भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 21 अप्रैल 2025 को बैंकों के लिए माइनर (नाबालिग) खातों से संबंधित दिशा-निर्देशों को अपडेट किया है। इन नए निर्देशों का उद्देश्य पुराने नियमों को सरल बनाना और पूरे बैंकिंग सिस्टम में एकरूपता लाना है।
आइए जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और माता-पिता व युवाओं के लिए इसका क्या मतलब है।
कोई भी माइनर अब अकाउंट खोल सकता है – लेकिन शर्तों के साथ
- अब किसी भी उम्र का माइनर अपने natural या legal guardian के ज़रिए savings या term deposit account खोल सकता है।
- साथ ही, माता (Mother) को गार्जियन के रूप में मान्यता दी गई है, जो पहले कई बार कानून में अस्पष्टता की वजह से चुनौतीपूर्ण था।
10 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे खुद भी खोल सकेंगे अकाउंट
- यदि बैंक की risk management policy अनुमति देती है, तो 10 वर्ष या उससे अधिक उम्र के माइनर खुद बिना गार्जियन के अकाउंट खोल सकते हैं और उसका संचालन कर सकते हैं।
- बैंक इस पर अपनी शर्तें तय कर सकते हैं और उन शर्तों की जानकारी खातेधारक को स्पष्ट रूप से देनी होगी।
बैलेंस हमेशा क्रेडिट में रहना चाहिए
- चाहे अकाउंट गार्जियन चला रहा हो या माइनर खुद, RBI ने स्पष्ट किया है कि ऐसे खातों को ओवरड्राफ्ट की अनुमति नहीं होगी। खातों में हमेशा क्रेडिट बैलेंस रहना चाहिए।
मेच्योरिटी पर जरूरी प्रक्रियाएं
- जब माइनर 18 साल का हो जाएगा (majority attain करेगा), तो बैंक को:
- नए operating instructions लेने होंगे,
- नया signature specimen लेना होगा,
- यदि अकाउंट गार्जियन चला रहा है, तो बैलेंस की पुष्टि करनी होगी।
बैंक सुविधाएं भी मिल सकती हैं – ATM, Net Banking
- बैंक अपनी नीति के अनुसार माइनर खातों में ATM card, cheque book, internet banking जैसी सुविधाएं भी दे सकते हैं, बशर्ते वह उपयुक्त और सुरक्षित हों।
KYC नियमों का पालन अनिवार्य
- बैंक को माइनर खातों के लिए भी पूरी KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया अपनानी होगी और ongoing due diligence भी करना होगा, जैसा कि RBI की 2016 की मास्टर डायरेक्शन में बताया गया है।
बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक बदलाव लागू करने होंगे
- RBI ने बैंकों से कहा है कि वे अपनी policies को revise या amend करें, ताकि वे इन नए निर्देशों के अनुरूप हों।
- तब तक, मौजूदा पॉलिसीज़ लागू रह सकती हैं।
पुराने सर्कुलर्स होंगे रद्द
- इस सर्कुलर के प्रभाव में आने के बाद, माइनर खातों से जुड़े कई पुराने RBI सर्कुलर रद्द कर दिए जाएंगे, जिससे प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता और सहजता आएगी।
निष्कर्ष:
RBI का यह कदम एक सकारात्मक और प्रगतिशील बदलाव है, जिससे बच्चों और युवाओं को जल्द ही वित्तीय आज़ादी और ज़िम्मेदारी सिखाई जा सकेगी। साथ ही, माता-पिता, खासकर माताओं को अब माइनर खातों पर अधिकार मिलने से बैंकिंग प्रोसेस और भी सहज होगा।
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