपहिया (E2W) सब्सिडी के भुगतान को और तेज करने की तैयारी कर रही है। जहां अभी तक सब्सिडी का लाभ ग्राहकों को मिलने में औसतन 40 दिन लगते थे, वही प्रक्रिया अब घटकर मात्र 5 दिन में पूरी हो सकती है।
PM e-Drive Scheme: क्या है बदलाव?
PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM e-Drive) पहल के तहत सरकार बैटरी क्षमता के आधार पर इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी देती है।
वित्त वर्ष 2025 में इस स्कीम के तहत प्रति किलोवाट-घंटा (kWh) बैटरी क्षमता पर ₹5,000 तक सब्सिडी दी गई थी। प्रत्येक वाहन के लिए अधिकतम सब्सिडी की सीमा ₹10,000 थी।
हालांकि, वित्त वर्ष 2026 के लिए इस सब्सिडी को घटाकर ₹2,500 प्रति kWh कर दिया गया है और प्रति वाहन अधिकतम ₹5,000 तक सीमित कर दिया गया है।
क्यों उठाया गया यह कदम?
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, सब्सिडी भुगतान में देरी विशेष रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया (E2W) वाहनों के मामलों में हो रही थी।
वित्त वर्ष 2025 में कुल 8.93 लाख दावे दर्ज किए गए, जिनमें से 1.26 लाख दावे अब भी भुगतान प्रक्रिया में हैं।
दिलचस्प बात यह है कि इनमें से 1.09 लाख दावे सिर्फ ई-दोपहिया (E2W) वाहनों के हैं, जिनकी सब्सिडी राशि लगभग ₹7.93 करोड़ बनती है।
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सब्सिडी भुगतान में देरी का मुख्य कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ी अड़चन फेस ऑथेंटिकेशन (Face Authentication) में आ रही है।
Center for Social and Economic Progress के एनर्जी, रिसोर्सेज और सस्टेनेबिलिटी फेलो, श्यामाशिष दास ने बताया कि —
“ज्यादातर दोपहिया वाहन व्यक्तिगत उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे जाते हैं, जिनके आधार कार्ड पर लगी पुरानी तस्वीरें उनके वर्तमान चेहरे से मेल नहीं खातीं। इससे पहचान सत्यापन में दिक्कत होती है।”
डीलर्स द्वारा खरीदार की नई तस्वीर खींची जाती है और FAME-II स्कीम के तहत इसे ऑफलाइन प्रोसेसिंग के बाद ऑनलाइन अपलोड किया जाता है। लेकिन जब इस डेटा को आधार से वेरीफाई किया जाता है, तो पुराने फोटो की वजह से कई बार सत्यापन फेल हो जाता है, जिससे सब्सिडी भुगतान में अनावश्यक देरी होती है।
नया सिस्टम कैसे काम करेगा?
फिलहाल प्रक्रिया यह है कि जब ग्राहक सड़क परिवहन मंत्रालय के VAHAN पोर्टल पर सब्सिडी का दावा करता है, तो भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (IFCI) उसे Heavy Industries Ministry को भेजता है, जिसमें लगभग 40 दिन लगते हैं।
अब योजना यह है कि IFCI को सब्सिडी दावा प्रोसेसिंग के लिए सप्ताहभर का लक्ष्य दिया जाए। एक बार जब यह सिस्टम पूरी तरह इंटीग्रेट हो जाएगा, तो ग्राहक को 5 दिन में ही सब्सिडी का पैसा मिल सकेगा।
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बिक्री और लक्ष्य
PM e-Drive के तहत वित्त वर्ष 2025 में सरकार ने 12.5 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया (E3W) वाहनों के बिक्री का लक्ष्य रखा था। हालांकि, वास्तविक बिक्री 10.7 लाख वाहनों पर ही पहुंच सकी।
ई-रिक्शा, ई-कार्ट और L5 कैटेगरी के ई-वाहनों के दावे भी सब्सिडी प्रक्रिया का हिस्सा हैं, लेकिन देरी सबसे ज्यादा ई-दोपहिया वाहनों में देखी जा रही है।
निष्कर्ष
PM e-Drive Scheme के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी को अब तेजी से प्रोसेस किया जाएगा। नई प्रक्रिया से EV खरीदारों को फायदा होगा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को देश में बढ़ावा मिलेगा। सब्सिडी के भुगतान में लगने वाला समय 40 दिन से घटकर मात्र 5 दिन हो जाएगा — यह सरकार के EV सेक्टर को बूस्ट करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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